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समाजसऊदी अरब

हज: दो साल बाद पहुंचे यात्री, कारोबारी भी खुश

६ जुलाई २०२२

कोरोना महामारी के कारण दो साल तक विदेशी हज यात्रियों के लिए सऊदी अरब ने रोक लगा दी थी. इस साल प्रतिबंध हटने से विदेशों से यात्री आ रहे हैं और मक्का और मदीना के कारोबारी भी बहुत उत्साहित हैं.

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मक्का की एक दुकान में हज यात्री
मक्का की एक दुकान में हज यात्री तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS

दुनिया के कई अन्य देशों की तरह सऊदी अरब को भी कोरोना महामारी के चलते भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. कोरोना के कारण ही पिछले दो साल से हज के लिए विदेश से आने वाले यात्रियों पर सऊदी ने रोक लगा दी थी. पिछले दो साल से सऊदी अरब में हज के लिए विदेशियों के नहीं आने से वहां के व्यापारियों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ी.

इस साल मुसलमानों के पवित्र शहर मक्का की सड़कों पर एक बार फिर हज यात्रियों की कतार लग गई है. हज के लिए आए इन लोगों के लिए जरूरी सामान बेचने वाले कारोबारियों के व्यावसायिक जीवन के रंग लौट आए प्रतीत होते हैं.

इस बार सऊदी अरब में विदेशी हज यात्रियों का आना एक बड़ी राहत है, खासकर मक्का और मदीना के व्यापारियों के लिए. मक्का की भीड़भाड़ वाली गली में दिकरा फकीही की एक दुकान है. वह हज यात्रियों की जरूरत की चीजें बेचती हैं. हज के दौरान यात्रियों को जानेमाज, तस्बीह, चादर और अन्य सामानों की जरूरत होती हैं, वह सब उनकी दुकान में मौजूद है.

इब्राहिम खलील सड़क पर हजारों हज यात्री शाम ढलने के बाद टहलने निकलते हैं और इस सड़क पर दुकानों के सामने से गुजरते हुए रंगीन चीजों और उपहारों को देखने के लिए जाते हैं. इसी सड़क पर मौजूद एक दुकान में विदेशी मुद्रा बदली जा रही है.

फकीही कहती हैं, "सबसे खूबसूरत बात यह है कि जीवन सामान्य हो गया है. हमें अपना मशहूर बाजार वापस मिल गया है और चीजें अब पहले की तुलना में काफी बेहतर हैं. पहले हम संकट से गुजर रहे थे.''

इस साल हज के लिए सऊदी शहरों मक्का और मदीना की यात्रा करने के लिए दस लाख विदेशी यात्रियों की अनुमति है. पिछले दो साल के दौरान, सऊदी अरब में रहने वाले सऊदी या विदेशी मुसलमानों की सीमित संख्या को ही हज करने की इजाजत दी गई थी.

मक्का में रोटी खरीदने के लिए जुटे हज यात्री
मक्का में रोटी खरीदने के लिए जुटे हज यात्री तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS

हज की अहमियत

हर मालदार मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना फर्ज है. हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में एक है. कुरान के मुताबिक, अगर सामर्थ्य हो, तो हर मुसलमान को जिंदगी में कम से कम एक बार हज जरूर करना चाहिए.

हज सऊदी सरकार के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत भी है. हर हज यात्री आवास, परिवहन शुल्क आदि के अलावा उपहार भी खरीदता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सऊदी अरब में कोरोना महामारी के पहले करीब 26 लाख लोग पहुंचे थे. हज यात्रियों से सरकार ने सालाना 12 अरब डॉलर भी कमाए थे. जबकि लगभग 19 लाख मुसलमान हर साल उमरा करने के लिए वहां जाते थे.

मौजूदा आर्थिक तनाव

अब कारोबार फिर से शुरू हो गया है लेकिन महंगाई भी तेजी से बढ़ी है और इस बार हज यात्रियों और अन्य यात्रियों को हर चीज की कीमत में साफ बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मिस्र से हज के लिए आए हेबा बशर ने कहा कि मिस्र का पाउंड सऊदी रियाल के मुकाबले बहुत कमजोर है. अब सऊदी अरब साम्राज्य में गरीबों के लिए कीमतें आसमान छू रही हैं.

अम्मान में रहने वाले सीरियाई अदनान हसन कहते हैं, "जॉर्डन की तुलना में यहां महंगाई बहुत अधिक है. हमने चीजों की कीमतों में भारी अंतर देखा है. लेकिन समस्या सिर्फ सऊदी अरब में ही नहीं हर जगह है.''

हसन आगे कहते हैं, ''शुक्र है कि हम कोरोना महामारी से बच गए और लॉकडाउन से बाहर आ गए. अब मुझे बस इस बात की खुशी है कि हज का दौर वापस आ गया है. कोई पाबंदी नहीं, कोई मास्क नहीं, यहां सब कुछ सामान्य है."

एए/सीके (रॉयटर्स)

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