पानी में गहरे गोते लगाने वाली आखिरी जापानी महिलाएं
परंपराओं के देश जापान में फ्री-डाइविंग करने वाली महिलाओं, यानी 'अमा' की खास जगह है. ये बिना किसी खास डिवाइस के समुद्र के गहरे पानी में जाकर प्राकृतिक खजाने इकट्ठा करके लाती हैं.
सदियों से जारी परंपरा
समुद्र की गहराई में गोते लगाकर मछलियां और दूसरे सीफूड पकड़कर लाने वाली मछुआरनें जापान में "अमा" कही जाती हैं. ये महिलाएं किसी स्कूबा डाइविंग गीयर या ऑक्सीजन की टंकी के बिना समुद्र की तलहटी तक पहुंच पाती हैं. 77 साल की हो चुकीं साने कीसो, जापान के मिनामिहोसो की ऐसी ही एक गोताखोर हैं. दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्गों वाले देश जापान में कीसो इस उम्र में भी नियमित तौर पर यह काम करती हैं.
सफलता के लिए मिलकर प्रार्थना
पूर्वी जापान के मिनामिहोसो में एक स्थानीय सी फेस्टिवल में ये गोताखोर सफेद लिबास में इकट्ठे होकर समुद्र से अधिक-से-अधिक खाना पाने की प्रार्थना करती हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं इसी इलाके से आने वाली वॉलंटियर्स हैं. साल 2006 से अब तक मिनामिहोसो में अमा की तादाद में 70 फीसदी की कमी आई है. अब वॉलंटियर्स के सहयोग से सामूहिक प्रार्थना की इस परंपरा को चलाया जा रहा है.
युवा महिलाएं नहीं जुड़ रहीं
साने कीसो यहां बची कुल 40 गोताखोरों में से एक हैं. साल 2023 में मिनामिहोसो की इन डाइवर्स की औसत उम्र 72 साल के आसपास थी. 2006 में इनकी औसत आयु 68 हुआ करती थी. जापान में युवा महिलाएं अब इस बेहद कठिन काम के बजाए दूसरे पेशों को ज्यादा चुनती हैं.
कैसा लगता है गहराई में
1960 के दशक से ये गोताखोर अपनी सुरक्षा के लिहाज से नारंगी वेटसूट पहनती आई हैं. उससे भी पहले के समय में अमा, शरीर पर लॉइन का कपड़ा पहने और सिर पर स्कार्फ बांधकर गोते लगाया करती थीं. ये पानी में 20 मीटर, यानी करीब 65 फीट की गहराई तक बिना किसी ऑक्सीजन सिलिंडर के चली जाती हैं. ऐसा वे दिन में एक बार नहीं, बल्कि एक घंटें में कई बार करती हैं.
किस कीमती चीज के लिए इतनी मशक्कत
यहां अनुभवी गोताखोर साने कीसो अपने हाथ लगे खजाने को दिखा रही हैं. उनको मिले जीव 'एबेलोनी' (सी इयर्स) का मीट जापान में एक डेलीकेसी, यानी खाने की खास चीज माना जाता है. आमतौर पर डाइवर्स को समुद्री घोंघे, सी अर्चिन्स, मुशेल (शंख), एल्गी और ऑइस्टर्स मिलते हैं.
इससे अमीर क्यों नहीं बन पातीं
पहले यह काम करने वाली जापानी महिलाएं अच्छी कमाई कर पाती थीं. हालांकि, इस पेशे में यहां तक पहुंचने में काफी समय और अनुभव लगता था. मिनामिहोसो में करीब 16 सालों से इस काम से जुड़ी योशीनो गिरानो कहती हैं, "यह ऐसी जॉब नहीं है जिसमें आप फटाफट बहुत सारे पैसे कमा सकें."
क्या खत्म हो जाएगी परंपरा
51 साल की हो चुकीं आयुमी इनोवी, मिनामिहोसो की सबसे युवा गोताखोरों में से एक हैं. उन्होंने इसकी ट्रेनिंग तीन साल पहले ही शुरू की. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने बताया, "मैं बुजुर्ग महिलाओं को अमा के तौर पर काम करते देखकर बड़ी हुई हूं, मुझे उनके सूरज में तपे चेहरों पर बिखरी मुस्कान हमेशा आकर्षित करती थी."