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नस्ली विवाद के बीच टेरी विदा

२४ सितम्बर २०१२

इंग्लैंड फुटबॉल के पूर्व कप्तान जॉन टेरी ने विवादों में फंसने के बाद अपने फुटबॉल करियर को खत्म करने का फैसला कर लिया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया, हालांकि चेल्सी के लिए खेलते रहेंगे.

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तस्वीर: dapd

इंग्लैंड की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए 78 बार मैदान में उतर चुके 31 साल के टेरी ने एक बयान जारी कर इस बात का एलान किया. उन्होंने कहा कि फुटबॉल एसोसिएशन का एक मामला उनके खिलाफ चल रहा है, जिसने उनके करियर पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है और टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है. ऐसे में वह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को छोड़ना चाहते हैं.

टेरी पर आरोप है कि पिछले साल अक्तूबर में इंग्लिश प्रीमियम लीग के एक मैच में उन्होंने क्वीन्स पार्क रेंजर्स के डिफेंडर एनटॉन फर्डीनांड पर नस्ली टिप्पणी की. हालांकि अदालत ने उन्हें इस आरोप से इस साल जुलाई में बरी कर दिया लेकिन फुटबॉल एसोसिएशन में मामला चल रहा है. टेरी दो बार इंग्लैंड के लिए वर्ल्ड कप में खेल चुके हैं.

अपने बयान में टेरी ने कहा, "मैं इंग्लैंड के मैनजरों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने 78 बार मुझे राष्ट्रीय टीम में जगह दी. मुझे अपने साथी खिलाड़ियों के साथ वह सम्मान पाने में बेहद खुशी हुई. मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं और साथ ही अपने प्रशंसकों और परिवार का भी, जिन्होंने मेरे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान मेरा हौसला बढ़ाया."

Champions League Finale 2012
टेरी की टीम चेल्सी ने इस साल चैंपियंस लीग का खिताबी मुकाबला जीतातस्वीर: Reuters

टेरी ने थोड़ा भावुक होते हुए लिखा, "अपने देश के लिए खेलना और कप्तानी करना मेरे लिए महान काम था, जिसके सपने मैं बचपन से ही देखता आया था. मैंने हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार पूरा योगदान दिया और आज यह फैसला लेते हुए मेरा दिल टूटा जाता है." पूर्वी लंदन में पैदा हुए टेरी 14 साल की उम्र में चेल्सी क्लब में शामिल हुए थे और हमेशा इसी क्लब से जुड़े रहे.

टेरी पर अगर नस्ली फब्ती कसने का आरोप साबित हो जाता है, तो उन पर लंबे वक्त के लिए प्रतिबंध लग सकता है. इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने पिछले सीजन में ऐसा ही प्रतिबंध लीवरपूल के लुई सुआरेज पर लगाया था, जिनके लिए फुटबॉल की दुनिया में लौटना असंभव दिख रहा है.

टेरी का चेल्सी क्लब के साथ करियर 1998 में शुरू हुआ था और उन्होंने बहुत जल्दी ही अपनी पहचान एक शानदार मिडफील्डर के तौर पर बना ली, जो मुश्किल परिस्थितियों में भी जूझना जानता था और सेंटर लाइन के आस पास भी शानदार ढंग से गेंद पर कंट्रोल कर सकता था. इसके बाद उन्होंने 2003 में इंग्लैंड के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच सर्बिया और मांटेनीग्रो के खिलाफ खेला, जिसके बाद 2004 यूरो कप के लिए उन्हें चुन लिया गया.

टेरी ने बड़ी तेजी से टीम में अपनी पहचान बनाई. इसके बाद 2006 में जब डेविड बेकहम ने वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी छोड़ने का फैसला किया, तो टीम मैनेजमेंट को कप्तानी का बिल्ला टेरी को सौंपने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. उन्होंने जिम्मेदारी के साथ इस रोल को अदा किया. हालांकि उनकी कप्तानी का कार्यकाल भी आसान नहीं रहा. 2010 में जब उनकी निजी जिन्दगी के कुछ पहलू सामने आए, तो टीम के मैनेजर फाबियो कपेलो ने उनसे कप्तानी छीन ली.

इसके बाद कप्तानी रियो फर्डीनांड को सौंपी गई लेकिन बाद में टेरी फिर से कप्तान बन गए. एनटॉन फर्डीनांड का मामला उभरने के बाद फरवरी, 2012 में उनकी कप्तानी एक बार फिर छिन गई और इसी के बाद इंग्लैंड के इतालवी कोच फाबियो कपेलो ने भी पद छोड़ दिया. उनका इस्तीफा इंग्लैंड के कोच रॉय हॉजसन के लिए एक झटका साबित हो सकता है, जो लगातार टेरी का समर्थन करते आ रहे थे.

टेरी को एक सफल कप्तान के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने जिन 78 मैचों में कप्तानी की, इंग्लैंड ने उनमें से 50 में जीत हासिल की, जबकि सिर्फ 10 में टीम को हार मिली. टेरी ने इसी महीने वर्ल्ड कप 2014 क्वालीफाइंग मुकाबले में आखिरी बार इंग्लैंड के लिए खेला. उनके बाद लीवरपूल के स्टीवन जेरार्ड इंग्लैंड टीम की कप्तानी का जिम्मा संभालेंगे.

एजेए/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

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