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समाजविश्व

अमेरिकी निवेशकों को भारत में निवेश का न्योता

आमिर अंसारी
२३ जुलाई २०२०

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने का न्योता दिया है. मोदी ने इंडिया आइडियाज शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान देश में 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/PTI/Twitter

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की ओर से आयोजित इंडिया आइडियाज समिट में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वक्त दुनिया भारत की तरफ देख रही है, क्योंकि भारत खुलेपन, अवसरों और तकनीक का बेहतरीन मिश्रण है. मोदी ने कहा हम सभी इस बात से सहमत हैं कि दुनिया को बेहतर भविष्य की जरूरत है. मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि भविष्य के लिए हमारी कोशिश मुख्य रूप से अधिक मानव केंद्रित होनी चाहिए." उन्होंने कारोबारियों को बताया कि किस तरह से भारत ने एफडीआई की सीमाओं में ढील देकर निवेश के दरवाजे खोले हैं. मोदी ने बताया कि इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच भारत ने 20 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है.

मोदी ने अमेरिकी निवेशकों से स्वास्थ्य, रक्षा और ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश के अवसर गिनाए, इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अवसरों की भूमि के रूप में उभर रहा है. मोदी के मुताबिक, "भारत आपको वित्त और बीमा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करता है. बीमा में 49 प्रतिशत एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर भारत ने सौ प्रतिशत कर दिया है. इंडिया आपको डिफेंस और स्पेस सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित करता है. भारत में रक्षा उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए दो रक्षा गलियारे भी बनाए हैं."

अपने संबोधन में मोदी ने अमेरिकी निवेशकों से कहा कि वे देश के बुनियादी ढांचे में निवेश करें. उन्होंने कहा, "हमारा राष्ट्र हमारे इतिहास में सबसे बड़ा बुनियादी ढांचा निर्माण अभियान देख रहा है. लाखों लोगों के लिए आवास बनाने में भागीदार बनें, या हमारे देश में सड़कों, राजमार्गों और बंदरगाहों का निर्माण करें." साथ ही प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के मौके भी गिनाए. उन्होंने कहा क्लीन एनर्जी सेक्टर में भी अमेरिकी कंपनियों के लिए अवसरों की भरमार होगी.

दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने बुधवार को इस समिट में बोलते हुए कहा कि भारत को चीनी उत्पादों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी. हाल के दिनों में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा है. पोम्पेयो ने नई दिल्ली को वाशिंगटन का नैचुरल पार्टनर करार दिया. उन्होंने भारत को "कुछ भरोसेमंद, समान विचारधारा वाले देशों में से एक" बताया. समिट को संबोधित करते हुए पोम्पेयो ने कहा, "भारत के पास ग्लोबल सप्लाई चेन आकर्षित करने और अन्य क्षेत्र जैसे कि दूरसंचार, चिकित्सा आपूर्ति आदि में चीनी कंपनियों पर अपनी निर्भरता को कम करने का मौका है."

पोम्पेयो ने कहा भारत इस स्थिति में इसलिए है क्योंकि उसने अमेरिका समेत दुनिया भर के कई देशों का विश्वास अर्जित किया है. समिट में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वायरस से प्रभावित विश्व अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने में मदद करेगा.

इंडिया आइडियाज समिट का इस साल का विषय "बिल्डिंग ए बेटर फ्यूचर" है. इस साल भारत-अमेरिका बिजनेस काउंसिल की स्थापना के 45 साल पूरे हो चुके हैं. इस वर्चुअल समिट को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ-साथ दोनों देशों के कई बड़े अफसर भी संबोधित करेंगे. कोरोना वायरस के बाद के हालात से उबरने के लिए इस वर्चुअल समिट की अहम भूमिका बताई जा रही है.

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