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वाइनस्टीन का दोषी साबित होना औरतों को ताकत देगा

२५ फ़रवरी २०२०

न्यूयॉर्क के अभियोजक हार्वे वाइनस्टीन के दोषी साबित होने को एक निर्णायक पल मान रहे हैं जो यौन हिंसा के मामलों में अब तक के इतिहास को बदल सकता है. पहले इस तरह के मामलों को साबित करना मुश्किल माना जाता था.

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USA New York Weinstein Prozess
तस्वीर: picture-alliance/newscom/UPI Photo/J. Angelillo

न्यू यॉर्क की ज्यूरी ने हार्वे वाइनस्टीन को 2013 के एक मामले में बलात्कार और 2006 के एक मामले में यौन हिंसा का दोषी माना है. वाइनस्टीन के खिलाफ गवाही देने वाली ज्यादातर महिलाएं कथित हमलों के बाद भी उसके संपर्क में रही हैं और कई बार सहमति से यौन संबंध भी बनाए हैं. इन लोगों ने पहले वाइनस्टीन के अपराधों के बारे में रिपोर्ट नहीं की. उनकी शिकायतों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था. बावजूद इसके ज्यूरी ने वाइनस्टीन को दोषी माना.

मैनहटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वांस जूनियर ने फैसला सुनाए जाने के बाद कहा, "यह एक नया दिन है. बलात्कार, बलात्कार है चाहे पीड़ित एक घंटे के भीतर उसकी रिपोर्ट करे, एक साल के भीतर या फिर शायद कभी नहीं. यह ताकत और सहमति की जटिलताओं के बाद भी यौन हिंसा बलात्कार है. यह तब भी बलात्कार है जब इसका कोई ठोस सबूत ना हो."

हालांकि कुछ महिलाएं इस पर सावधानी बरतने की दलील दे रही हैं उनका कहना है कि कानूनी जमीन कितनी बदली है इसके बारे में तुरंत कुछ कहना जल्दबाजी होगी. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ वीमेन की न्यूयॉर्क चैप्टर की प्रमुख सोनिया ओसोरियो का कहना है,, "यह इस बात का संकेत नहीं है कि हमारा तंत्र और हमारी संस्थाए जादुई रूप से बदल गई हैं. यह एक मामला है, एक आदमी है. हमें इसके संदर्भों को बनाए रखना होगा." सोनिया ओसारियो इस मामले की ज्यादातर सुनवाइयों में मौजूद थीं.

USA New York Weinstein Prozess
तस्वीर: Reuters/J. Rosenberg

वाइनस्टीन के संपर्क में रहीं मनोरंजन जगत की दर्जनों महिलाओं ने कहा कि वाइनस्टीन ने उन्हें धमकाया, उन पर दबाव डाला, उन्हें विवश किया या फिर जबरन उनसे यौन संबंध बनाए. ये कथित संबंध कई दशकों में बनाए गए. कभी लॉस एंजेलेस में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान तो कभी कान फिल्म फेस्टिवल में या फिर न्यू यॉर्क और लंदन की कारोबारी मुलाकातों के दौरान. न्यूयॉर्क के मामले में केवल छह लोगों ने आरोप लगाया था. इनमें तीन आरोपों से सीधे जुड़े थे जबकि तीन की गवाही से अभियोजन का केस पक्का हुआ.

वाइनस्टीन के बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी कि यौन संबंध सहमति से बने और शायद इसमें कुछ "लेनदेन" भी हुआ. उन का कहना था कि वाइनस्टीन सेक्स चाहता था और ये लोग फिल्म जगत में उसकी ताकत का इस्तेमाल करना चाहते थे.

कानून मानता है कि अंतरंग साथी भी जारी संबंधों में नुकसान पहु्ंचा सकते हैं और ऐसे मामलों में किसी को दोषी ठहराने की घटना दुर्लभ है. कई वकीलों ने कहा कि ऐसे मामलों को साबित करना मुश्किल होता है. हालांकि अब हवा का रुख बदल रहा है, अभियोजक ज्यादा जोखिम ले रहे हैं और ज्यूरी इंसानी व्यवहार की जटिलताओं के प्रति ज्यादा सजग हैं.

USA Prozess Harvey Weinstein | Gerichtsskizze Schlussplädoyer Joan Illuzzi-Orbon
तस्वीर: Reuters/J. Rosenberg

न्यू यॉर्क के पूर्व यौन अपराध अभियोजक और अब बचाव पक्ष के वकील पॉस डेरओहानेसियन का कहना है, "यौन संबंधों में ताकत क्या है और यौन संबंधों में सहमति नहीं होने का क्या मतलब है, इस बारे में हमारी राय इस मामले के बाद बदल गई है."

2015 में एक मॉडल ने दावा किया कि वाइनस्टीन ने उन्हें जबर्दस्ती छुआ था. अटॉर्नी वांस ने पहले वाइनस्टीन पर इस मामले में अभियोग चलाने से मना कर दिया था. दो साल बाद जब कई और महिलाओं ने सामने आकर वाइनस्टीन की शिकायत की तो वांस के फैसले की कड़ी आलोचना हुई. आखिरकार वांस ने कुछ आरोपों पर सुनवाई शुरू की. सुनवाई के दौरान पहले गवाही देने वालों में पीड़ितों के व्यवहार के विशेषज्ञ ने कहा कि यौन हमले की पीड़ित का अपने हमलावर के साथ संपर्क में बने रहना असामान्य बात है.

एक दशक पहले इस तरह के विशेषज्ञ की गवाही को मंजूरी एक दुर्लभ बात थी. ज्यूरी ने दो सबसे गंभीर मामलों में वाइनस्टीन को आरोपमुक्त कर दिया. इसमें एक मामला बलात्कार का था जबकि दूसरे मामले में वाइनस्टीन को यौन शिकारी कहा गया था. ये आरोप अभिनेत्री अनाबेला सिओरा ने लगाए थे. अनाबेला का कहना था कि 1990 के दशक के शुरुआती सालों में वाइनस्टीन उनके अपार्टमेंट में घुस आए और उनके साथ बलात्कार किया.

New York Prozess Harvey Weinstein Zeugin Jessica Mann
तस्वीर: Reuters/J. Rosenberg

67 साल के वाइनस्टीन को अब भी 29 साल के लिए जेल की सजा हो सकती है. क्रिमिनल डिफेंस अटॉर्नी रिचर्ड कापलान का कहना है कि न्यूयॉर्क का मामला महिलाओं को सशक्त बनाएगा, उन्हें सामने आकर शिकायत करने के लिए साहस देगा और अभियोजक भी कठिन मामले को उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि अब और इस तरह के मामले सामने आएंगे. कापलान के मुताबिक, "अब एक रोडमैप है कि इस तरह के मामले में आप कैसे जीत सकते हैं.

इस तरह के मामलों में हमेशा महिलाएं सामने आने से डरती हैं. उनके समाज और प्रशासन के सामने अकसर प्रताड़ित होने का खतरा होता है. सबसे बड़ा डर यह होता है कि सारी मुश्किलें सहने के बाद भी उन्हें न्याय मिल सकेगा या नहीं, कहीं दोषी छूट तो नहीं जाएगा. इन सब से जूझने का एक रोडमैप तो मिल ही गया है.

एनआर/एमजे (एपी)

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