शादी नहीं होगी रेप की सजा
२३ जनवरी २०१४जब 16 साल की अमीना के साथ बलात्कार हुआ तो मुजरिम को सजा दिलाने की जगह घरवालों ने जबरन उसी से अमीना की शादी करवा दी. भले ही शादी की कानून उम्र 18 साल है लेकिन अदालत में जज ने भी यही फैसला सुनाया. पर शादी के सात महीने बाद ही अमीना ने खुदकुशी कर ली.
2012 में जब यह मामला सामने आया तो इस कानून की काफी आलोचना हुई. महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने कानून में बदलाव की मांग की. फैसला आने के बाद यूनियन फॉर फेमिनिस्ट वर्क की नेजहा अल्वी ने कहा, "मैं संसद की समझदारी को सलाम करती हूं कि उन्होंने मिल कर हमारे पक्ष में चुनाव किया."
संगठन महिलाओं के लिए बराबरी के हक की मांग कर रहा है. अल्वी ने कहा, "यह सच है कि यह हमारी मांगों का बस एक हिस्सा भर है, पर इसे करना जरूरी था." दंड संहिता की धारा 475 के बदले जाने को लेकर एक अन्य महिल अधिकार कार्यकर्ता फातिमा मगनवी ने कहा, "यह बेहद जरूरी कदम था. लेकिन यह काफी नहीं है. हम महिलाओं के लिए बनी सभी दंड संहिताओं के बदलाव की मांग कर रहे हैं."
एमनेस्टी का समर्थन
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों पर काबू पाने के लिए समाजसेवी संगठन 'आवाज' ने संसद में अर्जी दी, जिस पर 10 लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इसका समर्थन किया है और कहा कि संसद का फैसला सही दिशा में लिया गया कदम है जिसका लंबे समय से इंतजार था. एमनेस्टी ने कहा, "कानून में इतनी बड़ी गलती थी जो बलात्कारियों को जिम्मेदारी लेने से बचा देती थी और इसे सुधारने के लिए संसद को 16 साल की अमीना की जान और उसके बाद दो साल का वक्त लग गया." एमनेस्टी ने कहा है कि वक्त आ गया है कि यौन उत्पीड़ितों को बचाने के लिए कानून बनाया जाए.
पिछले महीने छपी रिपोर्ट के अनुसार मोरक्को में नौ फीसदी महिलाओं के साथ कभी न कभी यौन दुर्व्यवहार हुआ है. महिलाओं के साथ हिंसा के आधे से ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के हैं. शादी में बलात्कार को देश में अपराध नहीं माना जाता. इस सबको बदलने पर बात चल रही है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों को 25 साल की कैद की सजा देने का प्रस्ताव भी दिया गया है.
आईबी/एजेए (एएफपी, एपी)