शंघाई आग हादसाः चार हिरासत में, 53 मौतें
१६ नवम्बर २०१०सोमवार को 28 मंजिला इमारत घंटों तक आग की लपटों में झुलसती रही. अपनी जान बचाने के लिए कई लोग कूद पड़े तो कइयों ने पास ही बन ही दूसरी इमारतों पर शरण ली. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. शुरुआती जांच के मुताबिक इन्हीं चार गैर लाइसेंसी वेल्डरों को आग के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है.
अपनी 65 वर्षीय मां की तलाश में दर्जनों अस्पतालों की खाक छान चुके 32 वर्षीय यांग पो कहते हैं, "मैं कल रात से इंतजार कर रहा हूं. मुझे नहीं पता मुझे मेरी मां कब मिलेगी." यांग के मुताबिक उनकी तरह बहुत से लोग अपने रिश्तेदारों के लिए इधर से उधर मारे मारे फिर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बिना सरकारी अनुमित के वे शवगृह में नहीं जा सकते हैं.
शंघाई के सबसे घनी आबादी वाले इलाके में सोमवार को दोपहर के वक्त इमारत में आग लग गई. उस वक्त वहां मरम्मत का काम हो रहा था. शंघाई डेली के मुताबिक यह हाल के सालों में होने वाला सबसे भयानक हादसा है. वैसे चीन में आग से सुरक्षा के नियमों का पूरी तरह पालन न किए जाने की वजह से अकसर ऐसे हादसे होते रहे हैं.
शंघाई दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरकारी सीसीटीवी को बताया कि आग सबसे पहले 10वीं मंजिल पर लगी और फिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की शीटों की वजह से उसने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया. शहर प्रशासन ने हादसे में 53 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. लगभग 70 घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मेंग चियांगचु के हवाले से कहा है कि आग की इस घटना की पूरी तरह जांच की जाएगी.
नगर पालिका अधिकारियों के मुताबिक इस इमारत में कुल 156 परिवार रहते थे. शंघाई में छह महीने तक चली वर्ल्ड एक्सपो की वजह से सिटी सेंटर के आसपास निर्माण पर रोक लगी थी. लेकिन 31 अक्टूबर को एक्सपो खत्म होने के बाद इस रोक को हटा लिया गया जिसके बाद इमारतों के निर्माण और मरम्मत की हजारों परियोजनाएं शुरू हुई. इसी के तहत इस इमारत में भी मरम्मत का काम चल रहा था.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा