1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
स्वास्थ्यब्रिटेन

505 दिनों तक कोविड पॉजिटिव रहा यह शख्स

२३ अप्रैल २०२२

ब्रिटेन में वैज्ञानिकों को एक इंसान में कोविड का सबसे लंबा इन्फेक्शन मिला है. कुल नौ लोगों पर किए गए लंबे शोध में कोरोना के बारे में बेहद चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं.

https://p.dw.com/p/4AKte
Krankenhaus I NHS Nightingale North West
तस्वीर: Joel Goodman/London News Pictures/ZUMA/picture alliance

505 दिनों तक कोविड पॉजिटिव रहने वाले रोगी पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक, पीड़ित में पहली बार 2020 के मध्य में कोविड-19 इन्फेक्शन मिला. मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. बाद में दवाओं से आराम जरूर पहुंचा, लेकिन इन्फेक्शन बना रहा. उस रोगी के 45 बार टेस्ट किए गए और सभी पॉजिटिव आए.

शोध की सह-लेखिका कन्सल्टेंट वायरोलॉजिस्ट गाइया नेबिया के मुताबिक मौत से ठीक पहले तक रोगी में लगातार सार्स-कोव-2 इन्फेक्शन मौजूद रहा है. इसी इन्फेक्शन की वजह से कोविड-19 होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि रोगी का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर था. यह अकेला मामला नहीं है.

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंताएं

नेबिया और उनके साथियों ने लंदन में काफी लंबे समय तक नौ कोरोना मरीजों पर नजर रखी. टीम यह जानना चाहती था कि अलग-अलग लोगों पर कोरोना कैसा असर डालता है. रिसर्चरों का दावा है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले रोगियों में कोरोना के नए वेरिएंट सामने आ सकते हैं. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में डॉ. नेबिया ने कहा, "वेरिएंट्स के पैदा होने के पीछे यह भी एक अवधारणा है."

कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन
ब्रिटेन के शोध में कोरोना वेरिएंट्स को लेकर भी अहम जानकारी सामने आईतस्वीर: Frank Hoermann/SVEN SIMON/picture alliance

स्ट्डी की कोऑथर नेबिया कहती हैं, "नियमित अंतराल पर लिए गए नमूने और वायरस के जेनेटिक एनालिसिस से दिखता है कि 9 से 5 रोगियों में कम से कम एक चिंताजनक वेरिएंट का म्यूटेशन हुआ. कुछ रोगियों में तो जांच में दायरे में आए वेरिएंट्स के कई म्यूटेशन भी सामने आए, मसलन अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट्स."

नेबिया कहती हैं, "हमने जिन लोगों के साथ काम किया, उनमें से किसी में भी ऐसे नए वेरिएंट्स नहीं बने, जो तेजी से फैलने वाले वेरिएंट्स से मिलते हों. शोध में शामिल 9 लोगों में से दो रोगियों में कोविड एक साल से ज्यादा समय तक रहा."

शोध में शामिल सभी रोगी वे लोग थे, जिनका इम्यून सिस्टम अंग प्रत्यारोपण, एचआईवी, कैंसर या किसी अन्य मेडिकल थेरेपी की वजह से जर्जर हो चुका था. वैज्ञानिकों ने मार्च 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक उनका अध्ययन किया. आखिर में 9 में से 5 लोग ही बच सके. दो बिना किसी इलाज के ठीक हो गए. दो को एंटीबॉडी और एंटीवायरल थेरेपी देनी पड़ी. जीवित बचा पांचवा शख्स अब भी संक्रमित है. आखिरी बार उसका टेस्ट 2022 की शुरुआत में किया गया था. तब उसे 412 दिन से कोविड था.

अब भी अबूझ पहेली बना है कोरोना वायरस
अब भी अबूझ पहेली बना है कोरोना वायरसतस्वीर: Christian Ohde/IMAGO

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगली बार अगर पांचवें रोगी का टेस्ट किया गया, तो 505 दिन का रिकॉर्ड टूट जाएगा.  नेबिया के मुताबिक इस शोध से पता चलता है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए तुरंत नया इलाज खोजने की जरूरत है.

दुनिया महामारी से सबक लेने में नाकाम: रिपोर्ट

अब तक यही माना जाता रहा है कि कोविड-19 का संक्रमण ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते तक शरीर में रहता है. ब्रिटेन के शोध ने इस धारणा को खारिज कर दिया है. शोध के नतीजे अब यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजिजेज के सामने पेश किए जाएंगे.

ओएसजे/वीएस (एएफपी, डीपीए)