दुनिया का पहला विकलांग अंतरिक्ष यात्री चुना गया
२४ नवम्बर २०२२यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, ईएसए ने पहली बार एक विकलांग अंतरिक्ष यात्री को चुन कर इतिहास रच दिया है. ब्रिटिश डॉक्टर और पैरालिम्पियन जॉन मैकफॉल पहले विकलांग हैं जिन्हें अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया है. उन्हें एक अलग "पैराएस्ट्रोनॉट फिजिबिलिटी प्रोग्रााम" के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. 41 साल के मैकफॉल का दाया पैर एक मोटरसाइकिल दुर्घटना के बाद काटना पड़ गया था. तब उनकी उम्र महज 18 साल थी. हालांकि उसके बाद भी वह धावक बने और 2008 के पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीतने में सफल हुए. मैकफॉल का कहना है, "यह एक तूफानी अहसास है, पैर कट जाने के बाद मैंने कभी नहीं सोचा था कि अंतरिक्ष यात्री बनने की संभावना होगी."
नये अंतरिक्ष यात्री
पांच नए अंतरिक्ष यात्रियों में दो महिलाएं और तीन पुरुष हैं. पेरिस में एक बैठक के दौरान ईएसए के महानिदेशक जोसेफ आशबाखर ने बताया, "ये लोग तुरंत काम शुरू कर देंगे." ईएसए के पास अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए 22,500 लोगों ने आवेदन भेजा था. इनमें से फ्रांस की सोफी एडेनॉट, स्पेन के पाब्लो अल्वारेज फर्नांडीज, ब्रिटेन की रोजमैरी कूगन, बेल्जियम के राफायल लिजियो और स्विट्जरलैंड के मार्को सीबर को चुना गया है. रोजमैरी कूगन ने इस कहा, "मैं यूरोपीय हूं लेकिन यूके से हूं." ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ छोड़ दिया है लेकिन ईएसए में बना हुआ है.
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नए लोगों की ट्रेनिंग अगले साल शुरू होगी और 2026 से पहले इनके अंतरिक्ष में जाने के आसार नहीं हैं. ये लोग ईएसए की 2009 में शुरू हुई क्लास में प्रशिक्षण लेंगे. इनमें ब्रिटेन के टिमोथी पिएके और फ्रांस के थोमा पेस्के शामिल हैं. पिछली क्लास से ही एक अंतरिक्ष यात्री को नासा के आर्टेमिस मिशन में चांद पर जाने के लिए चुना जाएगा. ईएसए ने छह महिलाओं और पांच पुरुषों की एक रिजर्व टीम भी तैयार की है. इन लोगों ने चयन प्रक्रिया को पार कर लिया है और जरूरत पड़ने पर भविष्य में बुलाया जाएगा.
ईएसए के बजट में बड़ा इजाफा
एजेंसी के 22 सदस्य देशों के मंत्रियों की पेरिस में दो दिन तक चली कठिन चर्चा के बाद इन लोगों के नाम चुने गए हैं. इसी दौरान एजेंसी के कोष पर भी लंबी चर्चा हुई. चर्चा के बाद अगले तीन सालों के लिए 16.9 अरब यूरो के बजट पर सहमति बनी है. इससे पहले 2019 में एजेंसी के लिए 14.5 अरब यूरो का बजट तय हुआ था. हालांकि आशबाखर ने 18.5 अरब यूरो के बजट की मांग की थी जिससे यह काफी कम है.
बजट पर चर्चा के दौरान सदस्य देशों के योगदान को लेकर काफी बहस भी हुई. बहरहाल जो सहमति बनी है उसमें जर्मनी ने सबसे ज्यादा 3.5 अरब यूरो दिया है. इसके बाद 3.25 अरब यूरो के साथ फ्रांस और 3.1 अरब यूरो के साथ इटली है.
ईसएस फिलहाल रूस की समस्या से भी जूझ रहा है. रूस ने यूक्रेन पर हमले के कारण लगे प्रतिबंधों के जवाब में अपने सोयूज रॉकेट को वापस ले लिया है. दूसरी तरफ आरियाने 6 रॉकेट के लॉन्च में भी देरी हो रही है. इसे 2020 में ही उड़ान भरना था लेकिन ऐसा लग रहा है कि अगले साल के आखिर से पहले यह उड़ान नहीं कर पाएगा. ईएसए को अपनी दो वैज्ञानिक मिशनों के लॉन्च के लिए प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करना पड़ रहा है.
एनआर/वीके (एएफपी)