1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
राजनीतिऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के नई मंत्रिमंडल में हुईं कई ऐतिहासिक चीजें

विवेक कुमार
१ जून २०२२

ऑस्ट्रेलिया में नई सरकार के मंत्रिमंडल ने शपथ ली तो इसकी चर्चा दुनियाभर में हुई. देश की नई सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं, जो पहली बार हो रहे हैं. जैसे पहली बार इतनी संख्या में महिलाओं को मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी दी गई है.

https://p.dw.com/p/4C8PF
Australien Neue Kabinettsmitglieder
शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी का नया मंत्रिमंडल.तस्वीर: Lucas Coch/AAP/IMAGO

बुधवार सुबह ऑस्ट्रेलिया के नए मंत्रिमंडल ने शपथ ली, जो कई मायनों में ऐतिहासिक है. बीते सप्ताह ही चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने एंथनी अल्बानीजी ने अपनी कैबिनेट में 22 मंत्रियों को शपथ दिलाई. इनमें 10 महिलाएं हैं, जो एक रिकॉर्ड है. इसे ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में लैंगिक रूप से सबसे संतुलित मंत्रिमंडल बताया गया है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री लेबर पार्टी के एंथनी अल्बानीजी ने अपने दो सबसे अहम मंत्रालय महिलाओं को सौंपे हैं. पेनी वॉन्ग देश की विदेश मंत्री बनी हैं, जबकि क्लेयर ओ नील को गृह मंत्री बनाया गया है. मंत्रिमंडल के शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री अल्बानीजी ने कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है. जिस तरह भारत में राज्य मंत्री होते हैं, वैसे ही ऑस्ट्रेलिया के राज्य मंत्रालयों को आउटर मिनिस्ट्री कहा जाता है. उनमें भी तीन महिलाओं को जगह मिली है.

Australien Neue Kabinettsmitglieder | Penny Wong
पेनी वॉन्ग देश की विदेश मंत्री बनी हैं.तस्वीर: Jenny Evans/Getty Images

यह भी पढ़ें: नई ऑस्ट्रेलिया सरकार में कैसे होंगे भारत के साथ संबंध

अल्बानीजी ने कहा कि उनका मंत्रालय "उतना ही विविध है, जितना विविध खुद ऑस्ट्रेलिया है." हालांकि, लेबर पार्टी के शैडो मंत्रालय यानी विपक्ष में रहते हुए केंद्रीय मंत्रियों के बरअक्स प्रवक्ताओं की सूची में ज्यादा महिलाएं थीं और कैबिनेट में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है. फिर भी, कई मसलों पर इस मंत्रालय में कई बातें पहली बार हुई हैं, जिनकी ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बाकी दुनिया में भी चर्चा है.

Australien Neue Kabinettsmitglieder | Clare O'Neil
क्लेयर ओ नील को गृह मंत्री बनाया गया है.तस्वीर: Tracey Nearmy/Getty Images

क्या पहल की गई हैं?

पहली बार किसी महिला को आदिवासी मामलों का विभाग दिया गया है. लिंडा बर्नी को आदिवासी मामलों की मंत्री बनाया गया है, जो खुद एक आदिवासी महिला हैं. जब बर्नी शपथ लेने के लिए आईं, तो लगातार तालियां बजती रहीं और प्रधानमंत्री को कहना पड़ा कि यदि लोग तालियां बजाना बंद नहीं करेंगे, तो शपथ नहीं हो पाएगी. ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लगातार राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग करते रहे हैं और उनमें इस बात को लेकर खासा असंतोष है कि उन्हें शासन में समुचित भागीदारी नहीं मिली.

यह भी पढ़ें: भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या का ऑस्ट्रेलिया में तीखा विरोध

लिंडा बर्नी अपने आप में एक ऐतिहासिक शख्सियत हैं. 2003 में वह न्यू साउथ वेल्स राज्य की विधानसभा में पहुंचने वालीं पहली आदवासी बनी थीं. 2016 में वह संघीय संसद में पहुंची, जो पहली बार किसी आदिवासी महिला के रूप में ऐतिहासिक था. शपथ लेने के बाद बर्नी ने कहा कि उन्हें इस पद पर गर्व है. उन्होंने कहा, "मैं आज ऑस्ट्रेलिया की आदिवासी मामलों की मंत्री बनकर गर्वित और सम्मानित महसूस कर रही हूं. यह एक जिम्मेदारी है, जिसे मैं और लेबर सरकार पूरी शिद्दत, जुनून और समानुभूति के साथ निभाएंगे."

