पाकिस्तान में चुनाव के दौरान धमाका, 28 की मौत
२५ जुलाई २०१८पाकिस्तान में राष्ट्रीय संसद और चार प्रांतीय असेंबलियों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. इस बार चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती 2013 के चुनाव के मुकाबले पांच गुनी है. कुल 3.71 लाख फौजियों को सुरक्षा में लगाया गया है. हाल के सालों में चरमपंथियों के खिलाफ सेना के अभियानों के चलते पाकिस्तान में सुरक्षा हालात सुधरे हैं. लेकिन हालिया हमले दिखाते हैं कि चरमपंथ का पूरी तरह सफाया नहीं हो पाया है.
चुनाव के दिन बलूचिस्चान की राजधानी क्वेटा में एक मतदान केंद्र को निशाना बनाया गया. एक स्थानीय अधिकारी हाशिम गिलजई ने बताया, "हमलावर मतदान केंद्र के भीतर घुसने की कोशिश कर रहा था. जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने खुद को उड़ा लिया." चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
क्वेटा के एक अस्पताल के डॉक्टर मोहम्मद जफर का कहना है कि बुधवार को हुए हमले में मारे गए 28 लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. हमले में 40 अन्य लोग घायल भी हुए हैं. चुनाव प्रचार के दौरान भी बलूचिस्तान में एक बड़ा धमाका हुआ जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
बलूचिस्तान क्षेत्रफल के हिसाब से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. यह इलाका तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है. फिर भी वह देश का सबसे गरीब प्रांत है और काफी समय से अशांत चल रहा है. वहां चरमपंथ बढ़ने के साथ साथ कई अलगावादी गुट भी सक्रिय हैं.
चुनाव में मुख्य मुकाबला क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पीटीआई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएन (एन) के बीच है. हालांकि चुनावी सर्वे कहते हैं कि स्पष्ट बहुमत से दोनों ही पार्टियां दूर रह सकती हैं. तीसरी बड़ी सियासी ताकत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है जिसकी कमान पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल के हाथ में है.
एके/एमजे (एएफपी, डीपीए)