मोदी के भाषण में आतंकवाद पर चोट लेकिन कश्मीर का जिक्र नहीं
२७ सितम्बर २०१९शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में दुनिया के नेताओं से कहा कि आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना अनिवार्य है. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ जो कर रहा है उसकी वजह से उसके प्रति और अधिक गुस्से की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "हम ऐसे देश से आते हैं जिसने दुनिया को बुद्ध दिया है ना कि युद्ध. शांति का संदेश दिया है. यही वजह है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी आवाज में गंभीरता भी और आक्रोश भी."
इसी हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर को लेकर भारत के साथ युद्ध की चेतावनी दे डाली थी. संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक के दौरान न्यूयॉर्क में मुख्यालय के पास की सड़कों पर कश्मीर को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए.
20 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के जिक्र से की और बताया कि गांधी का अहिंसा और शांति का संदेश आज की दुनिया के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक है.
कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों का भाषण का इंतजार बड़ी बेसब्री से था. उन्हें उम्मीद है कि इसके बाद उनके ऊपर जारी प्रतिबंधों में कुछ ढील दी जाएगी और उनकी जिंदगी आसान होगी.
संयुक्त राष्ट्र की सालाना सभा में जमा नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत 2022 तक प्लास्टिक के कचरे से मुक्त हो जाएगा. मोदी ने कहा, "जिस वक्त मैं आपको यहां संबोधित कर रहा हूं उसी वक्त पूरे भारत में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू हो चुका है." अधिकारी बता रहे हैं कि इस साल 2 अक्टूबर से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग जाएगी.
प्रधानमंत्री ने भाषण में स्वामी विवेकानंद के विख्यात शिकागो भाषण का भी जिक्र करते हुए विश्व के प्रति अपनी और भारत की सोच का खाका खींचा. इसके साथ ही उन्होंने अपनी चुनावी जीत को ऐतिहासिक बताते हुए देश में विकास के लिए उठाए गए स्वच्छता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, आधार कार्ड जैसे प्रमुख कदमों का ब्यौरा दिया.
एनआर/एके (एपी)
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