26/11 की बरसी, पाक पर बरसा भारत
२५ नवम्बर २०१०नई दिल्ली में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने पुष्टि की है कि उनके उच्चायोग को भारत की तरफ से राजनयिक संदेश मिला है, जिसमें पाकिस्तान से मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के कठघरे तक लाने के वादे को पूरा करने को कहा गया है.
कड़ा राजनयिक संदेश देते हुए भारत ने कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि कई मुद्दों पर पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. इनमें हमलों में शामिल सात लोगों के बारे में जानकारी भी शामिल है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन लोगों के बारे में जून में पाकिस्तानी गृह मंत्री से अपनी मुलाकात के दौरान भारतीय गृह मंत्री ने जानकारी मांगी.
इन सात लोगों में पाकिस्तान सेना के दो अधिकारी भी शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान को यह भी याद दिलाया है कि हमलों की साजिश रचने वालों की आवाज के नमूने देने के आग्रह पर भी उसने कोई जबाव नहीं दिया है. 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए दस आंतकवादियों ने मुंबई में कई जगहों पर हमला कर 166 लोगों की जानें लीं. भारत ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के सात आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे में प्रगति न होने का भी जिक्र किया है.
इस बीच मुंबई हमलों की दूसरी बरसी के मौके पर देश में सुरक्षा चौकस कर दी गई है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शांति और सौहार्द्र बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के उपाय करने को कहा है. गृह मंत्रालय ने खास कर महाराष्ट्र और दिल्ली से बाजारों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने को कहा है. आतंकवादी अकसर ऐसी ही जगहों को निशाना बनाते हैं. भीड़भाड़ वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने को कहा गया है ताकि लोगों की पूरी तरह जांच की जा सके.
गोवा में होने वाले अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल को देखते हुए तटीय इलाकों की सुरक्षा के लिए खास तौर से निर्देश दिए गए हैं. वैसे भी गोवा में देसी विदेशी सैलानियों का तांता रहता है. पिछले ही दिनों खुफिया एजेंसियों ने सरकार को सूचित किया कि लश्कर-ए-तैयबा मुंबई में भीड़भाड़ वाली जगहों को निशाना बना सकता है, ठीक उसी तरह जैसे दो साल पहले उसने किया था. अन्य खुफिया सूचना के मुताबिक कश्मीर आतंकी गुट दिल्ली के भूमिगत पालिका बाजार सहित तीन बाजारों को निशाना बना सकते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन