जहाजों का राजा रुस्दी किराना
१९ मार्च २०१३एक साल पहले ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी में बोइंग के साथ 21 अरब डॉलर का सौदे पर दस्तखत किए थे. अब उन्होंने यूरोपीय विमान कंपनी एयरबस को 24 अरब डॉलर का ऑर्डर दिया है. इंडोनेशिया की लो बजट एयरलाइंस विमान खरीदने पर जितना खर्च रही है, उससे कम से कम साइप्रस जैसे देश के लिए नया बेलआउट तो आसानी से चुकता हो ही जाएगा.
सादगी पसंद मालिक
खुले हाथों से खरीदारी के कारण अटलांटिक के दोनों तरफ के देश रुस्दी किराना की नजदीकी चाहते हैं. पैरिस में उन्हें वह सम्मान मिला जो आम तौर पर सरकार प्रमुखों के लिए सुरक्षित रहता है. लेकिन इस जोरदार स्वागत के बावजूद प्रेस से शर्माने वाले अरबपति ने कहा, "मुझे यहां आकर खुशी हुई है, लेकिन मेरी ज्यादा दिलचस्पी उन घरों में है जो मैं अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बनवा रहा हूं."
दुनिया के दो बड़े विमान निर्माताओं को रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर देने वाले 49 वर्षीय एयरलाइंस प्रमुख हाल तक खुद भी इकॉनॉमी क्लास में सफर करते रहे हैं. वे अपनी मामूली परवरिश और सादे जीवन पर बात करना पसंद करते हैं. "मैं इकॉनॉमी में सफर करना पसंद करता हूं, लेकिन यह मेरे सप्लायर्स को असहज कर देता है. मैं विमान निर्माताओं को तकलीफ नहीं देना चाहता." यह समझना आसान नहीं होता कि किराना कब गंभीर हैं और कब मजाक कर रहे हैं. वे पहेली की तरह लगते हैं.
अपने भाई कुसनान के साथ मिलकर उन्होंने 12 साल पहले किफायती एयरलाइंस की स्थापना की थी. शुरुआत में उनके पास सिर्फ एक विमान था, इस बीच उनकी एयरलाइंस इंडोनेशिया की सबसे बड़ी घरेलू और लो कोस्ट एयरलाइंस है. दुनिया भर में एयरलाइंस मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन लायन एयर का विस्तार दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. तेज विकास के बावजूद रुस्दी किराना की कंपनी देरी और सुरक्षा में कमी की छवि की समस्या से जूझ रही है. यूरोपीय संघ में सुरक्षा चिंताओं के कारण उस पर रोक है. इस वाचलिस्ट में इंडोनेशिया की सारी विमान सेवाएं थीं.
किराना इसे अनुचित बताते हैं. "इससे इस बात में कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं एयरबस विमान खरीदूं या नहीं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि चीजें बेहतर होती रहेंगी." एयरबस से लायन एयर की मदद के लिए सुरक्षा सलाहकार भेजे हैं और राजनयिकों को उम्मीद है कि रोक हटा ली जाएगी. साल के बीच में यूरोपीय संघ अपनी सूची पर पुनर्विचार करेगा.
मकान परियोजना
लायन एयर के हिस्से इंडोनेशिया का 45 प्रतिशत घरेलू बाजार है. किफायती कीमतों पर टिकट बेचने वाली एयरलाइंस का नारा है, "हम लोगों को उड़ाते हैं." एयरलाइंस 60 फीसदी बाजार पर कब्जा करना चाहती है, लेकिन उसके लिए उसे और पाइलटों तथा तकनीशियनों की जरूरत है. उन्हें लुभाने के लिए कर्मचारियों की रिहाइश की परियोजना भी बनाई है. पिछले साल रॉयटर्स के साथ एक इंटरव्यू के दौरान किराना ने लायन एयर विलेज की योजना दिखाई थी. कर्मचारियों के लिए जकार्ता एयरपोर्ट के निकट 3,000 डॉर्मिटरी और 1,000 छोटे घर बनाने की योजना चल रही है.
अब उनका कहना है कि 90 फीसदी काम पूरा हो गया है और उन घरों में कर्मचारी और उनके परिवार के लोगों सहित 10 हजार लोग रह रहे हैं. रुस्दी किराना कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुविधाओं की बात करते हैं, लेकिन उद्योग पर नजर रखने वाले पर्यवेक्षकों का कहना है कि कर्मचारियों को एयरपोर्ट के निकट रखना जाम के लिए बदनाम इंडोनेशिया की राजधानी में फायदेमंद होगा.
किराना के पास अब इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया में घर हैं. लेकिन वे उन दिनों को नहीं भूले हैं जब वे भूखे स्कूल जाया करते थे या 10 डॉलर की पगार पर टाइपराइटर बेचा करते थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अमेरिकी कंपनी ब्रदर के टाइपराइटरों की बिक्री के साथ की. उनके असली भाई ने उनके पढ़ने का खर्च उठाया. दोनों भाईयों ने मिलकर ट्रैवल कंपनी खोली. फिर 2000 में उन्होंने लो कोस्ट एयरलाइंस की नींव रखी.
तीन महीने बाद ही रुस्दी किराना के मन में नई कंपनी को 10 लाख डॉलर में बेच देने का विचार आया, लेकिन उनकी बीबी ने उन्हें ऐसा न करने को मना लिया. पिछले साल दोनों भाइयों और दूसरे मालिकों ने एयरलाइंस को शेयरबाजार में रजिस्टर करने की सोची थी, लेकिन में बाजार की हालत को देखते हुए यह विचार त्याग दिया. अब 2015 में ऐसा करने का इरादा है. तब एयरलाइंस को अपने खाते खोलने होंगे. किराना ने एक बार कहा था, "हम लोगों को बहुत कुछ दिखाना पसंद नहीं करते, हम बस काम करना चाहते हैं. आप मेरे बैंक को फोन कर सकते हैं. वे ऐसी कंपनी को पैसा नहीं देंगे, जो अच्छी नहीं है."
जर्मन बैंक डीवीबी के विमानन विभाग के प्रमुख बैर्ट्रांड ग्राबोव्स्की ने लायन एयर को कई विमान खरीदने के लिए पैसा दिया है. वे उसके विकास से प्रभावित हैं. "मुझे पूरा विश्वास है कि लायन और विकास करेगा और सफल क्षेत्रीय एयरलाइंस बन जाएगा." लेकिन कुछ लोगों को चिंता है कि कम ब्याज दर और पश्चिमी देशों के एक्सपोर्ट क्रेडिट की मदद से लो कॉस्ट एयरलाइंस बाजार को विमानों से भर दे रहे हैं.
एमजे/ओएसजे (रॉयटर्स, डीपीए)