हांगकांग में क्या यह अब तक का सबसे बड़ा संकट है
७ अगस्त २०१९चीन के हांगकांग और मकाऊ मामलों की जिम्मेदारी संभालने वाले विभाग का कहना है कि 1997 में चीन को वापस मिलने् के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा संकट है. यह बात दक्षिण चीनी शहर शेंजेन में एक बैठक के दौरान कही गई. हांगकांग का मामला देखने वाले विभाग के शीर्ष अधिकारियों में शामिल झांग जियाओमिंग का कहना है, "हांगकांग का संकट बीते 60 दिनों से जारी है और यह दिन ब दिन बदतर होता जा रहा है. हिंसक घटनाएं तेज हो रही हैं और समाज पर इनका असर फैल रहा है. यह कहा जा सकता है कि चीन को सौंपे जाने के बाद हांगकांग सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है."
बीते कई हफ्तों से हांगकांग में प्रदर्शन हो रहे हैं और अकसर यह हिंसक भी हो जाता है. विपक्षी दल नए प्रत्यर्पण कानून का विरोध कर रहे हैं. इस बिल को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है, लेकिन वापस नहीं लिया गया है. हांगकांग की नेता कैरी लाम के लिए विरोध प्रदर्शन सीधी चुनौती बन गए हैं और साथ ही हांगकांग में पूर्ण लोकतंत्र की मांग ने भी जोर पकड़ लिया है.
चीनी राष्ट्रपति के लिए चुनौती
बुधवार को भी यह प्रदर्शन जारी है और फिलहाल अमेरिका के साथ कारोबारी जंग में उलझने के बाद सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था का सामना कर रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती बन गया है. झांग ने बुधवार को हांगकांग के राजनीतिक संकट पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी जसमें चीनी संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस और चीन की मुख्य सलाहकार संस्था सीपीपीसीसी के हांगकांग के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. विपक्ष के कुछ लोकतांत्रिक नेताओं और विरोध प्रदर्शन करने वालों के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में बुलाया गया.
बैठक के बाद इसमें शामिल हुए कई लोगों ने बताया कि झांग ने पूर्व चीनी नेता डेंग शियाओपिंग के 1984 और 1987 में दिए भाषणों का हवाला दिया. चीनी नेता ने इन भाषणों में कहा था कि अगर हांगकांग में "उत्पात" होता है तो केंद्रीय सरकार को जरूर दखल देना चाहिए." हांगकांग में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का लंगर मौजूद है लेकिन फिलहाल विरोध प्रदर्शनों को शांत करने के लिए उनकी तैनाती की बात नहीं कही गई है. झांग का कहना है कि चीन का हांगकांग की सरकार और स्थानीय पुलिस पर भरोसा कायम है.
प्रदर्शनकारियों को चीन ने अब तक की सबसे कड़ी चेतावनी में कहा है कि "वो आग से ना खेलें." इसके साथ ही उन्होंने हांगकांग के नागरिकों से अपनी जन्मभूमि को बचाने की मांग की है. चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने अपने आधिकारिक ट्वीटर फीड पर एक वीडियो डाला है जिसमें हांगकांग से लगती सीमा पर शेनजेन में हजारों पुलिस अधिकारी दंगा रोधी प्रशिक्षण लेते दिख रहे हैं. हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण कानून का विरोध करने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. इस कानून में संदिग्धों पर चीन की अदालतों में मुकदमा चलाने की व्यवस्था है. बहुत से लोगों का मानना है कि इस कानून के लागू होने से हांगकांग की स्वतंत्र न्यायपालिका कमजोर होगी और हांगकांग पर चीन के पूर्ण नियंत्रण की दिशा में यह एक और कदम होगा.
वकील भी प्रदर्शन में शामिल
बुधवार को हांगकांग में सड़कों पर कई हजार वकीलों ने काले कपड़े पहन कर खामोशी से मार्च किया. इस मार्च के जरिए सरकार से न्याय विभाग की स्वतंत्रता को बचाने की मांग की गई. शहर के वकीलों को डर है कि न्याय विभाग गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों का राजनीतिक दमन कर रहा है. अब तक 500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गये हैं और इनमें बहुतों पर दंगा करने के आरोप लगे हैं. आरोप के साबित होने पर उन्हें 10 साल तक की कैद हो सकती है. एक महिला वकील ने नाम बताए बगैर कहा कि वह इस मार्च में इसलिए शामिल हुए ताकि, "सरकार यह निश्चित रूप से जान जाए कि हम चीन सरकार के दबाव या राजनीति के कारण न्यायिक स्वतंत्रता से समझौता नहीं करेंगे."
कुछ अज्ञात सरकारी वकीलों ने पिछले हफ्ते एक खुला पत्र जारी किया था जिसमें न्याय मंत्री तेरेसा चेंग पर राजनीति को न्यायिक सिद्धांतों के ऊपर रखने का आरोप लगाया गया. हांगकांग के प्रदर्शनकारी प्रत्यर्पण बिल को पूरी तरह से वापस लेने, संकट की स्वतंत्र जांच करने, पुलिस के कथित अत्यधिक बल प्रयोग की जांच और कैरी लाम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. 21 जुलाई की रात को युएन लोंग स्टेशन पर एक हथियारबंद भीड़ ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया जिसमें 45 लोग घायल हुए. इस मामले में अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन उन पर गैरकानूनी रूप से जमा होने का मामूली आरोप लगाया गया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें बचाने के लिए बहुत धीमी कार्रवाई की.
मंगलवार को पुलिस ने एक पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. ये लोग बैप्टीस्ट यूनिवर्सिटी के छात्र नेता कीथ फोंग की रिहाई की मांग कर रहे थे. इन लोगों का कहना है कि सादे कपड़े में आए पुलिसकर्मियों ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया है. फोंग लेजर प्वाइंटर खरीद रहे थे और पुलिस ने उन पर हथियार रखने का आरोप लगाया है.
एनआर/एमजे(रॉयटर्स)
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