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हांगकांग में सफेद कपड़े पहन उधम मचाने वाले कौन हैं?

२६ जुलाई २०१९

हांगकांग में सफेद कपड़े पहने लोगों की एक भीड़ ने दर्जनों लोगों को एक ट्रेन स्टेशन में बेरहमी से पीटा. शहर में चले आ रहे विरोध प्रदर्शनों में इस घटना के बाद एक अलग मोड़ आ गया है.

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Hongkong | Schlägertrupp attackiert Demonstranten
तस्वीर: picture.alliance/dpa/AP Photo/Stand News

छह लोगों को हिरासत में लिया गया है, और पुलिस के मुताबिक इनमें से कुछ का संबंध इस गैंग से बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस ने इस बारे में और ब्यौरा देने से मना कर दिया.  शनिवार की रात जब विरोध प्रदर्शन खत्म होने वाले थे तभी इस गैंग ने अचानक हमला किया. इसके बाद से ही इन लोगों की पृष्ठभूमि, उद्देश्य और संभावित राजनीतिक संबंधों को लेकर कयास लग रहे हैं.

अब तक क्या हुआ है?

कुछ हमलावरों ने सफेद मास्क पहन रखे थे जबकि बाकियों ने नहीं. सब सफेद कपड़ों में थे जबकि विरोध प्रदर्शन करने वाले यहां काले कपड़े पहनते हैं. सबके हाथ में डंडा या फिर लोहे का सरिया था. इसी से उन्होंने स्थानीय लोगों को अंधाधुंध पीटना शुरू किया. स्थानीय लोग लंबे दिन की थकान के बाद अपने घर लौटने के लिए स्टेशन पहुंचे थे.

ये लोग मध्य रात्रि से करीब एक घंटे पहले युएन लोंग स्टेशन पहुंचे और फिर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों को निशाना बनाना शुरू किया, हालांकि उन्होंने आम लोगों को भी निशाना बनाया. पुलिस के आने से पहले ये लोग भाग खड़े हुए, प्लेटफॉर्म पर खून के धब्बे थे और 45 लोग घायल थे. इनमें से एक की हालत गंभीर है.

Anti-Extradition Protest In Hong Kong International Airport
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/V. Yuen

क्या ये लोग गैंगस्टर थे?

हांगकांग की पुलिस ने सोमवार तक छह लोगों को इन हमलों के सिलसिले में पकड़ा है. इनमें से कुछ युएन लोंग के ग्रामीण इलाकों से आते हैं. इनकी उम्र 24 से 54 साल के बीच है और इनमें ड्राइवर, रेहड़ी लगाने वाले, मरम्मत का काम करने वाले मजदूर जैसे लोग शामिल हैं. हांगकांग के पुलिस अधिकारी चान तिन चू ने कहा, "इनमें से कुछ का रिश्ता ट्रायड से रहा है." ट्रायड हांगकांग में उन लोगों का गुट है जो संगठित रुप से हांगकांग में अपराध करते हैं. इन्हें चीन से संबंध रखने वाला भी माना जाता है.

हांगकांग की सिटी यूनिवर्सिटी में संगठित अपराध के विशेषज्ञ टी विंग लो का कहना है जिस स्तर पर हमला हुआ है उससे साफ है कि इसे ट्रायड ने पैसा दे कर ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों से कराया है. युएन लोंग स्टेशन का इलाका मुख्य रूप से दो ट्राए़ड गुटों के नियंत्रण में हैं. इनमें एक है वो शिंग वो और दूसरा 14 के. टी विंग लो का यह भी कहना है कि आमतौर पर एक गुट दूसरे को अपने इलाके में कोई अपराध नहीं करने देता.

इन्होंने ऐसा क्यों किया?

यह पूरी तरह से पैसे का खेल है. लो का कहना है कि रविवार को जिस तरह का हमला हुआ उसकी कीमत करीब 12.8 लाख डॉलर हो सकती है.  इस पैसे का ज्यादातर हिस्सा ट्रायड के नेताओं को जाता है जबकि असल में हमला करने वालों को उनके काम के लिए सिर्फ 250 डॉलर की रकम मिलती है. इससे पहले भी ट्रायड के सदस्यों ने लोकतंत्र के समर्थन में और उसके खिलाफ चल रहे अभियानों पर हमला किया है.

Anti-Extradition Protest In Hong Kong International Airport
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/V. Yuen

हांगकांग में 2014 के लोकतंत्र समर्थक ऑक्युपाई सेंट्रल प्रदर्शनों पर ट्रायड के गुटों ने हमला किया था और प्रदर्शनकारियों को पीटा था. इससे और पहले थियानमेन चौक पर जमा कार्यकर्ताओं को भी चीन के मुख्य हिस्से में भागने में मदद दी थी. इन सब के लिए पैसा लिया गया. लो का कहना है, "हांग कांग ट्राएड केवल पैसे के लिए काम करता है राजनीतिक विचारधारा के लिए नहीं. वे किसी के लिए काम कर सकते हैं."

किसने पैसा दिया?

इसके लिए करार बिचौलियों के जरिए होता है ऐसे में जिन लोगों ने इस हमले के लिए गुंडों को भेजा उनके बारे में अब भी सही जानकारी नहीं है.  हांग कांग के नेता कैरी लाम ने गुंडों और पुलिस के बीच किसी साठगांठ से इनकार किया है. हांग कांग के स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ऐन हमले के वक्त हरकत में नहीं आई.

टोरंटो यूनिवर्सिटी में राजनीति पढ़ाने वाले प्रोफेसर लिनेटे ओंग ने चीन के "किराए के गुंडों" के बारे में लिखा है, उनका कहना है कि सरकार ने कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर हमले के लिए किराए के गुंडों का इस्तेमाल किया है, हालांकि यह साफ नहीं है कि युएन लोंग के हमले को किसने शुरू किया.  ओंग का कहना है, "यह सच्चाई है कि उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने के लिए भेजा गया और यह कोई वो है जो प्रदर्शन रोकना चाहता है."

एनआर/एमजे (एपी)

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