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जर्मन फुटबॉल क्लब बायर्न म्यूनिख की दुविधा यह है कि वह अपने प्रायोजक कतर एयरलाइंस से आप्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर कितने कड़े सवाल पूछ सकता है. उधर मजदूरों की हालत खराब है तो इधर फैन्स नाराज हैं. आर्टिकल पर जाएं
कोविड के साये में सालों घूमने फिरने से दूर रहे लोग अब बाहर निकल रहे हैं तो उनका सामना कई दूसरी परेशानियों से हो रहा है.
गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने के बाद भारत सरकार ने आटे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
जर्मनी साइंस और टेक्नोलजी के मामले में दुनिया भर में मिसाल है. जर्मनी का हुम्बोल्ट फाउंडेशन भारत समेत दुनिया भर के रिसर्चरों को यहां आकर काम करने का मौका देता है.
जर्मन सरकार ने आप्रवासन तंत्र में सुधार का फैसला किया है जिससे ज्यादा प्रवासियों को यहां रहने की अनुमति मिल सकेगी.
आईआईटी की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में झारखंड के आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी ने यौन कुंठा पर बहस को तेज कर दिया.
कोरोना की जांच के लिए टेस्ट किट से ज्यादा कारगर और झटपट तरीका है, सीवेज. अगर सीवेज को टटोला जाए, तो एक बड़े इलाके में संक्रमण के ट्रेंड का जल्द पता लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं, सीवेज की मदद से कई और बीमारियों की भी जल्द शिनाख्त की जा सकती है.
मुख्तार अब्बास नकवी के राज्यसभा कार्यकाल के अंत के साथ पहली बार बीजेपी के पास ना कोई मुस्लिम सांसद बचा है और ना विधायक.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ईंधन और भोजन सामग्री की बढ़ती कीमतें 34.5 करोड़ लोगों को भूखा रहने को मजबूर कर रही है.
कश्मीर का सबसे बड़ा ग्लेशियर, कोलहाई, बेहद तेजी से खिसक रहा है. इसका मतलब है, घाटी में बहुत सारे पानी की आमद. बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि दलदली जमीन और झीलों की सफाई की जाए. एक बुजुर्ग लोगों को साथ लेकर झीलों को साफ करने की मुहिम चला रहे हैं.
श्रीलंका में लोग लकड़ी के चूल्हों की ओर लौट रहे हैं. गैस मिल नहीं रही, बिजली आ नहीं रही और लकड़ी के अलावा कोई चारा नहीं.
कहीं पानी की सप्लाई में कटौती है तो कहीं कोटा तय किया जा रहा है.
इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ का एक लिबास प्रदर्शन के लिए रखा गया है. इस लिबास का ऐतिहासिक महत्व भी है और कलात्मक भी.
इटली के कई इलाकों में सूखे की वजह से आपातकाल घोषित कर दिया गया है. देखिए किस हाल में है सूखाग्रस्त इटली.
कोई बात हमें इतना खुश कर देती है कि हमें लगता है जैसे हम आसमान में उड़ने लगेंगे, तो कोई बात हमें इतना हताश कर देती है कि हमें उसकी वजह से बुखार आ जाता है, हमारी तबियत खराब हो जाती है या कई बार हम अपनी जान लेने पर मजबूर हो जाते हैं. हम इतने एक्स्ट्रीम रिएक्शन क्यों देते हैं?