हांगकांग: लोकतंत्र कार्यकर्ता पर सुरक्षा कानून का केस शुरू
१८ दिसम्बर २०२३1,100 दिनों से भी ज्यादा कैद में रखे जाने के बाद 18 दिसंबर को जिमी लाई का ट्रायल शुरू हुआ. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी ताकतों के साथ हाथ मिलाने का आरोप है. साथ ही, दूसरों के साथ मिलकर "राष्ट्रद्रोही चीजें" छापने की साजिश का भी इल्जाम है.
स्थानीय समाचारों के मुताबिक, 76 साल के जिमी लाई को पश्चिम कोलून जिले की अदालत में पेश किया गया. दोषी पाए जाने पर उन्हें उम्रकैद हो सकती है. इससे पहले भी उन्हें पांच अन्य मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है. इनमें 2019 के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के आयोजन और हिस्सेदारी के केस शामिल हैं.
आलोचकों का कहना है कि हांगकांग की न्यायिक प्रक्रिया स्वतंत्र नहीं है. मुकदमे की सुनवाई में शामिल तीनों जजों की नियुक्ति को सरकार ने मंजूरी दी है. ऐसे में लाई को निष्पक्ष और स्वतंत्र ट्रायल मिलने की उम्मीद कम ही है. इसके बावजूद अदालत के बाहर लोग लंबी कतार लगाकर मौजूद थे. लाई और लोकतंत्र के समर्थकों की भी खासी मौजूदगी देखी गई.
अदालती कार्यवाही देखने आए कुछ लोगों ने समाचार एजेंसी एपी से कहा कि वे जानते हैं कि लाई मुकदमा हार जाएंगे. इनमें शामिल 29 साल की जॉली चुंग ने कहा, "हांगकांग की निवासी के तौर पर मैं यह ट्रायल देखना चाहती हूं, जबकि मैं जानती हूं कि वह हार जाएंगे." अदालत पहुंची एक अन्य महिला एंडी सुंग ने बताया कि वह इतिहास की साक्षी बनने आई हैं. एंडी ने कहा, "यहां आने का फैसला करना एक किस्म का छोटा सा प्रतिरोध है."
ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के वाणिज्यिक दूतावास की ओर से भी प्रतिनिधि ट्रायल देखने पहुंचे थे. लाई ब्रिटिश नागरिक हैं. हांगकांग में राजनैतिक आजादी और न्यायिक स्वतंत्रता के भविष्य की दिशा के मद्देनजर यह मुकदमा बेहद अहम माना जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुकदमे की काफी निंदा हुई है.
अमेरिका और ब्रिटेन ने की रिहाई की मांग
ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरून ने अदालती कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि वह "राजनैतिक मंशा से प्रेरित इस मुकदमे" से चिंतित हैं. अपने बयान में कैमरून ने कहा, "मैं हांगकांग प्रशासन ने यह मुकदमा खत्म करने और जिमी लाई को रिहा करने की अपील करता हूं." यूरोपीय संघ ने भी कहा कि यह मुकदमा "हांगकांग में कानून के शासन में भरोसा कम करता है."
17 दिसंबर को अमेरिकी विदेश विभाग ने भी लाई से जुड़े मुकदमे पर एक बयान जारी किया. इसमें उन्हें रिहा किए जाने की अपील करते हुए कहा गया कि अमेरिका लोकतंत्र समर्थक लाई के खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमे की निंदा करता है. बयान में यह भी रेखांकित किया गया है कि प्रेस की आजादी और सूचना के स्वतंत्र प्रसार को दबाने, हांगकांग की चुनावी व्यवस्था में बदलाव करने, लोकतंत्र समर्थक उम्मीदवारों को चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने जैसी घटनाओं ने हांगकांग की बतौर अंतरराष्ट्रीय कारोबार के गढ़ की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
लोकतंत्र और आलोचना को कुचलने का कानून
चीन की सरकार ने दखलंदाजी बताते हुए इन आलोचनाओं को खारिज किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका और ब्रिटेन पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए लाई को "चीन विरोधी तत्वों" से जोड़ा. एक प्रेस वार्ता के दौरान वेनबिन ने कहा, "इस मामले पर अमेरिका और ब्रिटेन की टिप्पणी कानून-सम्मत शासन की भावनाओं का गंभीर उल्लंघन हैं."
यह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 30 जून, 2020 को लागू किया गया था. चीन का कहना था कि हांगकांग में स्थिरता और सुरक्षा के मद्देनजर इस कानून की जरूरत है, लेकिन आलोचकों की राय है कि कानून की रूपरेखा लोकतंत्र और आलोचना को दबाने की मंशा से बनाई गई है. जानकारों के मुताबिक, यह कानून लागू होने के बाद हांगकांग में चीन के विरुद्ध जाने का कोई विकल्प ही नहीं बचा है. राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार खत्म कर दिए गए हैं.
इस कानून के तहत सैकड़ों आलोचकों, विपक्षी नेताओं और लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है. दर्जनों लोगों पर एनएसएल के तहत केस दर्ज किया गया है, लेकिन लाई पहले शख्स हैं, जिनके ऊपर "विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत" के आरोप में मुकदमा शुरू हुआ है.
लाई को नहीं करने दिया गया अपनी पसंद का वकील
मुकदमा करीब 80 दिन तक चलने की उम्मीद है. पिछले साल लाई के अखबार एप्पल डेली से जुड़े छह कर्मियों ने मिलीभगत से जुड़े आरोप स्वीकार किए थे. उन्होंने अदालत में लाई के साथ साजिश की बात कबूल की. खबरों के मुताबिक, अखबार के कुछ पूर्व कर्मचारी लाई के खिलाफ गवाही दे सकते हैं.
यह मुकदमा दिसंबर 2022 में शुरू होना था, लेकिन इसकी तारीख बढ़ा दी गई. जिमी लाई एक ब्रिटिश वकील टिमोथी ओवेन की सेवा लेना चाहते थे, लेकिन हांगकांग सरकार ने बीजिंग से ऐसा ना होने देने की अपील की. इसके बाद सरकार ने यह कहकर टिमोथी को लाई का प्रतिनिधित्व नहीं करने दिया कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा होगा.
एसएम/वीएस (एपी, एएफपी, डीपीए)