बेरूत धमाका: लेबनान की पूरी सरकार का इस्तीफा
११ अगस्त २०२०लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में सरकार के इस्तीफे का ऐलान किया. सोमवार को देश के नाम संक्षिप्त संबंधोन में दियाब ने कहा वह "एक कदम पीछे" जा रहे हैं ताकि वह लेबनान की जनता के "साथ खड़े होकर बदलाव की लड़ाई लड़ सके." उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "मैं आज अपनी सरकार के इस्तीफे की घोषणा करता हूं. ईश्वर लेबनान की रक्षा करे." दियाब ने आगे कहा, "आज हम जनता और उनकी मांगों पर ध्यान दे रहे हैं और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराने की मांग को मान रहे हैं."
दियाब ने पिछले सप्ताह राजधानी बेरूत में घातक विस्फोट के लिए अपने पूर्ववर्तियों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, "उन्हें (राजनीतिक वर्ग) खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि उनके भ्रष्टाचार की वजह से ऐसी त्रासदी हुई जो कई सालों से छिपी हुई थी." लेबनान के राष्ट्रपति माइकल आउन ने सरकार का इस्तीफा मंजूर कर लिया है.
जनता के बढ़ते दबाव के बीच लेबनानी सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक की थी. 4 अगस्त को राजधानी बेरूत के बंदरगाह पर हुए विस्फोट में 163 लोगों की मौत हो गई थी और 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे. दियाब ने देश की हालत के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "मैंने पहले भी कहा है भ्रष्टाचार हर स्तर पर जड़े जमाए हुए है. मुझे मालूम चल गया है कि भ्रष्टाचार राष्ट्र से भी बड़ा है." उन्होंने एक खास राजनीतिक वर्ग की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह देश में बदलाव नहीं देखना चाहता और उनकी सरकार को सुधारों को लागू करने के लिए एक मजबूत दीवार का सामना करना पड़ा.
इस बीच फ्रांस ने लेबनान में नई सरकार के "तीव्र गठन" का आग्रह किया है. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान ने एक बयान में कहा, "सुधारों और शासन के संदर्भ में लेबनान की जनता द्वारा व्यक्त की गई आकांक्षाओं को सुना जाना चाहिए. ऐसी सरकार के तेजी के साथ गठन की प्राथमिकता होनी चाहिए जो लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सके."
राष्ट्रपति माइकल आउन ने दियाब की सरकार को कार्यकारी सरकार के रूप में काम करने को कहा है. इसी साल जनवरी में हिजबुल्लाह और उसके सहयोगियों की मदद से दियाब ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था. दियाब के इस्तीफे के ऐलान के पहले ही मध्य बेरूत में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने संसद भवन के एक गेट पर पथराव किया जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे. 4 अगस्त को बेरूत धमाके के अगले दिन से ही लेबनान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे. लोग सरकार पर नाकामी का आरोप लगाते आ रहे हैं. लेबनान की जनता का आरोप है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की वजह से बेरूत में इतना बड़ा धमाका हुआ और सैकड़ों लोग मारे गए.
एए/सीके (एएफपी)
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