चीन ने चिप बनाने के मटीरियल के निर्यात पर रोक लगाई
४ जुलाई २०२३इस फैसले से अमेरिका और चीन के कारोबारी रिश्ते पर असर पड़ा है, जिसके चलते ग्लोबल सप्लाई भी बाधित हो सकती है. अचानक लिए इस निर्णय पर कंपनियों ने चिंता जाहिर की है. चीन में जर्मेनियम का उत्पादन करने वाली कंपनी ने समाचार एजेंसी रायटर्स से कहा है कि इस निर्णय के बाद दुनियाभर से इन्क्वायरी आ रही है और कीमतों में रातोरात तेजी आ गई है.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए 1 अगस्त से आठ गैलियम उत्पादों और छह जर्मेनियम उत्पादों के निर्यात को नियंत्रित करेगा. इस फैसले को विश्लेषकों ने चीन की तकनीकी प्रगति पर अंकुश लगाने के लिए वाशिंगटन के बढ़ते प्रयासों के जवाब में एक जवाबी कार्रवाई बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को कहा कि चीन के निर्यात नियंत्रण कानून के अनुसार हैं और किसी विशिष्ट देश को निशाना नहीं बनाते.
ग्लोबल माइनिंग एसोसिएशन ऑफ चाइना के अध्यक्ष पीटर अर्केल का कहना है, "चीन ने अमेरिकी व्यापार प्रतिबंधों पर वहीं प्रहार किया है जहां उसे नुकसान होता है. गैलियम और जर्मेनियम कुछ ऐसी धातुएं हैं, जो तकनीकी उत्पादों की श्रेणी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और चीन इनमें से अधिकांश धातुओं का प्रमुख उत्पादक है. यह बहुत मुश्किल ही है कि कोई अन्य देश अल्प या मध्यम अवधि में चीन की जगह ले सकता है."
संचार उपकरणों, सौर पैनलों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेमीकंडक्टरों में गैलियम, जर्मेनियम और अन्य छोटी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है. चीन गैलियम और जर्मेनियम का मुख्य उत्पादक है. समाचार वेबसाइट कैक्सिन ने कस्टम डाटा का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में चीन के गैलियम उत्पादों के शीर्ष आयातक जापान, जर्मनी और नीदरलैंड थे. जबकि जर्मेनियम उत्पादों के शीर्ष आयातक जापान, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका थे.
अमेरिका इन दोनों धातुओं की लगभग आधी सप्लाई सीधे चीन से हासिल करता है. चीन ने पिछले साल अमेरिका को 23 मिट्रिक टन गैलियम की सप्लाई दी थी. चीन हर साल करीब 600 मिट्रिक टन जर्मनियम का उत्पादन करता है. अमेरिका ने अत्याधुनिक चिपों और उन्हें बनाने की तकनीक के चीन तक जाने का रास्ता बंद कर दिया था. इसके साथ ही उसने अपने सहयोगियों जापान और नीदरलैंड्स को इस बात के लिए रजामंद कर लिया था कि वो चीन को चिप बनाने वाले उपकरणों की सप्लाई सीमित कर दें.
इन कदमों से चीन की ज्यादा अमीर और स्वच्छ ऊर्जा, टेलिकॉम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दुनिया का अगुआ बनने की महत्वाकांक्षा में बाधा पड़ गई. यही वजह है कि चीन के प्रतिबंधों को जवाबी कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है.
पीवाई/एनआर (रॉयटर्स)