हैम्बर्ग में डीजल बैन शुरू
१ जून २०१८जर्मनी के सबसे बड़े पोर्ट शहर हैम्बर्ग ने यूरो 6 स्टैंडर्ड से नीचे वाले डीजल वाहनों पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है. 31 मई 2018 से शुरू हुई पाबंदी के तहत शहर की दो अहम सड़कों पर अब पुरानी डीजल गाड़ियां नहीं चल सकेंगी. इस फैसले के साथ ही हैम्बर्ग जर्मनी में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला शहर बन चुका है. जर्मनी की संघीय प्रशासनिक अदालत राज्यों, शहरों और नगर पालिकाओं को इस तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार दे चुकी है.
शहरों में साफ आबोहवा के लिए लड़ने वाले पर्यावरण संगठनों ने प्रतिबंध का स्वागत किया है. लेकिन हैम्बर्ग के फैसले ने कार कंपनियों का पसीना छुड़ा दिया है. डीजल कांड जैसा मामला सामने आने के बाद जर्मनी में डीजल कारों की बिक्री काफी गिर चुकी है. मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑउडी और फोल्क्सवागेन जैसी बड़ी जर्मन कार कंपनियों ने बीते दो दशकों में डीजल मोटर पर बहुत ज्यादा निवेश किया. कंपनियों की प्रोडक्शन लाइन में डीजल कारों को ही तरजीह दी गई. लेकिन अब डीजल कारें संकट में हैं. कार कंपनियों की लाखों नई डीजल कारें बिक नहीं पा रही हैं.
बैन के तहत हैम्बर्ग की दो सड़कों पर यूरो 5 स्टैंडर्ड वाले डीजल वाहन नहीं जा सकेंगे. नियम तोड़ने वाले कार चालकों को 25 यूरो और ट्रक चालकों को 75 यूरो जुर्माना देना होगा. हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी वह सिर्फ लोगों को चेतावनी दे रही है. कुछ समय बाद जुर्माने की प्रक्रिया को पूरी तरह लागू किया जाएगा.
पर्यावरण के मुद्दों को उठाने वाली जर्मनी की ग्रीन पार्टी के नेता चेम ओजदेमिर ने प्रतिबंध की तारीफ करते हुए कहा, "हैम्बर्ग आगे बढ़ रहा है. मुझे पूरा भरोसा है कि दूसरे शहर भी इसका अनुसरण करेंगे."
ग्रीनपीस के प्रवक्ता निकलास शिनेर्ल ने कहा, "हैम्बर्ग ने अहम सड़कों के किनारे रहने वाले और रोज दूषित हवा में सांस लेने वाले हजारों लोगों को उम्मीद दी है." ग्रीनपीस के मुताबिक वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए शहरों को कारों का विकल्प तलाशना होगा. सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करना होगा और साइकिल ट्रैकों का विस्तार करना होगा.
जर्मनी के प्रो-रेल अलायंस ने भी बैन का स्वागत किया है. अलायंस के मुताबिक दीर्घकालीन रूप से प्रदूषण और यातायात की समस्या को हल करने के लिए उन्हें शहरों में रेल नेटवर्क का विस्तार करना होगा.
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ओएसजे/एके (डीपीए, रॉयटर्स)