1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत पाकिस्तान की करीबी का फॉर्मूला क्रिकेट

५ मई २०१२

भारत पाकिस्तान के रिश्तों को अगर कोई सामान्य बना सकता है तो वह है क्रिकेट. इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे अकेले पाकिस्तानी खिलाड़ी अजहर महमूद का कहना है कि इस खेल की कोई सरहद नहीं.

https://p.dw.com/p/14qZn
तस्वीर: AP

अजहर महूमद का कहना है कि पहले भी क्रिकेट दोनों देशों को करीब ले आया है और आगे भी ला सकता है. उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है और वह किंग्स इलेवन पंजाब की टीम में खेल रहे हैं. भारत का वीजा हासिल करने में उन्हें भी काफी दिक्कत हुई. बहरहाल वह कहते हैं, "1997 में जब हमने भारत का दौरा किया तब दोनों देशों के बीच काफी तनाव था. इस दौरे के बाद तनाव खत्म हो गया और हालात काफी बेहतर हुए. दोनों देशों को क्रिकेट पहले भी करीब ला चुका है और भविष्य में भी मैं उम्मीद करता हूं कि क्रिकेट ऐसी ही भूमिका निभाएगा."

2008 में मुंबई पर हमले के बाद दोनों देशों के क्रिकेट रिश्ते के बीच दीवार खड़ी हो गई है. हालांकि अजहर महमूद ने उम्मीद जताई है, "दोनों देशों के बीच तनाव खत्म होगा और दो अच्छे पड़ोसियों की तरह साथ मिल कर आगे बढ़ेंगे जो हर पाकिस्तानी के साथ ही हिंदुस्तानी के लिए भी अच्छा होगा. हम शांति चाहते हैं." चंडीगढ़ में सामचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अजहर ने वीजा मिलने की दिक्कतों का जिक्र किया लेकिन फिर कहा कि अब वो पुरानी बात है. महमूद ने कहा, "यह मामला अब निपट चुका है. आईपीएल में खेलना एक शानदार अनुभव रहा है जहां पूरी दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी एक साथ एक ड्रेसिंग रूम में जमा होते हैं. मैं आईपीएल और किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा बन कर काफी खुश हूं."

Cricket Azhar Mahmood Pakistan
तस्वीर: AP

पाकिस्तान की मौजूदा क्रिकेट टीम की हालत के बारे में महमूद ने कहा, "टीम मिस्बाह उल हक के नेतृत्व में अच्छा खेल रही है. इन लोगों ने इंग्लैंड को छोड़ कर और कोई एकदिवसीय मैचों की सीरीज नहीं हारी है. कोच डेव व्हाटमोर श्रीलंका और बांग्लादेश के अपने अनुभव से वहां की संस्कृति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. मुझे लगता है कि पाकिस्तानी क्रिकेट फिलहाल सुरक्षित हाथों में है."

महमूद ने भविष्य में पाकिस्तान की टीम से खेलने की संभावना से भी इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें कभी भी ना नहीं कहा है. पर ऐसी बातें होती रहती है, अफवाहें उड़ती रहती हैं. कुछ भी हो सकता है लेकिन अभी कुछ हुआ नहीं है. मुझे मौका नहीं मिला. मै अच्छा क्रिकेट खेलना चाहता हूं जहां प्रतिस्पर्धा हो और मैं खेल रहा हूं. मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दे रहा हूं जो मेरे हाथ में है. अगर कभी मौका मिला तो मैं उसके बारे में जरूर सोचूंगा." इसके साथ ही महमूद ने यह भी कहा कि 37 साल की उम्र में अब वो युवा नहीं रहे और अब उन्हें विकल्पों को तोलते रहना है क्योंकि वह भारत और ब्रिटेन के लीग के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी खेल रहे हैं. महमूद ने आईपीएल की टीम में खुद के शामिल होने के बाद वहां एक संतुलन कायम किया है और वह टीम के साथ ही अपने प्रदर्शन से भी संतुष्ट हैं.

एनआर/आईबी (पीटीआई)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी