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'आतंकवाद के खिलाफ और सख्त हो पाक'

२७ मई २०११

अचानक इस्लामाबाद पहुंचीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात की. क्लिंटन ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कदम उठाने को कहा.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक कियानी और खुफिया एजेंसी के प्रमुख अहमद शुजा पाशा से बातचीत से पहले हिलेरी ने वहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने एबटाबाद ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट को कम करने की कोशिश की.

लादेन का भूत

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व को एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के छुपे होने की जानकारी नहीं थी. हिलेरी ने कहा, "इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि पाकिस्तान सरकार के शीर्ष स्तर पर किसी को यह जानकारी थी कि बिन लादेन कहां है."

Hillary Clinton und Mike Mullen
तस्वीर: dapd

क्लिंटन ने कहा, "यह बहुत अहम दौरा है क्योंकि हम एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए हैं. ओसामा बिन लादेन की मौत के बावजूद अल कायदा और उसके आतंकवादी सहयोगी अब भी हम दोनों के लिए गंभीर खतरा हैं."

अमेरिकी सेना की विशेष टुकड़ी ने दो मई की रात पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. पाकिस्तान को इस ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगने दी गई. अमेरिकी अधिकारियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना या आईएसआई के कुछ तत्वों को लादेन के बारे में जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसे दबाए रखा. इस ऑपरेशन के बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध सबसे बुरे दौर में हैं.

अमेरिका विरोधी भावना

पाकिस्तान में इन दिनों अमेरिका विरोधी भावना चरम सीमा पर है. पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा है कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाए. अमेरिका विरोधी भावना से आतंकवाद को भी मदद मिल रही हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री ने ऐसी मानसिक दशा की आलोचना की. उन्होंने कहा, "अमेरिका पाकिस्तान की समस्याएं नहीं सुलझा सकता. इन्हें सुलझाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. पाकिस्तान को समझना चाहिए कि अमेरिका विरोधी धारणा या साजिश जैसे सवाल उठाने से पाकिस्तान की समस्याएं हल नहीं होंगी."

माना जा रहा है कि अमेरिका पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए और ज्यादा दबाव बना रहा है. पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं से बातचीत के दौरान क्लिंटन के साथ अमेरिकी सेना के प्रमुख माइक मुलैन भी थे. अब क्लिंटन और मुलैन को पाकिस्तानी सेना प्रमुख और आईएसआई चीफ से बात करनी हैं. माना जा रहा है कि सारे विवाद की जड़ अमेरिका, पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के बीच ही छुपी हुई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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