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उत्तर प्रदेश में अब एटीएम से लोगों के इलाज की तैयारी

फैसल फरीद
२० अगस्त २०१९

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब दूरदराज के इलाकों में लोगों के इलाज के लिए ऑटोमेटेड मशीन लगाने की तैयारी की है. इन मशीनों से दवा मिलेगी और वहां जांच की भी व्यवस्था होगी. देश की एक बड़ी आबादी अब भी इलाज से कोसों दूर है.

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Indien Geburtenrate
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Schmidt

भारत में चिकित्सा सेवाएं अभी भी हर व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई हैं. गांव और दूर दराज के इलाको में अभी भी लोगों के पास प्राथमिक चिकित्सा तक नहीं मिल पा रही है. कारण कई हैं, ना अस्पताल है, ना ही डॉक्टर. कोई वहां नौकरी भी नहीं करना चाहता है. नतीजा छोटी छोटी बीमारी लोगो को घेर लेती है, झोला छाप डॉक्टर से इलाज होता है और वही बीमारी गंभीर बन जाती है.

ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अनोखा प्रोजेक्ट शुरू किया है. ग्रामीण इलाकों में ऑटोमेटेड मेडिसिन डिस्पेंसिंग मशीन लगाई जाएंगी. जैसे एटीएम से पैसे कहीं पर भी मिल जाते हैं वैसे ही इन मशीनों से जिन्हें हेल्थ एटीएम कहा जा रहा है, दवाई मिल जाएगी.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Schmidt

क्या है हेल्थ एटीएम

जिन जगहों पर डॉक्टर नहीं हैं और मरीज को दवा या इलाज मिलने में दिक्कत हैं वहां हेल्थ एटीएम की उपयोगिता बहुत मायने रखती है.

ये हेल्थ एटीएम प्रदेश के 10 जिलों में लगाने की बात चल रही हैं. फिलहाल ये वाराणसी और गोरखपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाये जायेंगे. इनको लगाने में स्टेट इन्नोवेशन इन फैमिली प्लानिंग सर्विसेज प्रोजेक्ट एजेंसी (सिफ्प्सा) द्वारा मदद की जा रही हैं. सिफ्प्सा के जनरल मैनेजर बी के जैन बताया, "शुरुआत में हम वो जगह चुन रहे हैं जो सुदूर हैं और जहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. ये एटीएम उन इलेक्ट्रॉनिक प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर लगाये जायेंगे.” अब तक मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 500 ऐसे हेल्थ एटीएम लगाये जायेंगे.

इनके लग जाने से मरीजों को सटीक चिकित्सीय सुविधा मिल जाएगी. वो झोला छाप डॉक्टर के चंगुल में नहीं फंसेंगे. जहां डॉक्टर मौजूद नहीं हैं वहां पर भी क्वालिफाइड डॉक्टर के द्वारा इलाज मिल जायेगा. आंकड़ों के अनुसार सरकार के लगभग 22% प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में ये हेल्थ एटीएम बहुत कारगर साबित होंगे. बी के जैन के अनुसार इस प्रकार का प्रयोग उत्तर प्रदेश में सरकार के स्तर से पहली बार हो रहा है. धीरे धीरे ये योजना सभी जगह जहां डॉक्टर नहीं है वहां पर पहुंचा दी जाएगी. इस सबके लिए एक कंपनी से करार भी कर लिया है और अगले 90 दिन में हेल्थ एटीएम काम करना शुरू कर देंगे.

हर हेल्थ एटीएम पर एक फार्मासिस्ट, एक नर्स और एक लैब असिस्टेंट मौजूद रहेगा जिनका काम होगा मरीज की जांच करना और उसको दवा देना. आने वाले दिनों में आपको ऐसे हेल्थ एटीएम, उत्तर प्रदेश में कई जगह दिखाई देने लगेंगे.

हेल्थ एटीएम कैसे काम करेगा

जब कोई मरीज इन हेल्थ एटीएम पर पहुंचेगा तो पहले वहां मौजूद स्टाफ उसका रजिस्ट्रेशन करेगा. फिर उसकी जरुरत के अनुसार 22 जांच करेगा. जिसमें खून, ब्लड प्रेशर, ब्लड ग्लूकोस, हीमोग्लोबिन इत्यादि शामिल हैं. मरीज के वाइटल पैरामीटर भी नोट किये जायेंगे. ये सब कुछ ऑन द स्पॉट होगा.

इसके बाद मरीज की इन जांचों की सारी रिपोर्ट निकाल ली जांगी. ये सारे हेल्थ एटीएम हैदराबाद में स्थित मेडिकल हब से जुड़े हुए होंगे. इन रिपोर्टों को स्टाफ इलेक्ट्रॉनिकली हैदराबाद भेज देगा. उसके बाद वहां क्वालिफाइड डॉक्टर जो एमबीबीएस होगा, इन रिपोर्टों के आधार पर मरीज की बीमारी के बारे में अपना परचा लिखेगा. ये परचा भी हेल्थ एटीएम तक इलेक्ट्रॉनिकली पहुंच जायेगा.

हेल्थ एटीएम का स्टाफ डॉक्टर के पर्चे के आधार पर उसको मशीन से दवाई निकाल कर देगा. लगभग 75 तरह की दवाई इन हेल्थ एटीएम में मौजूद होगी. हेल्थ एटीएम का स्टाफ मरीज को दवा खाने का तरीका और मात्रा बताएगा. अगर डॉक्टर ने जरुरत समझी तो मरीज को हायर मेडिकल सेंटर में रेफर किया जायेगा. लेकिन रेफेरल से पहले स्टाफ मरीज को स्टेबल कंडीशन में लायेगा.

इस तरह अब गांव के लोगों को अपनी प्रारंभिक इलाज के लिए भागना नहीं पड़ेगा. उनका इलाज इसी हेल्थ एटीएम के जरिये हो जायेगा. जहां डॉक्टर मौजूद नहीं है या फिर उन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां पर कोई डॉक्टर नहीं आता वहां पर भी उनको दवाई, इलाज, परचा, जांच सब कुछ मिल जायेगा.

सबसे जरूरी बात ये है कि ये सारी सुविधा जिसमें दवा भी शामिल है वह मुफ्त होगी.

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