इराक के विकास के लिए मिले अरबों डॉलर गायब
२८ जुलाई २०१०इराक में पुनर्निर्माण कार्य से जुड़े स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल ने कहा है कि रक्षा विभाग को मिली 96 फीसदी राशि का हिसाब नहीं मिल पा रहा है. हालांकि अमेरिका सेना का कहना है कि ऐसा नहीं है कि फंड गायब है. इतना जरूर हो सकता है कि उनके खर्चा का ब्यौरा ढूंढने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़े.
इराक में विकास कार्य के लिए अमेरिकी कांग्रेस ने 53 अरब डॉलर पास किए थे. अमेरिका के नेतृत्व में एक समिति की ओर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को इराक के लिए 9.1 अरब डॉलर दिए गए थे.
इसका मकसद तेल और गैस से होने वाली कमाई और पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सरकार से जब्त की गई संपत्तियों का फायदा इराकी जनता तक पहुंचना था. इराक में पुनर्निर्माण कार्य की देखरेख से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इस तरह से रकम का गायब होना फंड के गलत इस्तेमाल का शक पैदा करता है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2004 से 2007 के बीच पेंटागन ने 8.7 अरब डॉलर उस फंड से निकाले लेकिन उसका हिसाब ही नहीं मिल पा रहा है. ऑडिट रिपोर्ट का कहना है कि रक्षा विभाग ने वित्तीय और प्रबंधन के स्तर पर नियंत्रण रखने में कमजोरी दिखाई और इसी का नतीजा है कि फंड गायब दिखाई दे रहा है.
जिन रक्षा एजेंसियों को यह धन मुहैया कराया गया था उन्होंने सही ढंग से रकम का हिसाब नहीं रखा और न ही उनके सही इस्तेमाल के लिए किसी संगठन को बनाया.
ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "रक्षा विभाग से जुड़े जिन संगठनों को इराक के लिए विकास राशि मिली, उन्होंने उस धनराशि के खर्च पर सही ढंग से नजर नहीं रखी. कई मामलों में रिकॉर्ड भी पूरे नहीं थे. जैसे एक मामले में पेंटागन यह भी नहीं बता सका कि आखिर किस मद में 2.6 अरब डॉलर खर्च किए गए हैं." लेकिन यूएस ऑर्मी कॉर्प्स ऑफ इंजीनियरिंग और यूएस सेंट्रल कमांड ने इस रिपोर्ट के दावों पर सवाल उठाया है.
सेंट्रल कमांड का कहना है कि जो धनराशि गायब बताई जा रही है कि उससे जुड़े कागजात किसी अमेरिकी शिविर में रखे हो सकते हैं और उन्हें वहां से वापस लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. ऑर्मी कॉर्प्स ऑफ इंजीनियरिंग ने कहा है कि उसने हिसाब किताब कर रहे अधिकारियों को करीब दो अरब डॉलर का हिसाब दे दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह