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समाजजर्मनी

अवैध नशाखोरी के कारण जर्मनी में जान गंवाते लोग

लीसा हेनेल
२२ जुलाई २०२२

जर्मनी में अवैध रूप से नशीली दवाओं का सेवन करने की वजह से मरने वालों की संख्या कई वर्षों से लगातार बढ़ रही है. हैम्बर्ग शहर में बुधवार को ऐसे ही लोगों की याद में शोक सभा का आयोजन किया गया.

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Hamburg Drogenkonsumraum Abrigado
तस्वीर: Lisa Hänel/DW

गोंजो की उम्र 55 साल हो चुकी है. वह 16 साल की उम्र से ही नशीली दवाओं का सेवन कर रहे हैं. वह कहते हैं, "जिन लोगों को मैं जानता था उनमें से बहुत से लोग अब मर चुके हैं.” यह शब्द बोलते हुए गोंजो की आंखें भर आयी. वह साफ-सुथरे कपड़े पहने हुए थे. उनके लहजे से साफ तौर पर झलकता है कि वह हैंबर्ग के रहने वाले हैं. 

नशाखोरी का ठिकाना

गोंजो हैंबर्ग में एक तथाकथित ‘कंजंप्शन रूम' में बैठे थे. यह वह जगह है जहां लोग नशाखोरी के लिए आते हैं. यह कंजंप्शन रूम जिस प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है उसका नाम है ‘एब्रिगाडो'. यह स्पैनिश भाषा के शब्द ‘शेल्टर्ड' का अनुवाद है. यह ऐसी जगह है जहां नशीली दवाओं का सेवन करने वाले आते हैं और अस्पताल जैसे स्वच्छ वातावरण में ड्रग्स लेते हैं. यहां आने वाले ज्यादातर लोग हेरोइन या कोकीन का सेवन करते हैं.

वे यहां स्नान भी कर सकते हैं और किसी तरह के घाव का इलाज भी करा सकते हैं. साथ ही, खाने-पीने के लिए कुछ ले सकते हैं. इसके अलावा, वे एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ जुड़ सकते हैं जो स्थानीय सरकारी कार्यालयों में उनके साथ जा सकता है और उनका काम कराने में उनकी मदद करता है. 

कंजंप्शन रूम में काम करने वाले एब्रिगाडो के स्वंयसेवी
कंजंप्शन रूम में काम करने वाले एब्रिगाडो के स्वंयसेवीतस्वीर: Lisa Hänel/DW

हरमन और ओली यहां कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं. इनका काम है दोपहर के इस्तेमाल के लिए चीजें तैयार करना, जब एक बार में चार लोग यहां आकर अपने साथ लाए ड्रग्स का सेवन कर सकते हैं. ओली ने रात भर कीटाणुनाशक घोल में भिगोए गए चम्मचों को धोया. वहीं, हरमन ने सीलबंद सिरिंज, अल्कोहल स्वैब और मलहम तैयार किया.

एक छोटी बातचीत के बाद, लगभग दोपहर में 1:30 बजे दरवाजे खुले. दर्जनों लोग पहले से ही अंदर आने का इंतजार कर रहे थे. कुछ लोग जल्दी ही उन कमरों में चले गए जहां उन्हें अपने साथ लाए ड्रग्स का सेवन करने की अनुमति थी. ज्यादातर लोग यहां नियमित रूप से आते हैं और नियमों को जानते हैं. पहला नियम है मास्क पहनना, फिर साइन करना और अगर कमरा भरा हुआ है, तो धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार करना. गोंजो यहां सबसे पहले अंदर आने वाले लोगों में से एक थे. 

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इस एब्रिगाडो प्रोजेक्ट को 28 साल पहले शुरू किया गया था. गोंजो उसी समय से यहां आ रहे हैं. वह कहते हैं, "मुझे लगता है कि अगर यह जगह नहीं बनी होती, तो मैं शायद मर गया होता. मैं किसी गंदी जगह पर हेरोइन का सेवन कर रहा होता. मैं पहले अपने हाथों को साफ नहीं करता था, लेकिन यहां ऐसा करना जरूरी होता है. वे नजर रखते हैं कि आप क्या कर रहे हैं.”

लगातार बढ़ती मौतें

जर्मनी में ड्रग के सेवन से संबंधित मौतों की संख्या 2021 में लगातार चौथे वर्ष बढ़ी है. कुल 1826 पुरुष और महिलाओं की मौत हुई है. इनमें से ज्यादातर लोग हेरोइन और ओपिओइड (अफीम युक्त दवा जो डॉक्टरों के पर्चे पर दर्द निवारण या नींद लाने के लिए दी जाती है) का सेवन करते थे.

