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कानून और न्याययूरोप

बदलने वाला है एम्सटर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट

पूजा यादव
७ मार्च २०२४

दुनिया भर के पर्यटकों में अपने संग्रहालयों और नहरों के लिए मशहूर नीदरलैंड्स का एम्सटर्डम शहर अपने रेड लाइट डिस्ट्रिक के लिए भी जाना जाता है. लेकिन अब प्रशासन उसे शहर के सेंटर से हटाकर कहीं और बसाना चाहता है.

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एम्सटर्डम का विश्व प्रसिद्ध रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट
एम्सटर्डम का विश्व प्रसिद्ध रेड लाइट डिस्ट्रिक्टतस्वीर: Robin Utrecht/picture alliance

रात के अंधेरे में ये शहर जगमगाता है. नहरों की लहरों पर अपना प्रतिबिंब बनाती स्ट्रीट लाइट्स इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं. लोग यहां मौज-मस्ती के लिए आते हैं. कैनाल क्रूज पर पार्टी करते हैं. गांजे के शौकीन टूरिस्टों के लिए यह एकदम परफेक्ट जगह है क्योंकि एम्सटर्डम में आकर लोग वैध रूप से इसे स्मोक कर सकते हैं. मगर पार्टी करने आये टूरिस्ट अपना आपा खो देते हैं, जिसकी वजह से प्रशासन थोड़ा सख्त हुआ है.

दुनिया के सबसे मशहूर शहरों में शामिल एम्सटर्डम ने 2023 में रेड-लाइट एरिया में सार्वजनिक रूप से वीड यानी गांजा स्मोकिंग पर बैन लगा गया. ये आपराधिक और असामाजिक व्यवहार से निपटने के लिए किया गया. इस बड़ी घोषणा के पीछे एम्सटर्डम की पहली महिला मेयर फेमके हल्सेमा हैं. उनके मुताबिक, वो शहर को स्थानीय लोगों के लिए ज्यादा रहने लायक बनाना चाहती हैं. वह शहर में सेक्स और ड्रग्स से हटकर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती हैं.

गांजा स्मोकिंग पर सख्त नियम

नए नियम के अनुसार, ड्रिंकिंग आवर्स कम होंगे, कैफे जल्दी बंद होने लगेंगे, बार, रेस्तरां, ब्रॉथेल, सेक्स शॉप और स्ट्रिप क्लब भी जल्दी बंद होंगे. यह पाबंदी सिर्फ रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट के पास के इलाके में ही लागू होती है. अगर लोकल या टूरिस्ट प्रतिबंधित जगह पर स्मोक करते पाए गए तो 100 यूरो का जुर्माना लगेगा. साथ ही, सड़कों पर पेशाब करने और शराब के सेवन पर भी जुर्माना देना होगा. अगर इसके बाद भी स्थिति काबू में नहीं आती, तो वीड स्मोकिंग को टेरेस और कॉफी शॉप्स में भी बैन कर दिया जाएगा.

नीदरलैंड्स में गांजा सेवन तकनीकी रूप से अवैध है. मगर 1975 में इसे 5 ग्राम से कम मात्रा में रखने को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था. एम्सटर्डम को छोड़कर बाकी इलाकों में सिर्फ डच निवासियों को कॉफी शॉप्स (वीड स्टोर्स) से वीड खरीदने की अनुमति है. हेल्थ मिनिस्ट्री एंड सिटी डाटा के अनुसार, नीदरलैंड्स में करीब 570 कॉफी शॉप्स हैं, जिसमें से 166 एम्सटर्डम में हैं. 

23 साल के डच नागरिक यारिन स्लूटवेक ने डीडब्ल्यू से बात करते हुए कहा, "गांजा काफी हद तक एम्सटर्डम और कुछ हद तक डच संस्कृति का हिस्सा है. मैं ऐसे कुछ लोगों को जानता हूं जिन्होंने कभी भी किसी भी रूप में वीड का सेवन नहीं किया है. मुझे लगता है कि ड्रग्स पर उदार, सहिष्णु नजरिया डच संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और मैंने हमेशा एम्सटर्डम को इस पहलू में अग्रणी पाया है.”

उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि यह प्रतिबंध सिर्फ राजनीतिक दिखावा हो सकता है. शहर में टूरिस्ट व्यवधान एक परेशानी है और यह ड्रग्स के इस्तेमाल पर 'सख्त रुख' के रूप में मार्केटिंग किए जाने वाले समाधान की तरह लगता है.”

नहरों के लिए भी जाना जाता है ये शहर जो यूनेस्को विश्व धरोहरों में शामिल है
नहरों के लिए भी जाना जाता है ये शहर जो यूनेस्को विश्व धरोहरों में शामिल है तस्वीर: Robin Utrecht/picture alliance

लोकल लोगों को होती है परेशानी

पार्टी करने आये पर्यटकों का व्यवहार एक परेशानी है. इसके लिए कई अभियान भी चलाए गए जैसे स्टे अवे, स्टॉप द मैडनेस वगैरह. प्रोफेसर गेरिट्समा ने बताया कि कैसे टूरिस्ट व्यवहार मुद्दे ने कानूनों और नियमों में हालिया बदलावों को जन्म दिया है. टूरिज्म, जो एक समय एक सकारात्मक शक्ति थी, अब चुनौतियां खड़ी कर रहा है.

डीडब्ल्यू से बात करते हुए इनहॉलैंड यूएएस में एसोसिएट प्रोफेसर और अर्बन लेजर और टूरिस्ट लैब की लैबलीड रोस ने कहा कि पिछले दशक में कुछ जिलों, खासकर रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट में उपद्रवी पार्टियों से स्थानीय शांतिभंग के मामलों में इजाफा हुआ है. वे बताती हैं कि इसका मकसद जिम्मेदार टूरिज्म को बढ़ावा देना और पर्यटकों के व्यवहार में बदलाव लाना है, जिससे स्थानीय लोगों को कोई परेशानी न हो और शहर रहने लायक बना रहे.

रोस का मानना है, "मौजूदा पैटर्न और आदतों को बदलने के लिए न केवल सार्वजनिक जागरूकता की जरूरत है बल्कि प्रभावी लागू सिस्टम भी महत्वपूर्ण है. ये थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है क्योंकि इसमें वित्तीय संसाधनों और नए नियमों की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मी भी होने चाहिए."

वहीं डच नागरिक स्लूटवेक कहके हैं, "मैं तो नशीले पदार्थों खासकर वीड पर बैन लगाने या उन्हें अवैध घोषित करने के सख्त खिलाफ हूं. मगर एम्सटर्डम खासतौर पर आपा खो देने वाले टूरिस्टों से जूझ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके देशों में वीड अवैध है. इस हालत को देखते हुए मुझे यह कदम बुरा नहीं लगता. वैसे भी जब तक यह सिर्फ रेड लाइट एरिया में बैन है, तब तक कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. यह एरिया जाहिर तौर पर ज्यादा जोखिम से भरा है.”

रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट पर पड़ेगा असर

रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट को लेकर एक प्रस्ताव भी चर्चा में बना हुआ है. इसके मुताबिक, रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट को अपनी मौजूदा जगह से हटाकर कहीं और कर दिया जाएगा. शहर की मेयर की योजना ‘इरोटिक सेंटर' बनाने की है. इस सेंटर में सेक्स वर्करों के लिए एक नियंत्रित और केंद्रीकृत वातावरण की बात कही गयी है. प्रोफेसर गेरिट्समा ने कहा कि नगर पालिका इन नियमों को सेक्स वर्करों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए जरूरी मानती है. नए लागू हुए नियमों से सेक्स वर्करों, बार और रेस्तरां के जल्दी बंद होने से एम्सटर्डम में नाइटलाइफ पर असर पड़ेगा. इन बदलावों का मकसद एक सुरक्षित माहौल बनाना है. इन नए नियमों के प्रभाव को सेक्स वर्करों, बार और रेस्तरां के नजरिये से समझना होगा.

