1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दाम्पत्य जीवन की वैज्ञानिक करामात

२५ दिसम्बर २००९

विवाह दो व्यक्तियों को आपस में जिस अनिर्वचनीय सूत्र में बांधता है उसमें ऐसी कौन सी ख़ास बात है जो एक सुखी जीवन का कारण बनती है. आखिर विवाह में ऐसा क्या जादू है जो दवा की तरह भी काम करता है और उपचार की तरह भी.

https://p.dw.com/p/LCzS
तस्वीर: DPA

विज्ञान के लिहाज़ से दाम्पत्य जीवन करामाती होता है.

वैवाहिक जीवन आप की चिंताएं और परेशानियां दूर कर देता है, बस उसे ख़त्म न करें. हाल ही में न्यूज़ीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओटागो के क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट केट स्कॉट की अगुवाई में एक अध्ययन में ये बात सामने आई है. इस अध्ययन में विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लूटीओ के सर्वे भी शामिल किए गए हैं. ये सर्वे डब्लूटीओ के विश्व मानसिक स्वास्थ्य यानी वर्ल्ड मेंटल हेल्थ, डब्लूएमएच ने पिछले दशक में कराए थे. वैवाहिक जीवन तनाव, अवसाद और चिंता से मुक्ति दिलाता है. और अगर किसी वजह से शादी टूट जाए, तलाक़ से, अलग होने से या एक साथी की मृत्यु से तो शरीर की सकारात्मक ऊर्जाएं बिखरने लगती हैं.

वैवाहिक जीवन के मनोविज्ञान पर किताबें लिख चुके चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर यतीश अग्रवाल कहते हैं, "हमें हमेशा जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए होता है- स्त्री को पुरुष, पुरुष को स्त्री. जिससे आप अपने मन की बात खुल कर कह सकें. जिससे आप सब कुछ बात सकें. अगर आप के मन में निरंतर कोई चिंता, कोई अवसाद घिरा रहेगा तो उसका शरीर पर लगातार बुरा असर पड़ता है. यह अगर आप किसी से बांट लेंगें तो तय है की जो कष्ट है जो न सिर्फ़ मानसिक बल्कि शारीरिक भी है क्योंकि ये पूरी एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है स्ट्रैस की जिसके तहत शरीर पर बुरा असर पड़ता है."

Hochzeit in Thailand
थाईलैंड में विवाहित जोड़ेतस्वीर: picture-alliance/dpa

इस शोध में यह भी देखा गया है की शादीशुदा जिंदगी में डिप्रेशन का असर औरत और मर्द पर अलग अलग तरह से होता है. यानी पुरूष, स्त्रियों से कम डिप्रेस्ड होते हैं. डॉ यतीश अग्रवाल बताते हैं कि ऐसा क्यों है, "औरतों को कुछ मनोविकार अधिक होते हैं तो पुरषों को भी कुछ मनोविकार अधिक होते हैं. इसके जैव रासायनिक कारण हैं. जो न्युरोट्रांसमीटर्स हमारे मस्तिष्क में सक्रिय रहते हैं हमें अच्छी अनुभूति देते हैं ज़िन्दगी में. उसमें उतार चढ़ाव अधिक हों तो वह स्त्री हो या पुरुष दोनों में ही उसका असर दिखता है. स्त्रियों में यह ज़्यादातर होता हैं क्योंकि उनकी प्रजनन क्षमता में जो उतार चढ़ाव उसके सेक्स हारमोंस में होते हैं वे वहां कहीं पर रिफ्लेक्ट करतें हैं."

ज़ाहिर है ये मुश्किल न आए इसलिए शादी की ज़िंदगी में बने रहना और निभाए रखना लाज़िमी है. एक फ़ायदा और भी है. शादीशुदा ज़िंदगी औरतों में "सब्सटेंस यूज़ डिसऑर्डर" के ख़तरे को भी कम कर देती है. यह वो समस्या है जब कोई व्यक्ति अकेलेपन से निजात पाने के लिए नशे जैसी चीज़ों का सहारा लेता है. इसके बारे में डॉ यतीश अग्रवाल विस्तार में बताते हैं, "सब्सटेंस यूज डिसौडर मतलब मादक पदार्थों का इस्तेमाल. जैसे मरिजुआना, कोकेन है, या और भी नशीले पदार्थ होते हैं. चाहे वह मदिरा सेवन ही क्यों न हो. इन सब चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. लोग जब बिलकुल अकेले होते हैं तो आर्टिफिशल सहारे लेने की कोशिश करते हैं. लेकिन वो समाधान नहीं होता वो केवल एक अंधी गली है जिसका कोई अंत नहीं है."

Hochzeit
तस्वीर: BilderBox
Hochzeit
तस्वीर: AP

15 देशों के क़रीब 35 हज़ार लोगों पर किए गए इस अध्ययन के दौरान शोध टीम के अगुआ केट स्कॉट ने बताया कि इस स्टडी का केंद्र बिंदु यही है कि वैवाहिक संबंध स्त्री और पुरूष दोनों के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे लाभ लाता है. और जब ये संबंध किसी वजह से नहीं रहता तो विपरीत असरर दिखाने लगता है. ये अध्ययन हाल में साइकोलोजिकल मेडिसिन नाम की ब्रिटिश पत्रिका में छपा था.

यह शोध केवल शादीशुदा लोगों पर ही नहीं किया गया. बल्कि उन लोगों कि मानसिक स्थिति पर भी किया गया जिनकी शादी नहीं हुई, जो कभी शादी नहीं करना चाहते या जिनकी शादी टूट चुकी है. परिणाम यही निकलता है कि शादीशुदा लोग जीवन में ज्यादा खुशहाल रहतें हैं. डॉक्टर यतीश अग्रवाल चुटकी लेते हुए कहते हैं,"मोर अगर जंगल में अकेला नाचता है तो उसे कौन देखता है. अक्सर कहा जाता है की देयर इस ऑलवेज़ अ वुमन बिहाइंड अ सक्सेसफ़ुल मैन और इसे पलट कर भी कहा जा सकता है. ऐसे पहले भी कई शोध हुए हैं जिनमें पाया जाता है कि जो लोग विवाहित होते हैं उनकी औसत उम्र भी ज़्यादा होती है. "

इस ताज़ा शोध टीम के प्रमुख क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट केट स्कॉट का कहना है कि उनका अध्ययन उस धारणा को भी गलत ठहराता है जिसमें ये कहा जाता रहा है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज़ से विवाह पुरूषों के लिए स्त्रियों के बनिस्पत ज़्यादा फ़ायदेमंद है. स्कॉट के मुताबिक इसका फ़ायदा दोतरफ़ा है. वैवाहिक जीवन का प्रेम एक ऐसी दवा है जो लगातार आपके ख़ून और और आपके दिलो दिमाग में सक्रिय रहती है. रिश्ते की मज़बूती इस दवा का ख़ज़ाना भरती रहती है.

रिपोर्ट: जैसु भुल्लर

संपादन: एस जोशी