15 अगस्त 1947: कुछ अजब-गजब
भारत कब आजाद हुआ? 15 अगस्त 1947 को. इतना तो बच्चा-बच्चा जानता है. लेकिन आप उस दिन से जुड़ीं ये मजेदार बातें जानते हैं?
15 अगस्त ही क्यों?
ब्रिटिश-भारत के गवर्नर लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त ही क्यों चुनीं? क्योंकि उस दिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के हथियार डालने की दूसरी बरसी थी.
पाकिस्तान को पहले आजादी क्यों?
इस बारे में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है कि पाकिस्तान को एक दिन पहले आजादी क्यों मिली. एक वजह यह बताई जाती है कि 14 अगस्त 1947 को रमजान के पवित्र महीने का आखरी जुमा था, इसलिए मोहम्मद अली जिन्ना ने यह दिन चुना. एक बात यह भी कही जाती है कि माउंटबेटन को दोनों जगह औपचारिक रूप से सत्ता सौंपनी थी और वह एक ही दिन दिल्ली और कराची में नहीं हो सकते थे इसलिए वह पहले कराची गए और फिर अगले दिन दिल्ली आए.
महात्मा गांधी उस दिन कहां थे?
जब देश आजाद हो रहा था तो देश की आजादी की लड़ाई का सबसे बड़ा सिपाही मोहनदास कर्मचंद गांधी एक और लड़ाई लड़ रहा था. महात्मा गांधी उस दिन बंगाल में हो रहे दंगों को रोकने की कोशिश कर रहे थे.
क्या 15 अगस्त 1947 को जन गण मन गाया गया था?
नहीं. ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान के तौर पर 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया. 15 अगस्त 1947 को क्या गाया जाए, इस बारे में मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर कहा था कि ब्रिटिश राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ नहीं गाना है और चाहें तो वंदेमातरम या कोई अन्य गीत गाया जा सकता है. 14 अगस्त की रात संसद में सुचेता कृपलानी के वंदेमातरम गाने के साथ ही सभा शुरू हुई थी. बाद में उन्होंने ‘सारे जहां से अच्छा’ भी गाया.
पहले ध्वजारोहण में कौन?
15 अगस्त को जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया, तब वहां उनके पहले मंत्रिमंडल के 22 मंत्री मौजूद थे.
रात को क्यों हुआ समारोह?
कुछ लोग कहते हैं कि तत्कालीन नेताओं में यह विचार था कि 15 अगस्त का दिन शुभ नहीं है. इसलिए सरकार ने रात को ही संसद की सभा बुलाई और समारोह आयोजित किया गया. इसीलिए उस वक्त लॉर्ड माउंटबेटन उसमें शामिल नहीं हुए क्योंकि वह उस रोज कराची में थे.