ब्रिटिश कंपनी पर श्रीलंका में युद्धकालीन अपराधों का आरोप
३० नवम्बर २०२०इस कंपनी के लड़ाकों ने कथित रूप से पैसे लेकर श्रीलंका की सेना की उस पुलिस टुकड़ी के सिपाहियों को प्रशिक्षण दिया जिस पर 1980 के दशक में तमिलों को यातनाएं देने और अवैध रूप से मारने के युद्धकालीन अपराधों के आरोप लगे हुए हैं. मेट्रोपोलिटन पुलिस के युद्धकालीन अपराधों की टुकड़ी को मार्च में ही इससे संबंधित जानकारी मिली थी.
पुलिस ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद उनकी टीम ने आरोपों का निरिक्षण किया और अब पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने इस बारे में और जानकारी नहीं दी लेकिन बीबीसी के अनुसार जांच के केंद्र में जो निजी कंपनी है उसका नाम है कीनी मीनी सर्विसेज (केएमएस) जो एक निजी सुरक्षा कंपनी थी. कंपनी अब बंद हो चुकी है.
केएमएस ने श्रीलंका की पुलिस की एक एलीट टुकड़ी को 1980 के दशक में तमिल अलगाववादियों से लड़ने का प्रशिक्षण दिया था. इस विशेष टुकड़ी का नाम था स्पेशल टास्क फोर्स जिस पर तमिल टाइगर विद्रोहियों और तमिल नागरिकों की हत्या के आरोप लगते रहे हैं.
इससे पहले इसी साल जनवरी में इस ब्रिटिश कंपनी पर खोजी पत्रकार फिल मिलर द्वारा लिखी एक किताब छपी थी, जिसका शीर्षक था "कीनी मीनी: द ब्रिटिश मर्सिनरीज हू गॉट अवे विद वॉर क्राइम्स".
मिलर ने बीबीसी को बताया, "कई तमिल लोग 1980 के दशक में शरणार्थी बन गए, उसी समय केएमएस के लोग वहां थे. लोगों को इतना तो याद है कि उन पर हेलिकॉप्टर गनशिप से हमले हुए थे, लेकिन मुझे लगता है उन्हें यह जान कर काफी झटका लगा है कि उनमें से कई हमलों में हेलिकॉप्टर को उड़ाने वाले किराए पर लिए गए ब्रिटिश लड़ाके थे."
केएमएस की स्थापना 1970 के दशक में ब्रिटेन के एलीट स्पेशल एयर सर्विस के पूर्व अधिकारियों ने की थी, जिनमें डेविड वॉकर भी शामिल थे. 1990 के दशक में केएमएस ने अपना व्यापार बंद कर दिया और 78 वर्ष के वॉकर अब एक और लंदन स्थित कंपनी, सलादीन सिक्योरिटी, के निदेशकों में से एक हैं.
बीबीसी के अनुसार वॉकर के एक प्रतिनिधि ने कहा है, "डेविड वॉकर या केएमएस लिमिटेड के कर्मचारियों के 1980 के दशक में श्रीलंका में युद्धकालीन अपराधों में संलिप्त होने के आरोप को पूर्ण रूप से नकारा जाता है." प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि पुलिस ने "अभी तक सलादीन या वॉकर से सहायता नहीं मांगी है, लेकिन अगर उनसे पूछा जाएगा तो उन्हें सहयोग देने में प्रसन्नता ही होगी."
श्रीलंका के गृह युद्ध का 2009 में अंत हो गया था. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार इसमें 100,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका के सैनिकों पर अपने सैन्य अभियान के दौरान कम से कम 40,000 तमिलों को मारने का आरोप लगाया है, जिसका श्रीलंका में सभी सरकारें खंडन करती रही हैं.
सीके/एए (एफपी)
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