ग्रीनहाउस गैसों के जमाव का नया रिकॉर्ड
२५ अक्टूबर २०२१संयुक्त राष्ट्र की संस्था डब्ल्यूएमओ के मुताबिक महामारी की वजह से लगी तालाबंदी के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के जमाव में अस्थायी घटाव जरूर देखने को मिला था लेकिन पिछले साल इसमें पिछले दशक के सालाना औसत से ज्यादा तेजी से बढ़त देखी गई.
संस्था ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड सब का स्तर सन 1750 के पूर्व औद्योगिक युग के समय के स्तर से ऊपर था. यह वो समय था जब इंसानी गतिविधियों ने "धरती के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ना शुरू कर दिया था."
लक्ष्य से बहुत दूर
संस्था के महासचिव पेटेरी टालस ने कहा, "ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन में सीओपी26 में शामिल होने वाले वार्ताकारों के लिए एक सख्त, वैज्ञानिक संदेश है. अगर इसी दर से जमाव होता रहा तो इस शताब्दी के अंत तक तापमान इतना बढ़ जाएगा कि वो पेरिस समझौते के लक्ष्य से कहीं ज्यादा होगा".
पेरिस समझौते के तहत धरती के तापमान को पूर्व औद्योगिक काल के तापमान के स्तर से 1.5-2.0 डिग्री से ऊपर नहीं जाने देना है. टालस ने कहा, "हम लक्ष्य पाने की राह से बहुत दूर चले गए हैं."
गंभीर असर
रिपोर्ट के लिए जानकारी एक ऐसे नेटवर्क ने इकठ्ठा ने की थी जो समुद्र और जीवमंडल द्वारा सोख लेने के बाद वायुमंडल में बाकी बची ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा पर नजर रखता है. रिपोर्ट के मुताबिक कार्बन डाइऑक्साइड के जमाव के वैश्विक औसत ने पिछले साल 413.2 प्रति मिलियन का स्तर छू लिया.
2020 की बढ़त पिछले दशक के सालाना औसत से ज्यादा थी. ऐसा तालाबंदी की वजह से जीवाश्म ईंधनों से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर में 5.6 प्रतिशत गिरावट के बावजूद हुआ.
टालस ने कहा कि 2015 में पार हो जाने वाला 400 प्रति मिलियन के ऊपर के स्तर का "हमारी रोजमर्रा की जिंदगी और भलाई, हमारे ग्रह की हालत और हमारे बच्चों और उनके बच्चों के भविष्य के लिए भारी नकारात्मक असर होगा."
सीके/एए (एपी)