स्लूटवेक कहते हैं, "ज्यादातर डच नागरिकों के लिए रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट कुछ खास नहीं है. यह टूरिस्टों के एक आकर्षण है. क्योंकि उनके देशों में तुलनात्मक रूप से इन मामलों में बहुत सख्ती है. यहां लोग ज्यादा उदार और खुली नीति में पले-बढ़े हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट एम्सटर्डम संस्कृति में कोई प्रभावशाली भूमिका निभाता है. शायद एक बेहतर समाधान ये हो सकता है कि एम्सटर्डम में रेड लाइट जिले को केंद्र से हटाकर कई अन्य क्षेत्रों में टूरिज्म में बढ़ावा दिया जाना.”

हालांकि, सेक्स वर्करों का कहना है कि मौजूदा स्थिति उनके लिए तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित है. प्रोफेसर गेरिट्समा बताती हैं कि सेक्स वर्कर अनौपचारिक तौर पर आपसी सुरक्षा करते हैं क्योंकि वे एक-दूसरे को जानते हैं. इन सुरक्षा उपायों में एक 'पर्दा सिस्टम' शामिल है जहां 15 मिनट या उससे ज्यादा समय पर परदे गिराए जाते हैं. प्रोफेसर बताती हैं कि इस दौरान सेक्स वर्कर अपने क्लाइंट का आंकलन करती हैं और क्लाइंट को भी निगरानी में रहने की बात महसूस होती है. इसके अलावा कमरों में इमरजेंसी बेल्स एहतियाती उपाय के रूप में काम करती हैं, जिससे संभावित खतरों पर तुरंत अलर्ट हो जाते हैं. सेक्स वर्कर समय सीमा लगने से अपनी कमाई में कमी आने की चिंता जता रहे हैं.

बढ़ता टूरिज्म एक बड़ी समस्या

एम्सटर्डम उन यूरोपीय शहरों में शामिल है, जहां पर्यटन चरम पर पहुंचा हुआ है. यहां हर साल करीब दो करोड़ टूरिस्ट आते हैं. मेयर फेमके हल्सेमा के मुताबिक, यह संख्या 2025 तक बढ़कर करीब तीन करोड़ पहुंच सकती है. यहां ओवरनाइट होटल स्टे 2006 में 80 लाख से बढ़कर 2016 में 1.4 करोड़ पहुंच गया. 2021 में सिटी ने और विजिटर्स को आने से रोकने के लिए दो करोड़ की सीमा तय कर दी थी. एम्स्टर्डम में वैन गॉग म्यूजियम, रिज्क्स म्यूजियम और ऐन फ्रैंक हाउस जैसे कई बड़े पर्यटक आकर्षण मौजूद हैं. यहां मौजूद 17वीं शताब्दी के टाउनहाउस और नहरें यूनेस्को की हेरिटेज साइट्स में शामिल हैं.

दिक्कत ये है कि बीते दशक में जिन कुछ जगहों का ओवर एक्सपोज हुआ उनमें रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट भी शामिल है. इसके साथ आई चुनौतियों का सामना करने में स्थानीय लोगों और सरकार को संघर्ष करना पड़ रहा है. सरकार इस समस्या से निपटने के लिए टूरिज्म इंडस्ट्री में नए बदलाव लाना चाह रही है. एम्सटर्डम नॉर्थ में इससे जुड़ी योजनाएं विकसित करने में अर्बन टूरिज्म लैब नगर पालिका, कार्यकर्ताओं और बाकी हितधारकों की मदद कर रही है. इससे अतिपर्यटन से जूझते शहरों में सकारात्मक बदलावों की रणनीति निकल सकती है.