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आतंकवाद

श्रीलंका में 11 मुस्लिम समूहों पर प्रतिबंध

१४ अप्रैल २०२१

2019 के ईस्टर धमाकों की वर्षगांठ से एक सप्ताह पहले श्रीलंका सरकार ने 11 मुस्लिम संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा के अलावा नौ स्थानीय समूह शामिल हैं.

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Sri Lanka Anschlag Terror Ostern
तस्वीर: Reuters/A. Perawongmetha

मुस्लिम संगठनों पर प्रतिबंध आतंकवाद रोकथाम कानून के तहत लगाए गए हैं. जिन नौ स्थानीय समूहों पर बैन लगा है वे धार्मिक और सामाजिक संगठन हैं. एक राजपत्र के जरिए प्रतिबंध की घोषणा करते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि इन समूहों से जुड़े सभी लोगों को 20 साल तक की जेल हो सकती है. राजपक्षे ने कहा कि यह कदम "देश में शांति बनाए रखने के श्रीलंका सरकार की कोशिशों" के तहत उठाया गया है.

अप्रैल 2019 में ठीक ईस्टर संडे पर तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में हुए बम धमाकों में 279 लोगों की जान चली गई थी. धमाकों को अंजाम देने वाले सभी सात हमलावर श्रीलंका के ही रहने वाले थे. सारे के सारे हमलावर मारे गए थे और मरने से पहले उन्होंने उस समय इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा व्यक्त की थी. लेकिन जांच एजेंसियों ने कहा था कि उन्हें इस्लामिक स्टेट से हमले का सीधे संबंध होने का कोई सबूत नहीं मिला था.

किसी और संदिग्ध के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. दो स्थानीय समूहों पर हमलों से सीधे रूप से जुड़े होने के संकेत थे और इन दोनों समूहों को 2019 में ही बैन कर दिया गया था. लेकिन राष्ट्रपति द्वारा कराई गई एक जांच के बाद कहा गया था कि उस समूह के जैसे और समूहों को भी बैन कर देना चाहिए. जिन स्थानीय समूहों पर ताजा बैन लगाया गया है उनमें से कुछ को पहले भी मुख्य हमलावर से जुड़ा बताया गया था. 

Sri Lanka Anti-Terror-Gesetze l St. Anthony Kirch -Bombenanschläge in Colombo von 2019
पिछले साल हमलों की पहली वर्षगांठ से पहले कोलंबो के संत एंथोनीज चर्च के बाहर तैनात एक पुलिसकर्मी.तस्वीर: Eranga Jayawardena/AP/picture alliance

धमाकों की वर्षगांठ से पहले देश के रोमन कैथोलिक समुदाय के लोगों ने धमकी दी थी कि वे हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कदम उठाने में सरकार की नाकामयाबी को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे. श्रीलंका में रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख कार्डिनल मैलकम रंजीत ने ना सिर्फ धमाके के लिए जिम्मेदार लोगों बल्कि उन्होंने रोकने में असफल रहने वाले नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की मांग की है.

जांच में सामने आया था कि तत्कालीन राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरिसेना और उनके खुफिया अधिकारियों को हमलों के 17 दिन पहले उनके बारे में भारत से जानकारी मिली थी. अमेरिका ने धमाकों को लेकर श्रीलंका के तीन नागरिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. हमलों में 45 विदेशी नागरिक भी मारे गए थे और उनमें पांच अमेरिकी नागरिक थे.

जांच की रिपोर्ट इसी साल जारी हुई थी. उसमें धमाकों के पहले और बाद में सांप्रदायिक अशांति भड़काने वाले बौद्ध संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया था, लेकिन बुधवार की घोषणा में किसी भी बौद्ध संगठन का नाम नहीं था.

सीके/आरपी (एएफपी)

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