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जेएनयू में उपद्रव को लेकर नाराजगी

चारु कार्तिकेय
६ जनवरी २०२०

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में रविवार की शाम कुछ नकाबपोश हमलावरों ने 25 से ज्यादा छात्रों और अध्यापकों को घायल कर दिया और तोड़ फोड़ की. अभी तक पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है.

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Indien - Neu Delhi - Angriffe auf Studenten
तस्वीर: DW/R. Chakraborty

नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार की शाम कुछ नकाबपोश हमलावरों के उपद्रव के बाद व्यापक नाराजगी फैली हुई है. हमलावरों ने बड़ी संख्या में ना सिर्फ छात्रों बल्कि अध्यापकों को भी निशाना बनाया और परिसर में तोड़ फोड़ की. लगभग तीन घंटों तक चले इस हमले में कम से कम 25 छात्र और अध्यापक घायल हो गए. इनमें से कई एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरों के आधार पर कुछ हमलावरों की पहचान की गई है हालांकि अभी तक किसी को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस घटना के बाद से ही भारी संख्या में जेएनयू परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया है.

इस हमले के बाद जेएनयू के छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में और दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस घटना की खबर आने के बाद पूरे देश में अलग अलग जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किया. बेंगलुरू, अलीगढ़, मुंबई और दिल्ली समेत कई शहरों में छात्र इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए. देर शाम जेएनयू परिसर से कई छात्रों के सुरक्षा कारणों से हॉस्टल छोड़ कर जाने की खबरें सामने आईं.

हमलावरों ने लड़कियों के हॉस्टल में भी घुसने की कोशिश की और वहां तोड़फोड़ की और छात्रों को मारा पीटा. घायलों में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष ओइशी घोष और प्रोफेसर सुचारिता सेन भी शामिल हैं. इनके लहूलुहान चेहरों वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर रविवार शाम से ही वायरल हो चुकी हैं.

घटनाक्रम रविवार शाम चार बजे से कुछ पहले ही शुरू हो गया जब हाथों में डंडे, लाठी और लम्बे हथोड़े लिए नकाबपोशों को परिसर में पहली बार एकत्रित होते देखे जाने की खबरें आईं. अंदाजा है कि साढ़े छह बजे के आसपास इन नकाबपोशों ने हमला शुरू किया और फिर कम से कम रात नौ बजे तक सात हॉस्टलों में मार-पीट और तोड़-फोड़ की. 

वहां मौजूद कई लोगों का कहना है कि हमलावरों की संख्या 50 के आस पास थी और इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे. घायल छात्रों ने कहा है कि सभी नकाबपोश हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य थे. हालांकि एबीवीपी ने इन हमलों में शामिल होने से इनकार किया है.

  

एबीवीपी ने आरोपों का खंडन किया है और इस हमले के लिए वामपंथी छात्र संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. 

जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों में कई बाहरी लोग भी थे और वे दिल्ली पुलिस के सामने जेएनयू परिसर के अंदर घुसे और उपद्रव किया. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा है. उन्होने संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी के जरिए एक जांच के भी आदेश दिए हैं और कहा है कि जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जाए. 

  

विपक्षी दलों ने भी हमले की कड़ी निंदा की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल से अपील की है कि वो दिल्ली पुलिस को जल्द से जल्द शांति बहाल करने का आदेश दें.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले के लिए फासीवादी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया है. 

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