स्टोनहेंज के नीचे एक ऐतिहासिक खोज
२२ जून २०२०पुरातत्त्वविदों ने बताया है कि उन्हें इंग्लैंड के विश्व-प्रसिद्ध स्टोनहेंज के पास धरती के नीचे एक महत्वपूर्ण इमारत के अवशेष मिले हैं जो लिखित इतिहास से भी पुराने समय के हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे स्टोनहेंज के इतिहास पर नया प्रकाश पड़ सकता है.
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के एक समूह के विशेषज्ञों का कहना है कि उस स्थल पर कम से कम 20 विशाल शाफ्ट हैं, जो व्यास में 10 मीटर से भी ज्यादा चौड़े हैं और पांच मीटर से भी ज्यादा गहरे हैं. ये 20 गड्ढे साथ मिल कर एक बड़ा घेरा बनाते हैं जो व्यास में दो किलोमीटर से भी ज्यादा बड़ा है.
ये नई खोज डरिंग्टन वॉल्स में स्थित है, जो कि स्टोनहेंज से करीब दो किलोमीटर दूर एक निओलिथिक युग का गांव है. शोधकर्ताओं का कहना है कि गड्ढों को करीब 4,500 साल पहले खोदा गया था और संभव है कि वो एक पवित्र इलाके की चौहद्दी हों या डरिंग्टन वॉल्स हेंज नामक एक गोलाकार इमारत का अहाता हो.
सेंट ऐन्ड्रूज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के रिचर्ड बेट्स का कहना है कि रिमोट सेंसिंग और सैंपलिंग के द्वारा की गई इस खोज ने "एक ऐसे बीते हुए वक्त के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है जिसमें एक ऐसा पेंचीदा समाज नजर आता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे."
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के पुरातत्त्वविद विन्स गैफ्नी ने इस "उल्लेखनीय" खोज पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा अध्ययन किए जा चुके स्थलों में से एक स्टोनहेंज अभी भी ऐसी नई खोज दे सकता है. उन्होंने कहा, "जब इन गड्ढों पर पहली बार ध्यान दिया गया था तो यह सोचा गया था कि ये प्राकृतिक होंगे." लेकिन जियोफिजिकल सर्वेक्षणों ने वैज्ञानिकों को इजाजत दी कि वो "बिंदुओं को मिला सकें और यह देखें कि यहां एक विशाल स्तर पर एक पैटर्न था."
पूरे ब्रिटेन में पत्थरों के घेरे फैले हुए हैं जिन्हें हजारों साल पहले बनाया गया था लेकिन आज भी इनके बनाए जाने की वजह एक रहस्य बनी हुई है. इनमें सबसे प्रसिद्ध है स्टोनहेंज जो कि 3000 ईसापूर्व से 1600 ईसापूर्व के बीच में बनाई गई एक विशाल संरचना है. यह ब्रिटेन के सबसे लोकप्रिय पर्यटन आकर्षणों में से है.
यह हजारों ऐसे लोगों के लिए एक तरह का आध्यात्मिक केंद्र भी है जो मानव समझ से परे की वास्तविकताओं में विश्वास रखते हैं. ये लोग गर्मियों और सर्दियों में सोल्स्टिस पर यहां आते हैं. बीते सप्ताह के अंत पर ही इस साल गर्मियों के सोल्स्टिस का जश्न होना था लेकिन कोरोनावायरस महामारी की वजह से वह हो ना सका.
सीके/आरपी (एपी)
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