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निक्की हेली को किस बात के लिए याद रखे दुनिया

मिषाएल क्निगे
१० अक्टूबर २०१८

संयुक्त राष्ट्र से निक्की हेली के जाने को ट्रंप प्रशासन से एक उदार रिपब्लिकन आवाज की विदाई कहा जा रहा है. डीडब्ल्यू के मिषाएल क्निगे का मानना है कि निक्की हेली के काम इन बयानों को खारिज कर देते हैं.

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US-Botschafterin der Vereinten Nationen Nikki Haley
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S.Wenig

इस मौके पर व्हाइट हाउस की चली आ रही रिवॉल्विंग डोर वाली सोच (निजी क्षेत्र से सार्वजनिक और सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र में लोगों को भेजने की नीति) पर बहस का औचित्य तो बनता है. अभी यह साफ नहीं है कि सौहार्दपूर्ण दिख रही निक्की हेली की विदाई की योजना क्या लंबे समय से थी और अगर ऐसा है तो मुमकिन है कि वो 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ खड़ी हों, हालांकि इस बारे में पूछे बगैर आया उनका इनकार इससे मेल नहीं खाता. 

दुनिया के मंच पर अंतत: अमेरिका खुद का संचालन कैसे करेगा, इस बारे में कयासों से बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिलेगी. आइए इसके बजाय इस बात पर ध्यान दें जो हम जानते हैं यानी कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में निक्की हेली का रिकॉर्ड कैसा है.

थोड़ी रुखाई से कहें तो उनका रिकॉर्ड निराशाजनक है. निश्चित रूप से न्यूयॉर्क में दो साल के कार्यकाल में उन्होंने मानवाधिकार के कुछ मुद्दों को जुबानी समर्थन दिया है और वे ट्रंप प्रशासन की ओर से रूस की आलोचना में बहुत मुखर भी रहीं.  

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मिषाएल क्निगे

संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं से विदाई

हालांकि उन्हें इन सब के लिए याद नहीं रखा जाएगा. निक्की हेली ट्रंप कैबिनेट की सबसे हाई प्रोफाइल महिला सदस्य हैं और उनके कार्यकाल में जो हुआ उन्हें उसके लिए याद रखा जाएगा. निक्की हेली के समर्थन के साथ अमेरिका संयुक्त राष्ट्र समर्थित पेरिस जलवायु समझौते, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समर्थित ईरान परमाणु करार, संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हो गया.

उन्हें याद रखा जाएगा कि कैसे उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के उन सदस्यों को ट्वीट के जरिए धमकाते हुए लिखा कि अमेरिका "उन सबके नाम लेगा" जिन्होंने इस्राएल में अमेरिकी दूतावास को येरुशलम ले जाने के पूर्णत: सांकेतिक निंदा प्रस्ताव को समर्थन दिया.

उन्हें याद रखा जाएगा उस नए खतरनाक सिद्धांत के लिए जिसके जरिए अमेरिका सिर्फ उन देशों को मदद देगा जिन्हें वह दोस्त मानता है, मतलब कि वो देश जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप प्रशासन के मन मुताबिक वोट दिया.

शायद ऐसा होगा नहीं, लेकिन उन्हें इस बात के लिए भी याद किया जाना चाहिए कि उनके कार्यकाल में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या फंड के लिए धन की मदद रोक दी. यह एजेंसी प्रसव संबंधी स्वास्थ्य के लिए काम करती है. इसके साथ ही ग्लोबल गे कानून को भी दोबारा लागू कर दिया जो अमेरिका सरकार को ऐसे संगठनों की मदद करने से रोकता है जिन्होंने भ्रूणहत्या की वकालत की हो.

दुनिया के मंच पर "अमेरिका फर्स्ट" ताकत देने वाली

कुल मिला कर देखा जाए तो निक्की हेली ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति की प्रबल समर्थक रही हैं जो खुले तौर पर विजेता जैसे रुख की वकालत करती है और बुनियादी तौर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सिद्धांतों से मेल नहीं खाती. ट्रंप बहुपक्षवाद के दुश्मन हैं और निजी तौर तरीके से भले ही निक्की हेली ने इस नीति के प्रति अपने समर्थन को कुंद करने की कोशिश की हो लेकिन वह नीति फिर भी कायम रही. 

उनके बचाव में कुछ लोग कह सकते हैं कि वह अपने स्तर पर ट्रंप को और नुकसान करने से रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रही थीं और वो यह भी चेतावनी दे सकती हैं कि उनकी जगह आने वाला शायद और भी बुरा होगा लेकिन यह जहाज बहुत आगे निकल चुका है. ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में इस वक्त उन नुकसानों पर विचार हो रहा है जो कई मोर्चों पर पहले ही हो चुके हैं, सामान्य रूप से यह दलील कि "यह और बुरा हो सकता था" को हम मानदंड बना कर नहीं चल सकते. 

पारंपरिक रूप से पार्टी के मानकों के तौर पर देखें तो हेली को उदार या मुख्यधारा की रिपब्लिकन नहीं माना जा सकता. वह दुनिया के मंच पर ट्रंप की नीतियों को सशक्त बनातीं और उनकी वकालत करती रही हैं. ऐसी कोई वजह नहीं है कि दुनिया उनकी होने जा रही विदाई पर आंसू बहाए.

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