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समाज

अयोध्या मामले में अदालत की निगरानी में मध्यस्थता 31 जुलाई तक

१८ जुलाई २०१९

भारत की शीर्ष अदालत ने अयोध्या मामले के मध्यस्थों से 31 जुलाई तक अदालत की निगरानी में गोपनीय रूप से प्रक्रिया जारी रखने के लिए कहा है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर प्रत्यक्ष रूप से आदेश दे सकेगी.

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Indien Rückblick 70 Jahre Zerstörung der Babri Masjid Moschee in Ayodhya
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. E. Curran

अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता समिति को हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सहमति बनाने के लिए 31 जुलाई तक वार्ता जारी रखने का आदेश दिया है. मध्यस्थता समिति शीर्ष अदालत में अपनी रिपोर्ट एक अगस्त को सौंपेगी. जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय अयोध्या मामले की सुनवाई दो अगस्त से शुरू कर सकती है.

वहीं, अयोध्या मामले के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति को और समय दिया जाना चाहिए जिससे सभी पक्षों के हितों पर विचार किया जा सके. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दशकों पुराने मामले की शीघ्र सुनवाई और फैसले के लिए दायर याचिकाओं के मद्देनजर शीर्ष अदालत के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति मामले की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने जा रही है.

विवादित भूमि के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा, "मैंने मध्यस्थता समिति बनाने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था और अगर समिति को और ज्यादा समय मिले तो इसका इसका समाधान निकल सकता है. शीर्ष अदालत या समिति जो भी निर्णय लेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा." अंसारी ने कहा कि चूंकि इसमें कई पक्ष हैं और समिति के सदस्यों को सबकी बात सुननी है इसलिए समिति को और ज्यादा समय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, "राजनीति के कारण ही इस मामले में देरी हुई जो अब तक सुलझ जाना चाहिए था."

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ मार्च को मध्यस्थों की एक समिति गठित की थी, जिसके अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एफएम खलीफुल्ला हैं. शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि मध्यस्थता फैजाबाद में एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी और समिति अपनी रिपोर्ट चार सप्ताह में दाखिल करेगी. समिति ने सात मई को सील बंद दस्तावेजों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद समिति के आग्रह पर सर्वोच्च न्यायालय ने उसे कोई मैत्रीपूर्ण समाधान निकालने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया था. इसके बाद 11 जुलाई को संविधान पीठ ने मध्यस्थता समिति से 18 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था.

आरपी/एनआर (आईएएनएस)

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