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समाज

कोरोना महामारी के बीच श्रीलंका में संसदीय चुनाव

५ अगस्त २०२०

श्रीलंका में बुधवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं. कोविड-19 से बचने के लिए वोटर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. इस चुनाव के नतीजों के साथ गोटबाया राजपक्षे और अधिक शक्ति की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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तस्वीर: Reuters/D. Liyanawatte

श्रीलंका की जनता नई संसद के लिए बुधवार को मतदान कर रही है. कोरोना वायरस से बचने के लिए सख्ती से नियमों का पालन कराया जा रहा है. मतदाता सुबह से ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मतदान केंद्रों के बाहर कतार में दिखे. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को उम्मीद है कि नई संसद उनकी शक्तियों को बढ़ाने में मदद करेगी. मंगलवार को ही राष्ट्रपति ने नई संसद की पहली बैठक 20 अगस्त को बुलाई है.

राष्ट्रपति ने 16वें आम चुनाव के मद्देनजर मार्च में संसद को भंग कर दिया था. पहले आम चुनाव 25 अप्रैल को होने थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उन्हें दो बार स्थगित करना पड़ा. 225 सदस्यीय संसद के नए सदस्यों के चुनाव के लिए बुधवार शाम 5 बजे तक मतदान होगा. कोविड-19 स्वास्थ्य नियमों के कारण मतगणना अगले दिन यानी 6 अगस्त सुबह 7 बजे शुरू होगी. पहले मतगणना उसी रात शुरू हो जाती थी, जिस दिन मतदान होता था.

इस चुनाव में राष्ट्रपति की पार्टी श्रीलंका पोडुजना पेरामुना पार्टी को सदन में बहुमत के लिए कम से कम 113 सीटें जीतनी हैं. पर्यटन पर निर्भर दो करोड़ से अधिक आबादी वाला देश पिछले साल चर्च, होटल पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर जूझ रहा है. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. इसके बाद कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगाया गया जिससे आर्थिक गतिविधियां ठप सी हो गई. राजपक्षे भाइयों का गठबंधन दो तिहाई सीटें जीतना चाहता है जिससे संविधान में संशोधन किया जा सके और राष्ट्रपति की शक्तियों में इजाफा हो पाए.

महामारी और चुनाव

सुबह सात बजे से ही मतदान कराने के लिए पहुंचे अधिकारी फेस शील्ड लगाए दिखे. मेडिकल टीम मतदान केंद्रों पर सख्त नियमों का पालन कराने के लिए तैनात की गई है. कोरोना वायरस के बीच चुनाव कराने के लिए अतिरिक्त टीमों की तैनाती गई है. चुनाव आयोग के चेयरमैन महिंदा देशप्रिया ने कहा, "पोलिंग स्टेशन में आपको संक्रमित होने का कोई जोखिम नहीं है. पोलिंग स्टेशन समुद्र तट, रेस्तरां और बाजार से ज्यादा सुरक्षित है." मंगलवार 4 अगस्त तक श्रीलंका में कोरोना वायरस के 2,828 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में यह आंकड़ा कम है.

गोटबाया राजपक्षे नवंबर में राष्ट्रपति चुने गए थे. वे देश में सख्त लॉकडाउन लगाकर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का श्रेय लेते हैं. वे अपने बड़े भाई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को दोबारा प्रधानमंत्री के रूप में देखने की उम्मीद कर रहे हैं. दोनों भाइयों ने अपना राजनीतिक जीवन सिंहला राष्ट्रवादी के रूप में स्थापित किया. देश में सिंहला समुदाय की आबादी 70 फीसदी है. सिंहला को तमिल चरमपंथियों को खत्म करने के लिए जाना जाता है. दशकों तक तमिल अलगाववादियों के साथ द्वीप के उत्तर और पूर्व में लड़ाई चली. 26 साल पुराना गृहयुद्ध 2009 में खत्म हो गया. उस वक्त छोटे भाई राष्ट्रपति थे और उन पर टॉर्चर और नागरिकों की हत्या का आरोप लगा था. यह दौर संघर्ष का अंतिम चरण था. उस वक्त के बाद से ही सरकार पर दोनों भाइयों का ही कब्जा है, विपक्षी दल राष्ट्रपति के अधिकारों को कम करना चाहता है जिससे शक्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके और इसके बदले संसद द्वारा स्वतंत्र आयोगों की नियुक्ति की मांग करता आया है.

लेकिन गोटबाया राजपक्षे का कहना है कि शक्तियों के बिना वे बंधन में बंधे हैं. पिछले हफ्ते उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, "मुझे अपने आर्थिक कार्यक्रम को लागू करने के लिए शक्ति की जरूरत है जिसके लिए आपने वोट दिया है."

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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