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ड्रीमलाइनर में खतरे की घंटी

११ जनवरी २०१३

दुनिया के सबसे आधुनिक यात्री विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर हिचकोले खाने लगा है. कई खामियां सामने आने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने समीक्षा के आदेश दिए हैं.

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तस्वीर: AP

अलग अलग एयरलाइन कंपनियों को ड्रीमलाइनर विमान में शिकायतें मिल रही हैं. बीते एक हफ्ते में आए दिन ड्रीमलाइनरों में इलेक्ट्रिक फायर, तेल रिसाव, कॉकपिट की विंडशील्ड में दरार और ब्रेक की समस्या सामने आई है. शुक्रवार को जापान की ऑल निपोन एयरवेज को ड्रीमलाइनर में शिकायत मिली. भारत की एयर इंडिया भी ड्रीमलाइनर विमान उड़ा रही है.

जापानी एयरलाइन का कहना है कि बीच उड़ान के दौरान पायलटों के सामने लगी विंडशील्ड में दरार आ गई. घरेलू उड़ान भर रहे विमान को टोक्यो में उतारना पड़ा.

ऑल निपोन के ही दूसरे ड्रीमलाइनर विमान में तेल रिसाव की शिकायत मिली. मियाजाकी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जब विमान की जांच की गई तो इंजन के पास रिसता तेल दिखा. कई एयरलाइन कंपनियां भी ड्रीमलाइनर को लेकर शिकायतें कर चुकी हैं. बीते महीने कतर एयरवेज के प्रमुख ने खुल कर ड्रीमलाइनर की आलोचना कर दी.

Dreamliner / Japan Airlines
जापान के एक विमान में तकनीकी परेशानी आईतस्वीर: dapd

इसके बाद शुक्रवार को अमेरिकी अधिकारियों ने विमान की सुरक्षा की समीक्षा के आदेश दे दिए. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) का कहना है, "एफएए कुछ खास हिस्सों की जांच नहीं करेगा. हम पूरे विमान की जांच करेंगे. इसके डिजाइन और उत्पादन की भी समीक्षा होगी. विमान अत्याधुनिक है, इसकी तकनीक काफी नई है, लिहाजा विस्तृत जांच करनी होगी."

अभी तय नहीं है कि जांच पूरी होने तक ड्रीमलाइनरों को उड़ने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. वैसे इस बात का फैसला खुद एयरलाइन कंपनियां भी कर सकती हैं. हालांकि एफएए का कहना है कि मोटे तौर पर ड्रीमलाइनर सुरक्षित है. अधिकारियों के मुताबिक दो लाख घंटे की परीक्षण उड़ान भरने के बाद ही 787 ड्रीमलाइनर को सुरक्षा प्रमाणपत्र मिला है.

बोइंग के प्रवक्ता मार्क बिर्टेल का कहना है, "किसी भी नई बात के सामने आने पर उसे समझने के लिए हम एफएएफ और अपने ग्राहकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."

बीते दो दशक में अमेरिकी कंपनी बोइंग को यूरोप की विमान कंपनी एयरबस से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है. एयरबस नए मॉडल उतार रहा है. इससे बोइंग पर खासा दबाव है. एयरबस का मुकाबला करने के लिए बोइंग ने 787 ड्रीमलाइनर उतारा.

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एयर इंडिया के पास भी हैं ड्रीमलाइनरतस्वीर: Reuters

2009 में ड्रीमलाइन की परीक्षण उड़ानें शुरू हुईं और 2011 में पहला ड्रीमलाइनर एयरलाइन कंपनी को सौंपा गया. अमेरिकी कंपनी ने ड्रीमलाइनर में नया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगाया है. विमान को हल्का बनाने के लिए मजबूत और हल्के कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया. इससे तेल की खपत कम हुई. बोइंग ने अब तक 50 ड्रीमलाइनर बेचे हैं. 800 और ड्रीमलाइनरों के ऑर्डर कंपनी ले चुकी है.

ड्रीमलाइनर के जवाब में एयरबस ए350 ला रहा है. यह ड्रीमलाइनर से भी किफायती बताया जा रहा है. विमान अभी तैयार नहीं हुआ है लेकिन एयरबस को इसके 550 से ज्यादा ऑर्डर मिल चुके हैं.

ओएसजे/ (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)

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