1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

26/11: भारत के साथ खड़ा है अमेरिका

२५ नवम्बर २०१०

संकल्प और हौसला किसी भी आंतकवादी की बंदूक और बम से कहीं ज्यादा ताकतवर होते हैं. इन शब्दों के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भारत के साथ एकजुटता जताई है. मुबई हमलों को दो साल पूरे होने वाले हैं.

https://p.dw.com/p/QHjy
तस्वीर: AP

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आंतकवादी हमलों को याद करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका पूरी एकजुटता से भारत के साथ खड़ा है. इन हमलों में 166 लोग मारे गए जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी थे. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "अब और तब भी, अमेरिकी लोग भारत के साथ खड़े थे."

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी भारत यात्रा के दौरान उसी ताज होटल में ठहरे जिसे आंतकवादियों ने निशाना बनाया. उन्होंने इन हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का पूरी तरह साथ देने की बात कही. क्लिंटन कहती हैं, "राष्ट्रपति ओबामा की हालिया भारत यात्रा आजादी, लोकतंत्र और आपसी सम्मान को लेकर दोनों देशों की साझा सोच को जाहिर करती है."

Mehr als 100 Tote bei Terrorserie in Bombay
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी विदेश मंत्री क्लिंटन ने कहा, "मुंबई के लोग 26 नवंबर 2008 को मारे गए लोगों की याद में जब मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों और सिनेगॉग्स में दुआ करेंगे तो वे संकल्प, हौसले और आपसी सम्मान का संदेश भी देंगे जो किसी भी आंतकवादी बंदूकों और बमों से कहीं ज्यादा जोरदार है."

इस बीच अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान के एक धर्मार्थ संगठन को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल कर लिया है. फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को अल कायदा के उग्रवादियों से जुड़ा बताया जाता है. इस संगठन ने हाल की बाढ़ और सैन्य कार्रवाई के दौरान बेघर हुए लोगों को मदद मुहैया कराई. इस संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य चेहरा माना जाता है.

बुधवार को अमेरिकी सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई में फलाह-ए-इंसानियत, इसके नेताओं और लश्कर से जुड़े दो अन्य आला नेताओं को निशाना बनाया गया है. इस संगठन पर लगे प्रतिबंधों के मुताबिक अगर इस गुट की अमेरिका में कोई संपत्ति है, तो उसे सील कर दिया जाएगा. कोई अमेरिकी इसका समर्थन नहीं कर सकेगा और इसके सदस्यों को अमेरिका नहीं आने दिया जाएगा.

समझा जाता है कि मुंबई हमलों के पीछे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है. इस बारे में भारत पाकिस्तान को सबूतों के कई डोजियर सौंप चुका है, लेकिन अब तक कोई खास कार्रवाई नहीं हुई है. पाकिस्तान का कहना है कि उसे ठोस सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि सात आरोपियों के खिलाफ रावलपिंडी की अदालत में मुकदमा चल रहा है, लेकिन अब तक इस बारे में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. मुंबई हमलों के दौरान पकड़े गए इलकौते पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को मुंबई की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें