जर्मनी की राजधानी बर्लिन इतनी बेहाल क्यों है
जर्मनी में क्राइम रेट हो या बड़ी परियोजनाओं में गड़बड़ियां, बर्लिन मिसाल बनती है. 2022 की आखिरी रात को यहां हुई हिंसा के बाद फिर यहां के हालात पर बहस छिड़ गई है. क्या बर्लिन सचमुच जर्मनी का "गड़बड़ियों वाला शहर" है?
न्यू ईयर ईव पर हुई हिंसा के बाद फिर बहस शुरू
2022 की आखिरी रात को बर्लिन में हुई हिंसा के बाद कानून-व्यवस्था पर बहस शुरू हो गई है. बर्लिन समेत जर्मनी के कई प्रांतों में स्थानीय चुनाव होने हैं. ऐसे में बवेरिया के मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर ने बर्लिन की सेंटर-लेफ्ट सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वो ना तो चुनाव करवा सकती है, ना ही लोगों की सुरक्षा की गारंटी देने में समर्थ है.
अपराध और हिंसा
अपराध दर के मामले में बर्लिन, पूरे जर्मनी में पहले नंबर पर है. 2021 में यहां अपराध दर प्रति एक लाख लोगों पर 13,158 थी. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर हैम्बर्ग की तुलना में ये ज्यादा है. हैम्बर्ग में अपराध दर 10,062 है. बवेरिया में क्राइम रेट सबसे कम है. यहां प्रति एक लाख लोगों पर अपराध दर केवल 4,138 है. बवेरिया, जर्मनी का सबसे संपन्न राज्य भी माना जाता है.
सितंबर 2021 के चुनाव की स्थिति
26 सितंबर, 2021 को बर्लिन में एक साथ चार चीजों के चुनाव हुए. यहां एक ही दिन संसद, विधान सभा, स्थानीय जिला चुनाव और बड़ी हाउसिंग कंपनियों में सोशलाइजेशन पर जनमत संग्रह के लिए वोट डाले गए. इस दौरान कई गड़बड़ियां देखी गईं. मसलन, बैलेट पेपर का नहीं होना, मतपत्रों पर गलत नाम. और तो और, मतदान केंद्रों के तयशुदा समय से ज्यादा देर तक खुले रहने की भी शिकायतें आईं.
बर्लिन की आर्थिक स्थिति
बर्लिन में डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे कम आमदनी वाले और सामाजिक तौर पर पिछड़े घरों में रहते हैं. इनमें से ज्यादातर को सरकारी जनकल्याण योजनाओं का लाभ मिलता है. यानी जर्मनी की राजधानी में हर तीन में से एक बच्चा गरीबी में जी रहा है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान बर्लिन में गरीबी से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. अब तकरीबन हर पांच में से एक इंसान गरीब है.
एयरपोर्ट निर्माण की शर्मिंदगी
बर्लिन के हालात की एक बड़ी मिसाल वहां का नया बर्लिन-ब्रांडेनबुर्ग एयरपोर्ट भी है. इसे 3 जून, 2012 को शुरू किया जाना था. लेकिन निरीक्षण करने वालों को यहां करीब सवा लाख खराबियां मिलने से उद्घाटन टालना पड़ा. अरबों यूरो का बजट बढ़ने और लंबी देरी के बाद 31 अक्टूबर, 2020 को ये शुरू हो पाया. वहीं चीन का विशाल बीजिंग डेक्सिंग एयरपोर्ट बस 5 साल में तैयार हो गया था.
ओह, बर्लिन का साइकिल रूट!
बर्लिन को साइकिल फ्रेंडली शहर बनाने की कोशिश की गई. इसके लिए 2018 में शहर के सेलेनडॉर्फ जिले में सड़कों पर एक अजीब सी जिग-जैग डिजाइन की साइकिल लेन पेंट कर दी गई. इसकी बड़ी आलोचना हुई. सिटी काउंसिल के अधिकारियों ने सफाई दी कि जिस कॉन्ट्रैक्टर को साइकिल लेन पेंट करने का काम दिया गया था, उसे निर्देश देने में एक गलती की वजह से ये हुआ.
29 यूरो टिकट की कामयाबी
ऐसा नहीं कि बर्लिन में बस गलतियां ही होती हों. जर्मनी में इस साल गर्मियों में लाई गई 9 यूरो टिकट की स्कीम बड़ी कामयाब रही. इस पास से लोग पूरे देश में कहीं भी रीजनल-लोकल ट्रेनों और बसों में यात्रा कर सकते थे. इसके बाद जर्मनी में और कहीं ऐसी कोई स्कीम लाने की कोशिश कामयाब नहीं हो पाई है. लेकिन बर्लिन ने 29 यूरो के टिकट की एक स्कीम लागू की, जिसकी बड़ी तारीफ होती है.