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साहित्ययूरोप

अपनी कहानी लिख-लिख कर नोबेल विजेता बनी एनी एर्नो

६ अक्टूबर २०२२

कई दशकों से फ्रांस और उसके बाहर नारीवाद की प्रतिमूर्ति से अब साहित्य की नोबेल विजेता बन चुकी एनी एर्नो ने इसी साल खुद के बारे में कहा था, "एक महिला जो लिखती है--बस."

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अपनी कहानियां लिख लिख कर नोबेल तक पहुंचीं
नारीवाद की प्रतिमूर्ती से नोबेल विजेता तक एनी एर्नोतस्वीर: CHAD HIPOLITO/empics/picture alliance

फ्रांस के कांस में "द सुपर 8 ईयर्स" डॉक्यूमेंट्री पेश करते हुए उन्होंने यह बात कही थी. यह डॉक्यूमेंट्री उनके पारिवारिक जीवन से जुड़े वीडियो से बनाई गई थी. जिसमें उस दशक का ब्यौरा था जब वो फ्रांस के साहित्य जगत में एक प्रमुख आवाज बन गईं.

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इनकी रिकॉर्डिंग 1972 से 1981 के बीच उनके पूर्व पति ने की थी जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. उन वीडियो में देखा जा सकता है कि अपनी शादीशुदा जिंदगी और लेखिका के तौर पर आगे बढ़ने के दौर में वो चक्की के दो पाटों के बीच किस तरह पिस गई थीं. तब एर्नो ने कहा था, "ये 10 साल मेरी जिंदगी के लिए सबसे अहम रहे क्योंकि इन सालों में लेखिका बनने की मेरी ख्वाहिश पक्की हुई. साथ ही इसलिए भी क्योंकि मैंने आजादी पाई. मैंने बिना आजादी के तकलीफ झेली वो भी तब जबकि मेरी शादी प्यारी थी. यह मेरी जिंदगी की कहानी है और उन हजारों औरतों की भी जो खुद भी आजादी और मुक्ति की खोज में हैं."

एर्नो का पहला उन्यास 'क्लीन्ड आउट' 1974 में छपा था. यह अबॉर्शन से जुड़ा एक डरावना दस्तावेज है जो उन्होंने अपने परिवार से छिपाया. 1984 में उन्होंने तलाक ले लिया और फिर अपने बेटे को अकेले पाला.

फ्रांस की एनी एर्नो को साहित्य का नोबेल
एर्नो की कहानियां उनके अनुभवों का दस्तावेज हैंतस्वीर: Ger Harley/EdinburghElitemedia/picture alliance

फिल्मों में काम पसंद नहीं

"द सुपर 8 ईयर्स" बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म है लेकिन उनकी किताबें लंबे समय से फिल्म बनाने वालों के काम आती रही हैं. युवावस्था में उनके अबॉर्शन से जुड़ी एक और कहानी पर आधारित "द हैपनिंग" ने पिछले साल वेनिस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लॉयन जीता. इसी साल उनके रोमांटिक उपन्यास सिंपल पैशन का एडेप्टेशन हुआ साथ ही फ्रांस के नये शहरों के बारे में "आई हैव लव्ड लिविंग हियर" डॉक्यूमेंट्री भी आई जिसमें उन्होंने अपने लेखन और आवाज का इस्तेमाल किया है. हालांक एर्नो का कहना है कि वो खुद फिल्मों में काम करना नहीं चाहतीं. एर्नो ने कहा, "मैं आंतरिक छवियों के साथ लिखती हूं, संस्मरण की छवियां, सिनेमा के लिये लिखने की प्रक्रिया बिल्कुल अलग है."

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फ्रेंच लेखिका ने फ्रांस में अपने जीवन की परतों को खुरच खुरच कर लिखा है और नोबेल पुरस्कारों के लिए चुनाव करने वाली समिती ने उनकी इसी खूबी को पुरस्कार का आधार माना है, "जिस हिम्मत और बिना भावावेग के वो अपने संस्मरणों की जड़ों, अलगाव और सामूहिक अवरोध को बेपर्दा करती हैं" उसके लिये उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है."

फ्रेंच लेखिका एनी एर्नो को साहित्य का नोबेल
फिल्मकारों की पसंद रहीं एर्नो को फिल्मों में काम करना पसंद नहीं हैतस्वीर: CATI CLADERA/EPA-EFE

"ईमानदार लेखिका"

एर्नो की आत्मकथात्मक किताबों में उन्होंने समाज और वर्ग में बदलते लेकर रिश्तों के बीच प्यार, सेक्स, गर्भपात, शर्म को लेकर निजी अनुभवों और अहसासों का ब्यौरा दिया है. नोबेल साहित्य कमेटी के चेयरमैन आंदर्स ओलसटन का कहना कि एर्नो "एक बेहद इमानदार लेखिका हैं जो कठोर सच्चाई का सामना करने से नहीं डरतीं. वो ऐसी चीजों के बारे में लिखती हैं जिनके बारे में कोई और नहीं लिखता, उदाहरण के लिए गर्भपात, उनकी ईर्ष्या, एक छोड़ी गई प्रेमिका और इन सब के बारे में. मेरा मतलब है कि सचमुच कठिन अनुभवों के बारे में."

साहित्य के लिए अब तक कुल 119 लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला है जिनमें एर्नो 17वीं महिला हैं.  पुरस्कार मिलने की सूचना देने पर उन्होंने हैरानी जताई और फोन करने वाले स्वीडिश पत्रकार से पूछा, "क्या आप सच कह रहे हैं?" बाद में उन्होंने कहा, "यह अवॉर्ड एक बड़े सम्मान के साथ बहुत बड़ी जिम्मेदारी है."

एनआर/आरपी (एएफपी, एपी)