जर्मन सरकार के नारकोटिक्स कमिश्नर बुर्कहार्ड ब्लिनर्ट का कहना है, "ये आंकड़े मुझे बहुत दुखी करते हैं. वे चौंकाने वाले हैं. इनसे साफ पता चलता है कि हम ड्रग्स पर अपनी नीतियों में पहले की तरह नहीं चल सकते.”

"मैं तुम्हारे साथ रहते हुए खूब हंसता था, हम तुम्हें याद करते हैं," मरने वाले की याद में लिखा संदेश
"मैं तुम्हारे साथ रहते हुए खूब हंसता था, हम तुम्हें याद करते हैं," मरने वाले की याद में लिखा संदेशतस्वीर: Lisa Hänel/DW

यह एक ऐसी समस्या है जो सामान्य जर्मन लोगों की समस्या से अलग है. वर्षों से अमेरिका भी एक ओपिओइड संकट से त्रस्त है. वहां हर पांच मिनट में ओवरडोज की वजह से एक व्यक्ति की मौत होती है.

इस साल एब्रिगाडो में मार्च और अप्रैल महीने विशेष रूप से परेशान करने वाले थे. यहां आने वाले लोग एक दूसरे को ‘अतिथि' कहना पसंद करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता प्रत्येक "अतिथि", जो मर जाते है उनके प्रति संवेदना जताते हुए एक पुस्तक बनाते हैं. मर चुके लोगों की याद में बनाई गई कई पुस्तकें कमरे में पड़ी थी. ओली कहते हैं, "समस्या यह थी कि हम उन्हें बचा नहीं सकते थे. यह भयानक था.” हरमन ने भी सहमति जताते हुए कहा, "यह वाकई कठिन है.”

हर साल यह समुदाय 21 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय ड्रग इस्तेमाल करने वालों के स्मरण दिवस के तौर पर मनाता है. इस मौके पर लोग अपनी बातों को रखते हैं. इस साल अतिथियों और कर्मचारियों ने गुजर गए लोगों के नाम पर पत्थर लगाए.

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आपात स्थिति के लिए तैयार

एब्रिगाडो के कमरे के अंदर अब तक किसी की मौत नहीं हुई है. यहां के कर्मचारी पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. वे आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. पल्स मॉनिटर और वेंटिलेटर जैसे उपकरण हमेशा मौजूद रहते हैं. हरमन ने याद करते हुए बताया, "जब मुझे पहली बार आपात स्थिति से निपटना पड़ा था, तो मैंने काफी चुनौती का सामना किया था. अब मुझे पता है कि क्या करना है, क्योंकि मैं पहले आपात स्थिति से निपट चुका हूं. इसलिए, मैं एक समाधान ढूंढ सकता हूं.”

हालांकि, एब्रिगाडो के बाहर कई लोगों की मौत हुई है जिन्हें रोका नहीं जा सकता. यह ओली और हरमन के लिए वास्तविक बोझ है. ओली ने पहले व्यक्ति की मौत को याद किया. उस समय तक ओली एक योग्य सामाजिक कार्यकर्ता बन चुके थे. उन्होंने कहा, "उस व्यक्ति की मौत से मुझे काफी दुख हुआ. मैं उसे अभी भी महसूस कर सकता हूं.”

नशीली दवाओं के कारण दुनिया भर में मरने वाले लोगों का आंकड़ा
नशीली दवाओं के कारण दुनिया भर में मरने वाले लोगों का आंकड़ा

हरमन कहते हैं, "एक व्यक्ति जिससे आप कमोबेश हर दिन मिलते हैं और अचानक एक दिन वह महज फाइल में सिमट कर रह जाता है. अक्सर सामाजिक कार्यकर्ताओं को अतिथियों के माध्यम से ही पता चलता है कि किसी के साथ क्या हुआ. हमें यह भी नहीं पता चलता है कि उनकी मौत कैसे हुई और उन्हें कहां दफनाया गया.”

एक अलग नजरिया

अक्सर कहा जाता है कि नशीली दवाओं से जुड़ी सख्त नीतियों की वजह से अधिक मौत होती है, लेकिन यह बात हर जगह लागू नहीं होती. बवेरियन प्रसारक बायरिशर रुंडफुंक ने हाल ही में एक जांच रिपोर्ट में पाया कि सख्त कानून का यह मतलब नहीं है कि अधिक मौतें होंगी. हालांकि, यह भी कहा गया कि अधिक उदार कानून और सहायता सेवाओं तक आसान पहुंच से लोगों की जान बचाई जा सकती है.

