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बढ़ने वाली हैं ट्रंप की मुश्किलें?

७ नवम्बर २०१८

अमेरिकी संसद के निचले सदन में विपक्षी डेमोक्रैटिक पार्टी का बहुमत होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि ऊपरी सदन सीनेट पर ट्रंप की रिपब्लकिन पार्टी का नियंत्रण है.

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Donald Trump
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/E. Vucci

डेमोक्रैटिक पार्टी ने प्रतिनिधि सभा में अपना दबदबा कायम होने के बाद कहा है कि पिछले दो साल के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में जो कुछ हुआ है, उसके लिए रिपब्लिकनों को जबावदेह बनाया जाएगा. 

अमेरिका के मध्यावधि चुनावों को ट्रंप के कार्यकाल पर एक जनमत संग्रह माना जा रहा था और प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रैट्स का बहुमत होना उनके लिए बड़ा झटका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. इस दौरान सियासी छींटाकशी के साथ साथ नस्लवाद और आप्रवासन के मुद्दों को भी खूब उछाला गया.

चुनाव नतीजों के रुझान बताते हैं कि डेमोक्रैट्स को प्रतिनिधि सभा में 30 सीटें ज्यादा मिलने जा रही हैं जबकि उन्हें साधारण बहुमत के लिए सिर्फ 23 सीटों की जरूरत थी. पिछले आठ साल के दौरान यह पहला मौका है जब 435 सदस्यों वाले सदन में डेमोक्रैटिक पार्टी का बहुमत कायम हो रहा है.

राष्ट्रपति ट्रंप के लिए राहत की बात यह है कि अमेरिकी कांग्रेस के ऊपरी सदन में उनकी पार्टी का दबदबा हो गया है. वैसे डेमोक्रैट्स को उम्मीद भी नहीं थी कि वह सीनेट में बहुमत पा सकते हैं. उन्हें मतदाताओं का इस कदर समर्थन नहीं मिल पाया कि संसद के दोनों सदनों में उनका बहुमत हो सके.

प्रतिनिधि सभा में बहुमत होने के बाद अब डेमौक्रैट्स सदन की ऐसी समितियों का नेतृत्व करेंगे जो राष्ट्रपति ट्रंप के टैक्स रिटर्न, संभावित व्यापारिक हितों के टकराव और 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस की संदिग्ध भूमिका जैसे विषयों की छानबीन कर सकते हैं. 

डेमोक्रैट्स कई और अहम मु्ददों पर राष्ट्रपति ट्रंप को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिनमें मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाना, बड़ी टैक्स कटौतियों का पैकेज या फिर व्यापार के मुद्दे पर सख्त नीतियां शामिल हैं. वैसे प्रतिनिधि सभा में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बावजूद ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, "आज की रात शानदार कामयाबी. सबका बहुत बहुत शुक्रिया"

आम तौर पर अमेरिका में जो भी राष्ट्रपति होता है, उसकी पार्टी को मध्यावधि चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ता है. 2010 के मध्यावधि चुनावों में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की डेमोक्रैटिक पार्टी को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था.

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