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मसाला फिल्मों में दिलचस्पी नहीं: टिस्का

१० फ़रवरी २०११

तारे जमीन पर जैसी फिल्मों में दमदार भूमिका अदा करने वाली टिस्का चोपड़ा को मसाला फिल्मों में बतौर हीरोइन मौका न मिलने का कोई मलाल नहीं है. वह तो कहती हैं कि ऐसे रोल उन्हें करने ही नहीं हैं.

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मसाला फिल्मों से परहेजतस्वीर: Eros International

37 वर्षीय टिस्का कहती हैं कि अगर आपके पास करने को कुछ हो ही न, तो फिर फिल्म की हीरोइन बनने का क्या फायदा. उनके मुताबिक, "मझे नहीं पता कि क्या वाकई मसाला फिल्मों में हीरोइन के रोल मेरी प्राथमिकता हैं. कोई खास ठप्पा या पैसे मेरे लिए उतने अहम नहीं हैं. तारे जमीन पर, हाल में आई दिल तो बच्चा है जी और आने वाली फिल्म में लव, ब्रेकअप, जिंदगी में क्या मेरा लीड रोल नहीं कहा जाएगा."

टिस्का कहती हैं कि तारे जमीन पर में दर्शील सफारी की मां का किरदार निभाने के बाद उन्हें दिल तो बच्चा है जी में कामुक किरदार निभाने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई. वह कहती हैं, "तारे जमीन पर का बोझ दूसरे ही लोगों को ही महसूस हो रहा था. अगर मैं कोई ठप्पा चाहती हूं तो ऐसी अभिनेत्री का जिस पर कोई ठप्पा ही न हो. आपको नहीं पता कि आगे क्या हो और यही मुझे पसंद है."

टिस्का कहती है कि दिल तो बच्चा है जी में उनका रोल एक सरप्राइज एलीमेंट रहा है इसलिए उसका ज्यादा प्रचार भी नहीं किया गया. उनके मुताबिक, "तारे जमीन पर के बाद महसूस किया कि दिल तो बच्चा है जी में मेरा किरदार बिल्कुल ही अलग है. इसीलिए इसका प्रचार भी नहीं किया गया. फिल्म बनाने वालों ने सोचा कि इसे एक सरप्राइज ही रहने दिया जाए."

टिस्का आगे कहती हैं, "दिल तो बच्चा है जी में कुछ अलग करने के लिए मुझे सराहना मिली. चुनिंदा लोग ही ऐसा कर पाते हैं. सैफ अली खान जैसे एक्टर ओमकारा, बीइंग साइरस और लव आजकल जैसा काम एक साथ कर सकते हैं. लेकिन लड़कियों को ऐसे मौके कम ही मिलते है कि उन पर कोई ठप्पा न लग सके." बौद्ध धर्म को मानने वाली टिस्का का कहना है कि वह हमेशा इस बात की कोशिश करती है कि लोगों की तारीफ या आलोचना से बचें.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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