बांग्लादेश में मजदूरों का भारी विरोध
३ दिसम्बर २०१२मजदूरों ने ढाका से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर कारों और फैक्ट्रियों पर ईंटें फेंकीं. वे ह्यून एपेरेल्स के कारखाने से 100 मजदूरों को निकाले जाने का विरोध कर रहे थे. उनका कहना है कि फैक्ट्री के मालिक ने मजदूरों को बिना नोटिस के नौकरी से निकाला. पुलिस के साथ झड़प करीब दो घंटे चली और ढाका और तंगैल हाइवे पर गाड़ियों का चलना भी बंद रहा. यह लोग पिछले हफ्ते एक कारखाने में आग लगने के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे थे.
इंडस्ट्रियल पुलिस के उपनिदेशक मुख्तार अली ने कहा कि किसी और कारखाने में आग लगने की अफवाहें फैलीं और मजदूर सड़कों पर जमा होने लगे. पुलिस ने जमा हुए लोगों पर रबड़ की गोलियां चलाईं और उनपर आंसू गैस छोड़ी. मजदूरों ने इसका जवाब पत्थरों से दिया. अली ने बताया कि 50 कारखाने मजदूरों के हमलों के डर से बंद पड़े हैं.
ढाका के पास आशूलिया जिले में 500 कपड़ा फैक्ट्रियां हैं. पिछले हफ्ते तजरीन फैशन कंपनी के कारखाने में आग लगने से 111 लोग मारे गए और तब से अब तक वहां काम में परेशानियां आ रही हैं. अधिकारियों ने इलाके में अग्नि सुरक्षा के लिए तैयारियों की जांच करनी शुरू कर दी है.
चीन के बाद बांग्लादेश से दुनिया का सबसे ज्यादा कपड़ा निर्यात होता है और यह निर्यात से उसकी कुल कमाई का 79 प्रतिशत हिस्सा है. उसके ज्यादातर कपड़े यूरोप और अमेरिका के बाजारों के लिए हैं. 24 नवंबर को जिस फैक्ट्री में आग लगी थी वहां मजदूरों को महीने में 37 डॉलर से भी कम वेतन दिया जा रहा था. फैक्ट्री अमेरिकी सुपरमार्केट कंपनी वॉलमार्ट, सीएंडए, हॉन्ग कॉन्ग में ली एंड फुंग जैसी कंपनियों को कपड़े सप्लाई करती है. कई खरीदारों ने अब इन फैक्ट्रियों से कपड़े खरीदना भी बंद कर दिया है लेकिन अब वहां के मजदूरों के पास नौकरी न होने की वजह से तवान बढ़ रहा है.
एमजी/एएम(एएफपी, एपी)