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चिंता की चिता पर लेटे हैं लाखों चीनी

१३ सितम्बर २०१०

तेजी से विकास करते चीन में मानसिक अवसाद और मनोरोग के मामले भी बढ़ रहे हैं. एक चीनी यूनिवर्सिटी के शोध में पता चला है कि हांगकांग जैसे शहर में लाखों युवा खुद को गंभीर रूप से बीमार मानते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

हाइपोकान्ड्रिआ एक मनोरोग है. इसके शिकार लोगों को वेबवजह लगने लगता है कि वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. हाइपोकान्ड्रिआ से पीड़ित लोगों को अक्सर कई बीमारियों के लक्षण खुद में दिखाई पड़ने लगते हैं. धीरे धीरे उनका यह डर स्थाई रूप में मन में बैठ जाता है और व्यक्ति अवसाद और तनाव में घिर जाता है.

चीन में इस मनोरोग का खासा असर देखा जा रहा है. चाइनीज यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक हांगकांग जैसे शहर में ही 5,70,000 युवा हाइपोकान्ड्रिआ से पीड़ित हैं. इनमें से ज्यादातर को लगता है कि उन्हें कैंसर की बीमारी है. रिसर्च के मुताबिक बीमारी का भ्रम 45 से 54 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा है. कई मरीजों ने कहा कि मनोरोग की वजह से वह दफ्तर में मन लगाकर काम नहीं कर पाते हैं. कई तो सो भी नहीं पाते. कुछ बहुत जल्दी थकने लगते हैं.

यूनिवर्सिटी के मूड डिसऑर्डर सेंटर की प्रोफेसर ली सिंग कहती हैं, ''हाइपोकान्ड्रिआ की वजह से रोजमर्रा की जिंदगी में कई दुश्वारियां सामने आती हैं. डॉक्टरों को ऐसे मरीजों के साथ खास तरह का रिश्ता बनाए रखना चाहिए. चेक अप के वक्त उनकी गैर जरूरी चिंताओं को कम करने की कोशिश करनी चाहिए.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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