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समाज

कैटेलोनिया के आजादी समर्थकों पर अलगाववाद का मुकदमा

महेश झा
१२ फ़रवरी २०१९

स्पेन में कैटेलोनिया की आजादी के लिए आंदोलन करने वाले राजनीतिज्ञों और एक्टिविस्टों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ है. इसे शताब्दी का मुकदमा कहा जा रहा है. यह मुकदमा देश की दिशा तय करेगा.

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Spanien Oberster Gerichtshof in Madrid
तस्वीर: Imago/Agencia EFE

मंगलवार को शुरू हुए मुकदमे में कैटेलोनिया के राजनीतिज्ञों पर गदर और राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं. मुकदमे के तीन महीने चलने की संभावना है. यह मुकदमा स्पेन की न्यायिक व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है जिसके नतीजे कैटेलोनिया के अलगाववादी आंदोलन और स्पेन की राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय करेंगे. 

कैसे शुरू हुआ विवाद

मामले की शुरुआत कैटेलोनिया की आजादी के लिए 1 अक्टूबर को जनमत संग्रह के साथ शुरू हुई जिसका आयोजन प्रांतीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के फैसले को नजरअंदाज कर किया. सुप्रीम कोर्ट ने जनमत संग्रह को अवैध ठहराया था. कैटेलोनिया के आजादी समर्थक विधायकों ने बार्सिलोना में 26 दिन बाद जीत और आजादी की घोषणा की. कुछ घंटों के अंदर ही स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राखोय ने कैटेलोनिया की विधानसभा को भंग कर दिया और प्रांतीय सरकार को बर्खास्त कर दिया.

प्रांतीय सरकार प्रमुख कार्लेस पुजदेमोन कई अन्य नेताओं के साथ स्पेन से भाग गए और 31 अक्टूबर को ब्रसेल्स में प्रकट हुए. बाद में उन्हें जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन अदालत के आदेश की वजह से उनको स्पेन वापस नहीं भेजा जा सका. देश में रहे 9 नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और वे मुकदमे के पहले जेल में रहे जबकि तीन अन्य नेता जमानत के कारण आजाद रहे.

विवाद की जड़ें

यह मुकदमा उस राजनीतिक संकट का नतीजा है जिसकी जड़ें स्पेन की अदालत के एक पुराने फैसले में है. कैटेलोनिया स्पेन के सबसे धनी प्रांतों में एक है और उसे व्यापक स्वायत्ता प्राप्त है. लेकिन स्पेन की संवैधानिक अदालत ने 2010 में प्रांत के चार्टर को निरस्त करने का फैसला किया जिसमें कैटेलोनिया को राष्ट्र कहा गया था. इस फैसले ने कैटेलोनिया के अलगाववादियों का समर्थन बढ़ा दिया.

नवंबर 2015 में अलगाववादी विधायकों ने एक प्रस्ताव पास कर विभाजन का रास्ता शुरू करने का निर्णय लिया और स्पेनी अदालतों के फैसलों को नजरअंदाज करने की शपथ ली. इसके साथ स्पेन का गंभीर राजनीतिक संकट शुरू हुआ. जनमत संग्रह में इलाके के 75 लाख मतदाताओं में से करीब आधे वोटरों ने अलगाववादी पार्टियों का समर्थन किया.

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किस किस पर मुकदमा

जिन नेताओं पर मुकदमा चल रहा है उनमें कैटेलोनिया के पूर्व उप राष्ट्रपति ओरियोल खुंकेरास, एक्टिविस्ट से नेता बने खोर्डी सांचेज और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कार्मे फोर्काडेल शामिल हैं. बाकी छह पुरुष और दो महिलाएं कैटेलोनिया की सरकार में मंत्री थे. खुंकेरास को राजद्रोह के आरोप में 25 साल की कैद की सजा हो सकती है जबकि तीन अन्य नेताओं को 17 साल की सजा मिलने का खतरा है. कुछ नेताओं पर कम गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सरकार के मंत्रियों पर सरकारी खजाने के दुरुपोयग का दोष साबित होने पर जुर्माना हो सकता है.

मुकदमे में 500 गवाहों से पूछताछ होगी. उनमें पूर्व प्रधानमंत्री राखोय भी शामिल हैं. मुकदमे का एक प्रमुख सवाल ये है कि क्या अलगाववादी नेताओं ने अपने प्रयासों में हिंसा का सहारा लिया. हिंसा साबित नहीं होने पर राजद्रोह का आरोप गिर जाएगा. सरकारी पक्ष ये साबित करने की कोशिश करेगा कि हिंसा हुई जब अभियुक्तों ने प्रदर्शनाकरियों को पुलिस गाड़ियों पर हमले के लिए उकसाया और पुलिसकर्मियों को दफ्तर से बाहर नहीं निकलने दिया. मुकदमा सार्वजनिक है और टेलिविजन पर उसका सीधा प्रसारण हो रहा है.

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