मीटू पर आखिरकार हरकत में आई सरकार
२४ अक्टूबर २०१८महिलाओं के यौन शोषण से जुड़े मीटू अभियान के तहत भारत में अब तक दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं. अब भारत सरकार ने दो पुरुष और दो महिला मंत्रियों को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी है कि वे कामकाजी जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा प्रावधानों की समीक्षा करें और भविष्य में इन्हें रोकने के लिए उपाय सुझाएं. भारत के गृह मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई है.
महिला संगठनों का कहना है कि शोषण से जुड़े मौजूदा कानूनों में शिकायतों को कार्यस्थल की शिकायत कमेटी के पास तीन महीने के भीतर दायर करना जरूरी होता है जो अनुचित है. इन संगठनों का यह भी कहना है कि फिलहाल यह भी साफ नहीं है कि अगर शिकायत सही पाई गई तो कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी किसकी होगी.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस कमेटी का नेतृत्व करेंगे. मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है, "कामकाजी लोगों में महिलाओं की अस्मिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है." भारत सरकार के विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर दर्जन भर से ज्यादा महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. यह सारे आरोप उनके पत्रकार के रूप में काम करने के दिनों से जुड़े हैं. अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. इसके साथ ही उन्होंने शिकायत करने वाली एक महिला के खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है.
#MeToo अभियान अमेरिका में करीब एक साल पहले शुरू हुआ. पिछले महीने भारत में पहली बार इसकी गूंज तब सुनाई दी जब फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर पर 10 साल पहले एक फिल्म के सेट पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया. उसके बाद से ही लगभग हर रोज कोई ना कोई महिला अपने साथ हुए यौन शोषण या फिर ऐसी कोशिश करने वालों की दास्तान बता रही है. इनमें बहुत सारे मशहूर लोगों पर आरोप लग रहे हैं. जिन पर आरोप लगे हैं उनमें फिल्म और मीडिया जगत के ही ज्यादातर लोग हैं. आरोपों में छेड़खानी से लेकर बलात्कार तक के मामले हैं. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि महिला और बाल विकास मंत्रालय उत्पीड़न के मामलों के लिए "इलेक्ट्रॉनिक कंपलेंट बॉक्स" शुरू करने की योजना भी बना रहा है.
एनआर/एके (रॉयटर्स)