Australien Neue Kabinettsmitglieder | Linda Burney
लिंडा 2003 में न्यू साउथ वेल्स राज्य की विधानसभा में पहुंचने वालीं पहली आदवासी बनी थीं.तस्वीर: Jenny Evans/Getty Images

बर्नी की नियुक्ति को कई महिलाओं और आदिवासियों ने सराहा है. मशहूर ऑस्ट्रेलियाई लेखिका सहर अदातिया कहती हैं कि संसद को वैसा होना चाहिए, जैसा देश है. वह कहती हैं, "अल्बानीजी का मंत्रालय सही दिशा में एक कदम है. लिंडा बर्नी और ऐन अली जैसी आवाजों के बिना बहस कमजोर पड़ती."

पहली महिला मुसलमान मंत्री

अल्बानीजी का मंत्रालय इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि उसमें पहली बार दो मुसलमानों को शामिल किया गया है. इनमें एक महिला है. 2016 की जनगणना के मुताबिक देश में 6,04,200 मुसलमान थे, जो कि आबादी का 2.6 प्रतिशत है. इस मंत्रालय में पहली बार इस आबादी को प्रतिनिधित्व मिला है. एड ह्यूसिक को देश का उद्योग और विज्ञान मंत्री बनाया गया है, जबकि ऐन अली को युवा और शिशु शिक्षा मंत्रालय दिया गया है.

यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने खोजा दुनिया का सबसे बड़ा पौधा

शपथ लेने के बाद डॉ. अली ने कहा कि मंत्री बनना उनकी योजनाओं में शामिल नहीं था. मिस्र-मूल की डॉ. अली ऑस्ट्रेलिया की चुनी गई पहली महिला मुस्लिम सांसद भी हैं. इससे पहले पाकिस्तानी मूल की महरून फारूकी पहली महिला मुस्लिम सांसद बनी थीं, लेकिन वह सेनेट में नियुक्त हुई थीं. आतंकवाद और सुरक्षा मामलों की विशेषज्ञ डॉ. अली संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार समूह की सदस्य भी रह चुकी हैं.

Australien Neue Kabinettsmitglieder | Anne Aly
मिस्र-मूल की डॉ. अली ऑस्ट्रेलिया की चुनी गई पहली महिला मुस्लिम सांसद भी हैंतस्वीर: Jenny Evans/Getty Images

पिछली सरकार के जवाब में

ऑस्ट्रेलिया की पिछली सरकार की महिला मामलों को लेकर खासी किरकिरी हुई थी. तब संसद में बलात्कार जैसे आरोप सामने आए थे, जिसके बाद सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समुचित कदम न उठाने का आरोप भी लगा था. लेबर पार्टी ने यह मुद्दा चुनाव में भी उछाला था. पार्टी को 77 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से एक ज्यादा है.

यह भी पढ़ें: निर्दलीय महिलाओं ने बदल दी ऑस्ट्रेलियाई राजनीति की दिशा

पत्रकार तहमीना कसूजी कहती हैं कि बात सिर्फ महिलाओं को 43 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की नहीं है. वह कहती हैं, "सिर्फ लैंगिक विविधता से आगे जाकर बात है कि जो महिला मंत्रालय को संभाल रही है, वह उसके काबिल है. लैंगिक नजरिए से हर मंत्रालय को देखना महत्वपूर्ण और संभावित बदलाव का आधार है."

लाखों लाल केकड़े फिर निकल पड़े

इस नियुक्ति के बाद अल्बानीजी सरकार से उम्मीदें भी बढ़ी हैं. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वालीं डॉ. सुखमनी खुराना कहती हैं कि इसी तरह की सोच सांस्कृतिक विविधता मामलों के मंत्रालय को लेकर भी होनी चाहिए. वह कहती हैं, "क्या यह बहुत उग्र सुधारवाद हो जाएगा, अगर इमिग्रेशन मंत्रालय किसी ऐसे शख्स को दिया जाए, जिसके पास प्रवासी होने का अनुभव और विशेषज्ञता हो? जो मिसाल महिलाओं और आदिवासी मामलों में पेश की गई है, उसे यहां क्यों नहीं लागू किया जा सकता?"

रिपोर्ट: विवेक कुमार