फोंसेका को डर, सरकार भेजेगी जेल
२० अगस्त २०१०संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में फोंसेका ने कहा, "मैं जानता हूं कि मेरी किस्मत का फैसला हो चुका है और मुझे जेल भेजा जाएगा जिससे मेरा राजनीतिक भविष्य खत्म हो जाए. मुझे सेना में रहते हुए सियासत में हिस्सा लेने की नहीं बल्कि राजपक्षे के खिलाफ चुनाव लड़ने की सजा दी गई है."
तमिल विद्रोही लिट्टे का सफाया करने के लिए लगभग चार दशक तक चले गृहयुद्ध का सफल संचालन कर हीरो के तौर पर उभरे फोंसेका को सैन्य अदालत ने बीते शुक्रवार को दोषी ठहराया था.
अदालत ने फोंसेका के खिलाफ सेना में रहते हुए राजनीति में दखल देने के आरोप को सही करार देते हुए उन्हें मिले सभी मेडल और अलंकरण वापस लेने का आदेश दिया था. इस फैसले को राष्ट्रपति की मंजूरी दे दी थी.
फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में फोंसेका ने कहा कि देश में कानून का राज है ही नहीं और अदालतें भी सत्तासीन लोगों के हाथ में खेल रही हैं. उन्होंने कहा "भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रही दूसरी सैन्य अदालत का फैसला पहले ही लिखा जा चुका है. मैं जानता हूं इस समय जो सरकार का समर्थक नहीं है उसके लिए न्याय की उम्मीद बेमानी है."
फोंसेका ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध ट्रिब्यूनल में हो लेकिन राजपक्षे ऐसी किसी भी जांच से बचेंगे. गौरतलब है कि फोंसेका के खिलाफ दूसरी सैन्य अदालत में गोपनीय सूचनाएं लीक करने, भगोड़ों को सेना में फिर से भर्ती करने और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है और इस पर शनिवार को सुनवाई होनी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः महेश झा