फ्रैंकफर्ट में इंस्टीट्यूट ऑफ एडिक्शन रिसर्च के हाइनो स्टोवर नशे की रोकथाम के विशेषज्ञ हैं. वह उन नीतियों की वकालत करते हैं जिसमें छोटे पैमाने पर ड्रग के सेवन को अपराध नहीं माना जाता. स्टोवर ने डीडब्ल्यू को बताया, "जर्मनी में एक तरफ शराब और तंबाकू के इस्तेमाल को अनुमति देने वाली नीतियां हैं. मैं इन्हें बहुत ही उदारवादी कहूंगा. बहुत अनियमित. वहीं, दूसरी तरफ जब अवैध ड्रग्स की बात आती है, तो यह बहुत ही कठोर है.” 

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उन्होंने कहा कि जहां कम मात्रा में भांग का सेवन करने वाले को कठोर कानून का सामना करना पड़ता है. वहीं, तंबाकू और शराब जैसे ड्रग से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा, "हर साल होने वाली करीब 1,27,000 मौतें तंबाकू से जुड़ी होती हैं. वहीं, करीब 74,000 मौतें शराब की वजह से होती हैं. और ये भी नशीली दवाओं से होने वाली मौतों के तहत ही आती हैं.” 

हालांकि, अब शायद बदलाव हो सकता है. 2021 में बनी नई सरकार के एजेंडे में भांग के सेवन को वैध बनाना शामिल है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत नालोक्सन के प्रभाव की जांच की जा रही है. नालोक्सन एक नाक के जरिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रे है, जो तुरंत प्रभाव से हेरोइन की अधिक मात्रा को रोक सकता है.

इस बीच, ‘कंजंप्शन रूम' में ट्रायल के तहत ड्रग की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह ड्रग कितना शुद्ध है. नई सरकार ड्रग से जुड़ी नीतियों पर फिर से विचार करने और इसके सेवन को ‘अपराध की श्रेणी' से दूर करने के लिए तैयार है. हालांकि, रूढ़िवादी पार्टी सीडीयू के सांसदों ने इसकी आलोचना की है और कहा है कि भांग का सेवन करना खतरनाक है. उन्होंने यह तर्क दिया कि इसे वैध करने से सख्त ड्रग के इस्तेमाल के लिए रास्ता खुल जाएगा.

यादों को जिंदा रखने की कोशिश

एब्रिगाडो के सामाजिक कार्यकर्ता बदलावों का स्वागत करते हैं. ओली ने अपनी और इसी तरह की दूसरी परियोजनाओं के लिए धन की कमी को लेकर निराशा जताते हुए कहा, "मैं आशावादी हूं.” एब्रिगाडो अपने कंजंप्शन रूम में अतिथियों को इस बात के लिए मनाने की कोशिश नहीं करता कि वे ड्रग्स का सेवन करना छोड़ दें. 

उन्होंने कहा, "ओवरडोज की वजह से या लंबे समय तक ड्रग्स के सेवन की वजह से, किसी की मौत होती है, तो टीम इसे अपनी निजी विफलता के तौर पर नहीं देखता कि अगर समय रहते उसे ड्रग्स से दूर कर दिया जाता, तो ऐसा नहीं होता. इसके बजाय, हम इसे एक दुखद कहानी के तौर पर देखते हैं कि कोई मर गया. हमारे बीच से चला गया और मेरा मानना है कि यह किसी का पहला विचार होना चाहिए.”

ओली और हरमन दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि ‘अतिथियों' को पता होता है कि जिस तरह से वे जिंदगी जी रहे हैं उससे उनकी मौत जल्दी हो सकती है. गोंजो भी अपने आसपास के उन लोगों को मरते हुए देखते हैं जिन्हें वे कई सालों से जानते हैं.

गोंजो ने कहा, "मुझे पता है कि मैं 90 साल तक जीवित नहीं रहूंगा. हम स्मृति समारोह का आयोजन उन लोगों को याद करने के लिए करेंगे जो नशीली दवाओं के सेवन से मर गए.” अभी कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपने एक पुराने दोस्त को बिस्तर पर मृत पाया था. वह अभी भी नहीं जानते कि मौत का सही कारण क्या था या उसे कहां दफनाया गया है.