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कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार

२४ फ़रवरी २०२२

रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ ही 2014 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चले गए हैं. वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था के अस्त व्यस्त होने को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं.

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Peru Ölpest an der Küste
तस्वीर: Klebher Vasquez/AA/picture alliance

गुरूवार की शुरुआती स्थिति में ब्रेंट कच्चे तेल के दाम 101.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे, जो सितंबर 2014 के बाद तेल के दामों का अभी तक का सबसे ऊंचा स्तर है. अमेरिका के वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल के सूचकांक पर भी दाम 96.51 डॉलर तक पहुंच गए थे, जो अगस्त 2014 के बाद उसका सबसे ऊंचा स्तर है.

गुरूवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में सैन्य अभियान के आदेश दे दिए और इस कदम से यूरोप में युद्ध की शुरुआत हो सकती है. रूस नाटो के पूर्व की तरफ विस्तार के अंत की मांग कर रहा है. रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल का उत्पादक है. वह मुख्य रूप से यूरोप की रिफाइनरियों को कच्चा तेल पहुंचाता है. रूस यूरोप का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस का पूर्तिकर्ता भी है. यूरोप की 35 प्रतिशत गैस रूस से ही आती है.

आईएनजी कमोडिटी रिसर्च के प्रमुख वार्रेन पैटरसन ने कहा, "यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की घोषणा ने ब्रेंट को 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचा दिया है." उन्होंने यह भी कहा कि तेल बाजार घबराहट के साथ पश्चिमी देशों के रूस के खिलाफ अगले कदमों को देखने का इंतजार करेगा.

वेस्ट हैकबेरी, अमेरिका
अमेरिका में तेल के भंडार का एक केंद्रतस्वीर: U.S. Department of Energy/AP/picture alliance

पैटरसन का मानना है, "तेल बाजार इस समय पहले से ही कड़ी स्थिति में है और ऐसे में इस बढ़ती हुई अनिश्चितता की वजह से वो और असुरक्षित हो गया है...ऐसे में दामों के अस्थिर और बढ़े हुए ही रहने की संभावना है." पश्चिमी देशों और जापान ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है.

जापान और ऑस्ट्रेलिया ने गुरूवार को कहा कि अगर यूक्रेन संकट की वजह से वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ा तो वो अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के दूसरे सदस्य देशों के साथ मिल कर अपने तेल के भंडारों में हाथ डालने के लिए तैयार हैं.

ओएनडीए के वरिष्ठ बाजार समीक्षक जेफ्री हेली ने कहा, "एक पहलू है जो दामों पर अस्थायी रूप से अंकुश लगा सकता है और वो है ईरान परमाणु संधि...खबर है कि इसी हफ्ते एक नए समझौते की घोषणा हो सकती है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन संकट और उसके व्यापार परिणाम का तेल के दामों पर असर जारी रहेगा.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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