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कपेलो ने छोड़ी इंग्लिश टीम

९ फ़रवरी २०१२

कोच फैबियो कपेलो के अचानक इस्तीफे से इंग्लैंड की फुटबॉल टीम का ड्रामा नए चरम पर पहुंचा. संभावित उत्तराधिकारी हैरी रेडक्नप्प को टैक्स चोरी के आरोपों से बरी किए जाने के 8 घंटे बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

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फैबियो कपेलोतस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरोपीय चैंपियनशिप शुरू होने के चार महीने पहले इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने नस्लवाद के आरोपों का सामना कर रहे फुटबॉल टीम के कैप्टेन जॉन टेरी को हटा दिया गया था. कैप्टेन को हटाने से पहले टीम मैनेजर से भी सलाह नहीं ली गई और नतीजतन अब उन्हें नए टीम प्रमुख का चयन करना होगा.

लंदन के लोकप्रिय खेल अधिकारी रेडक्नप्प इस समय प्रीमियर लीग के टोटेनहैम क्लब के मैनेजर हैं और टैक्स चोरी वाले मामले के खत्म होने तक उनका करियर ताक पर रखा था. लेकिन समय का संयोग रहा कि बुधवार को उन्हें आरोपों से बरी किया गया और कपेलो के अचानक इस्तीफे के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल के सबसे हाई प्रोफाइल पदों में से एक के लिए वे पसंदीदा उम्मीदवार बन गए.

सफल लेकिन प्यार से वंचित

इटली के 65 साल के कपेलो का क्लब फुटबॉल में अच्छा रिकॉर्ड रहा है. उन्हें इंग्लैंड में भी कुछ सफलता मिली है लेकिन आम जनता का प्यार उन्हें नहीं मिला है जो 1966 के बाद पहली बार किसी महत्वपू्र्ण टाइटल की भूखी है. इंग्लैंड ने 1966 में विश्व कप जीता था. अब अपनी इच्छाओं के खिलाफ खुले आम टेरी को निकाले जाने के इंग्लिश फुटबॉल एसोशिएसन के फैसले से नाराज कपेलो ने सालाना 90 लाख डॉलर की नौकरी छोड़ दी. टेरी पर नस्लवादी आरोपों में आपराधिक मुकदमा शुरू हो रहा है.

John Terry mit Kapitänsbinde
जॉन टेरी: छिन गई पट्टीतस्वीर: dapd

कपेलो ने टेरी को हटाए जाने के लिए एफए की निंदा की थी. सार्वजनिक रूप से हुए इस झगड़े के बाद कपेलो का कोच रहना मुश्किल हो गया था. उन्होंने एफए अधिकारियों के साथ एक घंटे तक चली बैठक के दौरान इस्तीफा दिया. इसमें कपेलो के एक टेलीविजन इंटरव्यू पर चर्चा हुई जिसमें उन्होंने एफए की आलोचना की थी. बाद में एफए के चेयरमैन डेविड बर्नस्टाइन ने कहा, "हमने फैबियो का इस्तीफा यह मानते हुए स्वीकार कर लिया है कि यह सही फैसला है. हम फैबियो को इंग्लिश टीम के साथ उनके काम के लिए धन्यवाद देते हैं और भविष्य में सफलता की कामना करते हैं."

नहीं दिलवा पाए टाइटल

बर्नस्टाइन को कपेलो का उत्तराधिकारी तुरंत नियुक्त करने की जल्दबाजी नहीं है. लेकिन यह साफ है कि इंग्लैंड का नया कोच स्थानीय होगा. इटली के कपेलो और स्वीडन के स्वेन-गोरान एरिकसन के खर्चीले कार्यकाल में इंग्लैंड की टीम कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं कर पाई. दूसरी ओर इंग्लिश कोच राष्ट्रीय टीम से जुड़े हाई वोल्टेज ड्रामे से परिचित होगा. कपेलो और टेरी के रिश्ते भी उतार चढ़ाव वाले रहे हैं. टेरी को 11 महीने पहले फिर से राष्ट्रीय टीम का कैप्टेन बनाया गया था, हालांकि कपेलो ने उन्हें 2010 के वर्ल्ड कप के ठीक पहले टीम के साथी वायन ब्रिज की पूर्व गर्ल फ्रेंड के साथ रिश्तों के आरोपों के सामने आने के बाद हटा दिया था. ब्रिज ने बाद में राष्ट्रीय टीम छोड़ दी.

कपेलो का बड़ी अपेक्षाओं को पूरा करने और रियाल मैड्रिड, एसी मिलान और यूवेंटस को टाइटल दिलाने का रिकॉर्ड रहा है. लेकिन इंग्लैंड की इच्छाओं को पूरा कराने में वे भी विफल रहे. इस साल होने वाले यूरो चैंपियनशिप से पहले उन्होंने इंग्लैंड की टीम में नई जान फूंकने की कोशिश की है लेकिन उम्मीदों के पूरा होने से पहले ही उन्हें अपनी जगह खाली करनी पड़ी है. फिर भी वे कोच के रूप में रिकॉर्ड प्रदर्शन के साथ टीम से अलग हो रहे हैं. 42 मैचों में 28 जीत, छह हार और 8 ड्रॉ. सफलता की दर 67 फीसदी जो 1966 में वर्ल्ड कप जितवाने वाले कोच ऐल्फ रैम्सी के 61 फीसदी से भी ज्यादा है.

रिपोर्ट: एएफपी, एपी/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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